कांग्रेस की गुजरात में गिनती रोकने की कोशिश नाकाम 

Publsihed: 16.Dec.2017, 09:24

अजय सेतिया / उधर गुजरात के चुनाव निपटे | इधर संसद का शीत कालीन सत्र शुरू हो गया | यों तो सोमवार को गुजरात के नतीजे आने के बाद सत्र का रुख तय होगा | पर एक्जिट पोलों के नतीजों से कांग्रेसियों के मुहं उतरे हुए थे | कोई एक्जिट पोल कांग्रेस की हालत सुधरी हुई नहीं बता रहा | भाजपा को हराना तो दूर की बात | हाँ कांग्रेसियों ने रिजल्ट से पहले अपने नेता राहुल गांधी का स्वागत जरुर किया | वह तो बनता ही है | कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सासंदों को उन के पहले दर्शन थे | इंदिरा गांधी के जमाने से कांग्रेस में ढोल-बाजों की परम्परा रही है |  कांग्रेस दफ्तर में शनिवार को ढोल-बाजे बजेंगे | जब राहुल शनिवार को अधिकारिक रूप से पार्टी की कमान संभालने जाएंगे | संसद भवन परिसर में आज-मां बेटा कुछ देर इक्कट्ठे थे | इसी बीच  सोनिया से मीडिया का आमना-सामना हुआ | तो मीडिया से पूछा गया कि अब राहुल अध्यक्ष बन गए हैं , तो अब उनकी  क्या भूमिका क्या होगी |  इस पर उन्होंने कहा कि मैं रिटायर हो रही हूं | इस खबर पर भी बवाल मच गया | मीडिया ने रिटायरमेंट की खबर चलाई तो कांग्रेस को स्पष्टीकरण देना पडा कि वह राजनीति से सन्यास नहीं ले रहीं | सोनिया का संतुष्ट होना स्वाभाविक है | वह प्रियंका को किनारे कर राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनवाने में कामयाब रही | अब तक राहुल इसी फच्चर की वजह से अध्यक्ष नहीं बन पाए थे |  कांग्रेस का एक खेमा राहुल की कारगुजारी से कोई उम्मींद नहीं रखता | यह खेमा प्रियंका को लाने की मांग रखता रहा है | अब सतीश शर्मा ने प्रियंका वढेरा को कांग्रेस महासचिव बनाने का सुझाव रखा है | खैर अपन कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति पर चले गए | अपन बात संसद के शीत सत्र की कर रहे थे | सत्र से ठीक पहले बृहस्पतिवार रात लोकसभा टीवी पर चर्चा हो रही थी | तो अपन ने दो बातें दो-टूक कहीं थी | पहली यह कि शीत सत्र को चुनाव के कारण टालना और फिर छोटा करना गलत है | दूसरी बात अपन ने यह कही कि संसद का सत्र साल में कम से कम 100 दिन होना चाहिए | एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार ने अपना समर्थन करते हुए कहा इसे स्टेचुरी किया जाना चाहिए | मोदी सरकार जब अनेक नई चीजें कर रही है , तो यह क्यों नहीं | यूपीए सरकार के समय से सत्र की अवधि में गिरावट आई है | 2011 से सत्र औसतन 70 दिन चल रहा है | एनडीए के शाषण काल में कोई सुधार नहीं हुआ | इस बार का शीत सत्र तो सिर्फ 11 दिन चलेगा | जबकि आमतौर पर हर सत्र 30 दिन चलना चाहिए | लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना जरुरी है | जैसे चुनाव सुधारों की भी जरुरत है | इस का जिक्र शुक्रवार को सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस ने भी कांग्रेस की याचिका पर किया | कांग्रेस ने एक्जिट पोल में हार की खबर के बाद शुक्रवार को सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था | कांग्रेस की तरफ से अभिषेकमनु सिंघवी पेश हुए | कांग्रेस ने अपनी याचिका में कहा था कि 20 फीसदी सीटों पर वीवीपेट की गिनती भी की जाए | यह आईडिया बुरा नहीं है | पर आख़िरी समय में यह आईडिया उठाना कांग्रेस की नियत पर सवाल खड़ा करता है | कांग्रेस को पता है कि कोर्ट चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक आयोग के काम में दखल नहीं देती | यह बात पहले उठाई जानी चाहिए थी | उस समय जब पेपर ट्रेल की मांग उठाई थी | जब चुनाव आयोग ने पेपर ट्रेल से चुनाव करवाने का एलान किया था | फिर 20 फीसदी सीटों पर ही गिनती क्यों | सारी सीटों पर क्यों नहीं | असल में कांग्रेस का इरादा चुनाव नतीजों पर शक पैदा करना है | इस लिए अब वोटिंग मशीन पर सवाल शुरू कर दिया है | कांग्रेस ने पहले वोटिंग मशीन पर सवाल उठाया था | पर पजांब में इसी वोटिंग मशीन से जीते अमरेन्द्र सिंह ने कांग्रेस के विरोध को फिजूल बता दिया | तो कांग्रेस को चुप्पी साधनी पडी | कांग्रेस पंजाब के अलावा पांडिचेरी में भी चुनाव जीती है | कांग्रेस 2004 और 2009 में इसी वोटिंग मशीन से लोकसभा चुनाव जीती थी | अफवाहें उड़ाईं गई कि जिस देश से लाई गई हैं, उस देश ने मशीनों का इस्तेमाल बंद कर दिया है | पर उन्हें यह ही नहीं पता कि वोटिंग मशीनें कहीं से नहीं लाई गई | यह सरकारी हिन्दुस्तान इलेक्ट्रानिक की तकनीक है | जिस की चुनौती है कि इसे टेम्पर नहीं किया जा सकता | खैर हताश कांग्रेस शुक्रवार को सुप्रीमकोर्ट से भी निराश हुई | सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव नतीजे टालने की कांग्रेसी कोशिश नाकाम कर दी | सुप्रीमकोर्ट ने कांग्रेस की याचिका खारिज करते हुए कहा -" इसे चुनाव सुधारों संबंधी व्यापक याचिका के साथ जोड़ो |" अब जाते जाते बता दें | कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं | राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलामनबी आज़ाद ने शरद यादव की बर्खास्तगी को मुद्दा बना कर हंगामा किया | चेयरमैन वंकैया नायडू के फैसले को चुनौती दी | शरद यादव हाई कोर्ट भी गए थे | पर शाम होते होते हाईकोर्ट ने शरद यादव की याचिका खारिज कर दी | आप को याद होगा सोमनाथ चेटर्जी ने जिद्द कर के 10 सांसदों को बर्खास्त किया था |  तब भी कोर्ट ने बर्खास्त सांसदों की याचिका खारिज कर दी थी | कोर्ट को पीठासीन अधिकारी के फैसले पर दखल का कोई हक़ ही नहीं | संसद में पीठासीन अधिकारी ही सर्वोच्च है | 

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