अजय सेतिया / शिव सेना के अखबार सामना ने लिखा था कि समुद्र में रह कर मगरमच्छ से वैर नहीं किया जा सकता | शिव सेना खुद को मुम्बई का वह समुद्र मानती है , जिस से वैर कर के कोई मुम्बई में ज़िंदा नहीं रह सकता | यह धमकी कंगना रनौत को दी गई है , जिस के दफ्तर का छज्जा तोड़ कर पहले सिर्फ चेतावनी देते हुए कहा गया था-“उखाड़ दिया” , बाद की चेतावनी थी कि समुद्र में रह कर मगरमच्छ से बैर करोगी तो जिंदगी से उखाड़ दी जाओगी | असल में इस घमंड की तह में जाने की जरूरत है , बाला साहेब ठाकरे के समय से शिव सेना बड़े से बड़े फ़िल्मी कलाकार से घुटने टिकाती रही है | वे संरक्षण के नाम पर मातोश्री में जा कर चरण भी छूते रहे हैं और भेंट पूजा भी करते रहे हैं | वह भय तब से ज्यादा बन गया है , जब से उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने हैं | भय के साथ साथ स्नेह भी बरस रहा है क्योंकि उद्धव सरकार को कांग्रेस , एनसीपी और कम्युनिस्ट पार्टी का समर्थन है |
पिछले लम्बे समय से बालीवुड पर वामपंथी-मुस्लिम घालमेल का प्रभाव रहा है | यह घालमेल जेएनयू से लेकर शाहीन बाग़ तक दिखा | महेश भट , जावेद अख्तर , शबाना आजमी , अमजद खान , जीशान अयूब , अनुराग कश्यप , दीपिका पादुकोण , स्वरा भास्कर ने जेएनयू में लगे भारत तोड़ो नारों का भी समर्थन किया और शाहीन बाग़ के धरने का भी समर्थन किया | ये सभी बालीवुड के सितारे तब एकजुट हो जाते हैं , जब कोई फ़िल्मी हीरो या हिरोईन का नाम किसी जुर्म में सामने आता है | लेकिन दिव्या दत्ता , जिया खान , श्री देवी , दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर चुप्पी साध लेते हैं , कंगना रनौत को हराम खोर कहा जाता है तो चुप्पी साध लेते हैं | फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग माफिया के राज का पर्दाफाश करने वाली कंगना रनौत की जान का दुश्मन बन जाती है | ड्रग माफिया के खिलाफ बोलने वाले रवि किशन उन की आँख की किरकिरी बन जाते हैं | लेकिन महेश भट्ट गैंग में शामिल रिया चक्रवर्ती ड्रग रेकेट में फंसती है तो फिल्म इंडस्ट्री उस के समर्थन में खडी हो जाती है |
आखिर क्या कारण था कि जया भादुड़ी बच्चन ने कंगना रनौत और रवि शंकर के खिलाफ संसद के मंच का दुरूपयोग किया | उन्हें लगता है कि रवि किशन और कंगना के खुलासे से फ़िल्मी दुनिया की बदनामी हुई है , इस लिए शिव सेना की भाषा का इस्तेमाल करते हुए इन दोनों को यहाँ तक कह दिया कि जिस थाली में खाते हैं , उसी में थूकते हैं | जया भादुड़ी बच्चन की थाली की धज्जियां तो रवि किशन और कंगना के अलावा सोशल मीडिया पर हर कोई बजा रहा है , लेकिन जिस तरह जया बच्चन ने बाला साहेब ठाकरे की ओर से अमिताभ बच्चन को मिले संरक्ष्ण के कर्ज की अदायगी की है , उस से सारे देश में उन के खिलाफ गुस्से की लहर है | ड्रग माफिया के फिल्म इंडस्ट्री के साथ रिश्तों की पोल खुलने पर फिल्म इंडस्ट्री की बदनामी से वह जिस तरह तिलमिलाई हैं , कुछ सवाल तो उन पर भी बनते ही हैं |
फ़िल्मी सितारों में से कइयों की तस्वीरें भारत से भागे हुए आतंकी दाउद इब्राहीम के साथ दिखी थीं और दाउद के दिए हुए एके 56 के साथ ही संजय दत्त पकड़ा गया था , क्या तब फ़िल्मी दुनिया की बदनामी नहीं हुई थी | मुंबई हमलों (26/11) की साजिश रचने वाले डेविड हेडली ने जब कहा था कि उसने भट्ट को 26/11 को दक्षिणी मुंबई की तरफ ना जाने की सलाह दी थी और महेश भट्ट के बेटे ने ही उसे दिल्ली का चप्पा चप्पा दिखाया था , तब फिल्म इंडस्ट्री की बदनामी नहीं हुई थी | नशे में धुत हो कर कोई फ़िल्मी हीरो फुटपाथ पर सोए किसी अल्पसंख्यक को मौत के घाट उतार देता है , काले हिरन को मार देता है , और दोनों बार खुद के शामिल नहीं होने का झूठ बोलता है तो फिल्म इंडस्ट्री की बदनामी नहीं होती | जबकि सच हर कोई जानता है |
क्या जया बॉलीवुड में “कास्टिंग काउच” स्टिंग आपरेशन को भूल गई , तब जया भादुड़ी बच्चन को फिल्म इंडस्ट्री की बदनामी का दर्द क्यों नहीं हुआ था | उन्हें तब भी कोई शर्म नहीं आई थी जब स्टिंग आपरेशन पर सरोज खान ने कहा था “इंडस्ट्री कम से कम रोटी तो देती है | रेप करके छोड़ तो नहीं देते ?”इन बातों से जया बच्चन को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह उस समाजवादी पार्टी की सांसद हैं , जिस के मुखिया मंच पर खड़े हो कर बलात्कारियों का समर्थन करते हुए कहते है , बच्चे हैं गलती हो जाती है |
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