कांग्रेस ने पहचान लिए बेरोजगारों-किसानों के मुद्दे 

Publsihed: 14.Jun.2017, 23:08

मुरारी बापू आज-कल केदारनाथ में हैं | कथा के शुरू में उन ने मोदी सरकार के तीन साल का जिक्र किया | उनने कहा कि गुजरात के दिव्य भास्कर ने एक विशेष अंक निकाला | जिस में मोदी के तीन साल का लेखा-जोखा था | दिव्य भास्कर के रिपोर्टर ने बापू से भी फोन कर के पूछा | तो बापू ने उसे कहा-" मैं सब से दूरी रखे हुए हूँ | मुझे कोई लेना देना नहीं राजनीति से | लेकिन मैं इतना कह सकूंगा कि इस आदमी की राष्ट्र भक्ति पर कोई माई का लाल उंगली नहीं उठा सकता |  बाकी राजनीति तो साम दाम दंड भेद की होती है | कोई खुद को दूध का धुला नहीं कह सकता |" यह तो रही बापू की बात | अपन ने मोदी सरकार की तीसरी सालगिरह पर चिंता के पांच मुद्दे गिनाए थे | उस में से नक्सलवाद और आतंकवाद को बाजू रखें | तब तीन बड़े मुद्दों का जिक्र अपन ने 26 मई के बाद बार बार किया | ये तीन मुद्दे हैं किसान, बेरोजगार युवक और कश्मीर | अपन को तब अंदाज भी नहीं था कि तीनों मुद्दे चंद दिनों में सिर चढ़ कर बोलेंगे | पहले महाराष्ट्र में आन्दोलन हुआ | फिर मध्य प्रदेश में हुआ | अब राजस्थान, हरियाणा में तैयारी है | राजस्थान में किसानों का मोर्चा सीपी जोशी ने सम्भाला है | किसानों के मुद्दे पर अपन ने उन की घंटा भर लम्बी प्रेस कांफ्रेंस फेसबुक पर लाईव देखी | उन ने खुलासा किया कि कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे उठाने की तैयारी की है | इस से साफ़ जाहिर हो गया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का ही प्रयोग था | जिस ने भाजपा की नींद उड़ा दी | हालांकि शिवराज सिंह के राज में मध्यप्रदेश की किसानी ने तरक्की भी जम कर की | एमपी की  गेहूं ने देश-दुनिया में क्वालिटी के झंडे गाड़े | पर जब अपने ही गढ़ मंदसौर में किसान आन्दोलन खडा हुआ | तो भाजपा के पाँव उखड गए | कर्नाटक , पंजाब और हिमाचल को छोड़ कर कांग्रेस की तैयारी सब जगह है | हालांकि पंजाब में भी किसान आन्दोलन सुलग रहा है | जो अमरेन्द्र सिंह की नींद हराम करेगा | हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा आज कल सीबीआई में चक्कर काट रहे हैं | उन ने किसानों  का मुद्दा उठाने का इशारा करते हुए कहा -" मैं फोर्मर चीफ मिनिस्टर नहीं हूँ , फारमर चीफ मिनिस्टर हूँ |" बिलकुल ऐसा ही इशारा बुधवार को राज बब्बर ने भी कर दिया |  उन ने कहा-"मोदी और योगी सरकारें  किसानों और नौजवानों की उपेक्षा कर रहीं हैं | मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो गए | योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने वाले हैं | दोनों ने ही  बेरोजगारों, नौजवानों और किसानों को निराश किया है | इस लिए कांग्रेस अब यूपी में किसानों और बेरोजगार नौजवानों की पंचायत और चौपाल लगाएगी | जिसकी शुरुआत 15 जून को अलीगढ़ से होगी | " बेरोजगारी की हालत और भी खराब है | सरकार मुद्रा और स्टार्ट-अप जैसी योजनाओं को रोजगार बता रही है | रोजगार के जमीनी आंकड़े बेहद निराशाजनक हैं | पर नीति आयोग में बैठे अरविन्द पनगडिया  नहीं मानते | वह मोदी को अपने आंकड़े बता रहे हैं | जिस से भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता भी सहमत नहीं | रोजगार के बंद दरवाजे खोलने होंगे | अब मोदी ने इस सन्डे पनगडिया की क्लास लेने का फैसला लिया है | रोजगार का मामला भी किसानों की तरह टेढा होता जा रहा है | अपन को रूडकी आईआईटी से कोई बता रहा था-" इस बार 25 फीसदी आईआईटी पास को प्लेसमेंट नहीं मिला |" अगर आईआईटी का यह हाल है, तो बाकी संस्थानों का क्या हाल होगा | इसी लिए कांग्रेस ने किसानों-बेरोजगारों को उकसाने का फैसला किया है | वैसे मरी पड़ी कांग्रेस किसानों और नौजवानों को अपने साथ जोड़ ले | तो बहुत बड़ी बात होगी | मध्यप्रदेश की बात कुछ और है | वहां की अंदरुनी भिडंत की बात अपन पहले लिख चुके | जिस का फायदा कांग्रेस को मिला | अपने गिनाए-बताए तीन मुद्दों में से दो किसानों और बेरोजगारी को कांग्रेस ने पकड़ लिया है | नरेंद्र मोदी ने किसानों और बेरोजगारों को अच्छे दिन का वादा किया था | अब या तो उन्हें किसानों-बेरोजगारों को अच्छे दिनों का एहसास करवाना होगा | या फिर सामना करना होगा | यही बात अपन ने 26 मई को कही थी | दो साल बाकी हैं , पर काम करने को डेढ़ साल ही बचा है | मोदी सरकार का वादा किसानों को लागत से डेढ़ गुना दिलाने का था | जबकि मिनिमम सपोर्ट प्राईस में बढौतरी नाममात्र की हुई है | मोदी कर्जमाफी के हक़ में नहीं थे | चिदम्बरम किसानों को कर्जमाफी का खून में में लगा गए | अब किसान कर्ज वापसी को तैयार नहीं | मोदी ब्याज में 5 फीसदी सब्सिडी का फार्मूला ले कर आए थे | जिसे बुधवार की केबिनेट ने और एक साल के लिए बढ़ा दिया | सरकार को अपनी जेब से 20339 करोड़ देना होगा | पर योगी और फडनवीस ने मोदी को कर्ज माफी के जाल में फंसा दिया | अब सारे राज्यों में मांग उठ रही है | जेटली के साफ़ मना करने के बावजूद मोदी ने योगी को दस हजार करोड़ दे दिए | पर यह कर्जमाफी की भेडचाल राज्यों को बर्बाद कर देगी | सभी राज्यों का 12 लाख करोड़ रुपया किसानों पर कर्ज बाकी है | कर्जमाफी के चुनावी वादे मत करिए , अपनी नीतियाँ ठीक करिए | तब किसान समृद्ध होगा, जो आप का चुनावी वादा था | मिनिमान सपोर्ट प्राईस बढाइए | गेहूं,धान, दालों का आयात बंद करिए |   

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