रानी पद्मनी और जौहर को नकारने की जिद्द 

Publsihed: 16.Nov.2017, 23:39

अजय सेतिया / आखिर संजय लीला भंसाली ने राजपूत करणी सेना के सामने घुटने टेक दिए | खबर है कि वह राजपूत समाज को पहले फिल्म दिखाने को राजी हो गए | यह उनने सेंसर बोर्ड को लिख कर दे दिया है | अब अपन को लगता है कि फिल्म में आपत्तिजनक सीन नहीं होंगे | या फिर आपत्तिजनक सीन को हटाने को तैयार हो गए हैं | जो लोग इस विवाद में फिल्मकारों की स्वतन्त्रता का रोना रो रहे थे | उन से अपन सहमत नहीं | आज़ादी का मतलब इतिहास से छेड़छाड़ का हक नहीं हो सकता | फिल्मकार कह रहे थे - यह इतिहास नहीं, फिक्शन है , यानी काल्पनिक कहानी है | अगर यह काल्पनिक कहानी है, तो आप ने फिल्म का नाम पद्मावती क्यों रखा | आप ने फिल्म में चितौड़ का जिक्र क्यों किया | आप ने रावल रत्न सिंह के नाम का इस्तेमाल क्यों किया | अलाउद्दीन खिलजी के नाम का इस्तेमाल क्यों किया | आप को फिक्शन दिखाना है , तो ऐतिहासिक नामों का इस्तेमाल क्यों |  फिल्मकार पूरे देश को मूर्ख समझते हैं | नेहरू की छत्रछाया में वामपंथी इतिहासकारों ने पहले इतिहास से बलात्कार किए | अब वामपंथियों के नए मानसपुत्र उन्हें फिल्मों में दिखाना चाहते हैं | सभी वामपंथी और मुगलों के वंशज संजय लीला भंसाली का आँख बंद कर के समर्थन कर रहे थे | अभी आगे भी करेंगे | पहले तो यह जान लीजिए कि चितौडगढ़ की रानी का नाम पद्मनी था | पद्मावती नहीं, हालांकि उसे पद्मावती भी कहते थे | क्योंकि पद्मनी की मां का नाम चम्पावती था, इस लिए उस का घर का नाम पद्मावती था | रानी पद्मनी बेहद खुबसूरत थी | वह श्रीलंका के एक राज परिवार की राजकुमारी थी | जिसे चितौड़ के राजा रावल रत्नसेन ( रत्न सिंह भी ) स्वयंवर कर के लाए थे | राजा रत्नसेन ने अपने राजदरबार के एक सहयोगी राघव को निकाल दिया था | राघव बदला लेने के लिए अलाउद्दीन खिलजी के दरबार में पहुंचा | वैसे तो खिलजी बाईसेक्सुअल था | उस के मलिक काफूर के साथ बाईसेक्सुअल सम्बन्ध थे | उस का वह रूप भंसाली की फिल्म में होगा या नहीं | यह बहस भी चल रही है | बीबीसी की वेबसाईट में इस पर पूरा लेख छपा है | पर राघव को जब अलाउद्दीन खिलजी की सेक्स भूख का पता चला | तो उस ने चितौड़ की रानी पद्मावती की ख़ूबसूरती के किस्से सुनाए | अलाउद्दीन खिलजी ने हमला कर दिया | हमले के बीच की कई कहानियां हैं | उस ने पद्मावती को बहन बता कर देखने की इच्छा जताई | उसे शीशे में दिखाया गया | तो उस की हवस बढ़ गई | उस की हवस इतनी थी कि उस ने अपनी दो चचेरी बहनों से शादी की थी | उन के पिटा यानी अपने चाचा की हत्या कर के ही वह सुलतान बना था | खैर जंग हुई | एक बार रतनसिंह को बंदी बनाया गया | उसे छुडाया गया | फिर युद्ध हुआ , राजा रत्न सिंह मारा गया | पर अलाउद्दीन जब तक किले में घुसा | रानी पद्मावती ने 16000 हिन्दू औरतों के साथ "जौहर" कर लिया | जौहर का उल्लेख मिलता हुई | जिसमें औरतें अपनी इज्जत बचाने के लिए आग के कुँए में कूद जाती थी | पर वामपंथी इतिहासकार राजपूतों के इस इतिहास को सच नहीं मानते | वे मुगलों को ही महान बताने की धुन में सवार हैं | विवाद के दौरान वामपंथियों और मुगलों के वंशजों ने हिन्दुओं पर उसी तरह हमले किए | जैसे तेहरवी सदी में हिन्दुओं पर हुए थे | कहा गया कि पद्मनी या पद्मावती का इतिहास में जिक्र ही नहीं | उन का तर्क था कि मलिक मुहम्मद जायसी से पहले पद्मनी का कहीं जिक्र नहीं |  तर्क दिया जा रहा है कि जायसी ने काव्य लिखा था | वास्तव में न तो राजा रत्न सिंह या रत्नसेन था और न ही रानी पद्मावती थी | वामपंथियों के इस तर्क को इतिहासकार ओझा जी पहले ही गलत साबित कर चुके है | कुंभलगढ़ का प्रशस्तिलेख में रत्न सिंह का जिक्र है | पउसमें उसे मेवाड़ का स्वामी और समरसिंह का पुत्र लिखा है | यह प्रशस्तिलेख रत्नसिंह की मृत्यु के 157 साल बाद 1460 का है | यानी जायस के 1540 में लिखे काव्य से 60 साल पहले | इस का मतलब साफ़ है कि जायस का काव्य इतिहास पर आधारित था | कपोल कल्पित नहीं | बागपत जिले में जन्मे तेजपाल सिंह धामा ने रानी पद्मनी का शोध किया है | उन ने शोध ग्रन्थ लिखा है-"अग्नि की लपटें |" रानी पद्मनी का अध्ययन करने के लिए उन ने श्रीलंका जा कर शौधग्रंथ भी पढ़े | उन ने अपनी पुस्तक में साबित किया है कि पद्मनी श्रीलंका की राजकुमारी थी | संजय लीला भंसाली इस शोध की अनदेखी नहीं कर सकते थे | इसलिए भंसाली ने अपनी पिटाई के बाद तेजपाल सिंह धामी के साथ एग्रीमेंट साईँन किया | सो अपन कह सकते हैं पिटाई ने कहानी बदली होगी | पर राजपूतों को पद्मनी के रूप में दीपिका पादुकोण का नाच गाना भी पसंद नहीं | जिसे घुमर बता कर दिखाया गया है | लगता है संजय लीला भसाली के घुटने टेकने के बाद हालात सुधर जाएंगे | वरना भारत बंद का एलान हो गया है | अगर भारत बंद हुआ , तो तोड़फोड़ ही नहीं होगी | खून खराबा भी होगा | राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महीपाल मकराना ने नाक तक काटने की धमकी दी है | तो विद्या बालन ने गुप्तांग काटने की धमकी दे दी है | 
 

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