भारत के संविधान का मजाक उड़ाते फतवे

Publsihed: 18.Jul.2018, 07:44

अजय सेतिया / इस्लाम का महिला विरोधी चेहरा सामने आ रहा है | जो निदा खान तीन तलाक कहने पर अदालत गई थी, मौलवी ने उस का हुक्का पानी बंद कर दिया है | नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राहुल गांधी से वाजिब सवाल किया था | सवाल यह था कि कांग्रेस सिर्फ मुस्लिम मर्दों की पार्टी है या मुस्लिम औरतों की भी | मुस्लिम महिला निदा खान के खिलाफ फतवा जारी हुआ है , तो कांग्रेस ने जुबान नहीं खोली है | ठीक उसी तरह , जैसे शाहबानों के पक्ष में आए कोर्ट के फैसले पर कांग्रस मुस्लिम मर्दों के सामने घुटने टेक दिए थे | निदा खान के मामले नमें भी हूँ-ब-हूँ वही हो रहा है | निदा खान के खिलाफ फतवा बरेली के शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने जारी किया है | फतवे में कहा गया है कि, अगर निदा खान बीमार पड़ती हैं तो उन्हें कोई दवा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी | अगर उनकी मौत हो जाती है तो न ही कोई उनके जनाजे में शामिल होगा और न ही कोई नमाज अदा करेगा | अगर कोई निदा खान की मदद करता है तो उसे भी यही सजा झेलनी होगी | निदा खान से तब तक कोई मुस्लिम संपर्क नहीं रखेगा जब तक वह सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांग लेती हैं |” क्या भारत का सभ्य आधुनिक समाज इस तुगलकी नस्ल के फरमान को कबूल कर सकता है | मुस्लिम परस्ती करने वाले वामपंथी बुद्धिजीवियों ने भी फिलहाल अपनी जुबान सी ली है |

जिन जिन से भारतीय संविधान की रक्षा के लिए खड़े होने की उम्मींद थी | वे सब चुप्पी साधे हैं | जिस के खिलाफ मुस्लिम मुफ्ती ने फतवा दिया है, उस निदा खान ने खम ठोक कर कहा-“  जो लोग फतवा जारी कर रहे हैं उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए | भारत एक लोकतांत्रिक देश है | “  मुस्लिम बुद्धिजीवियों से भी निदा खान के बचाव में आने की कोई उम्मींद नहीं | राहुल गांधी ने जिन मुस्लिम बुद्दिजीवियों से मुलाक़ात की थी , वे सभी मर्द थे | उन में औरत एक भी नहीं थी | मुस्लिम शायद अपनी औरतों के बुद्धिजीवी होने की उम्मींद भी नहीं करते | उन्हें झाडू बर्तन चौके के अलावा बच्चा पैदा करने की मशीन समझते हैं | जब चाहे तलाक दे कर घर से निकाल सकते हैं | इस लिए उन्हें बुद्धिजीवी बनाने की कोशिश ही क्यों करें | वैसे तो राहुल गांधी की सोशल मीडिया टीम बहुत मजबूत हो चुकी है | पर नरेंद्र मोदी के उस सवाल का जवाब 48 घंटे बाद भी नहीं आया | कांग्रेस इस बात की कोशिश जरुर करती रही कि कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी वाले राहुल के बयान से मुकरा जाए |

सत्र शुरू होने से पहले मोदी-राहुल के आपस पर हमलों से भी इशारा समझना चाहिए | शीत कालीन सत्र में हिन्दू-मुलिम खेल ही खेला जाएगा | मंगलवार को हुई आल पार्टी मीटिंग में सत्र चलाने की कवायद जरुर हुई | पर मोदी का मीटिंग में सिर्फ 15 मिनट के लिए आना ही टकराव का संकेत है | इधर राहुल गांधी को भाजपा के हमले और तेज होने की भनक है | इस लिए मंगलवार को उन ने सभी धर्मों को बराबर सम्मान देने वाली सफाई पेश की | पर इस सफाई में भी वह खुद को कांग्रेस से बड़ा बता कर मजाक का पात्र बन गए | आपातकाल में इंदिरा इज इंडिया कहा गया था | तब देश पर इंदिरा का शासन था | पर आज राहुल यह तो नहीं कह सकते कि वही भारत हैं | सो उन ने कह दिया कि वही कांग्रेस है | राहुल गांधी का सफाई वाला ताज़ा ट्विट इस तरह था-  "मैं पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के साथ खड़ा हूं, जो हाशिये पर धकेला गया है, दमित-पीड़ित है, अत्याचार का शिकार है . उनका धर्म, जाति और आस्था मेरे लिए मायने नहीं रखती. जो दर्द में हैं, उन्हें तलाशता हूं, और उन्हें सीने से लगाता हूं. मैं सभी प्राणियों से प्यार करता हूं. मैं ही कांग्रेस हूं." राहुल गांधी ने भगवत गीता में श्री कृष्ण की तरह कहा है कि कांग्रेस हैं | हालांकि कहना यह चाहते थे कि कांग्रेस बिना धर्म जाती देखे हर दबे, कुचले, पिछड़े इंसान के साथ है | कांग्रेस धर्म के आधार पर किसी का भेद नहीं करती | पर यह ट्विट कांग्रेस हेंडल से न हो कर राहुल गांधी के व्यक्तिगत हेंडल से था | जिस ने उन की खिल्ली उडाई | यह तो महात्मा गांधी ने भी नहीं कहा था कि वही कांग्रेस हैं |  

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