जीएसटी लगता तो 44 रूपए लीटर होता पेट्रोल 

Publsihed: 14.Sep.2017, 04:51

नरेंद्र मोदी के दो भाषणों की वीडियो टेप सोशल मीडिया में चर्चित हैं | पहली वीडियो टेप लोकसभा चुनाव से पहले की है | जिसमें वह पेट्रोल की कीमतें बढ़ने को मनमोहन सरकार की नाकामी का सबूत बता रहे हैं | मोदी ने 26 मई को पीएम पद की शपथ ली थी | तो दिल्ली में पेट्रोल 71.41 रुपये प्रति लीटर  था | डीजल 56.71 रुपये प्रति लीटर था | मोदी का नसीब अच्छा था जो उन के पीएम बनने  के बाद अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में तेल की कीमतें घट गई | तो भारत में भी कीमतें घटीं थी | दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 58.91 रुपये हो गई थी | और डीजल 48.26 रुपए प्रति लीटर हो गया था | जिस का सेहरा मोदी ने अपने सिर पर बांधा था | मोदी के पीएम बनने के आठ महीने बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव के चुनाव थे | तब उन ने पहली फरवरी 2015 को एक रैली में जो कहा | वह दूसरी वीडियो टेप में हियो | उस में वह कह रहे हैं - "क्या डीजल पेट्रोल के दाम कम हुए हैं कि नहीं...क्या आपकी जेब में पैसा बचने लगा है की नहीं...अब विरोधी कहते हैं कि मोदी नसीबवाला है...तो अगर मोदी का नसीब जनता के काम आता है तो इससे बढ़िया नसीब की क्या बात हो सकती है...आपको नसीब वाला चाहिए या बदनसीब ? " अपनी इन्हीं टेपों के कारण नरेंद्र मोदी जनता के कटघरे में हैं | मोदी सरकार बने सवा तीन साल हो गए | अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गई हैं | अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 53 फीसदी तक कम हो गए हैं | पहली जुलाई, 2014 को कच्चे तेल की कीमत 112 डॉलर प्रति बैरल थी | उस दिन देश में पेट्रोल का दाम 73.60 लीटर था |  बुधवार यानी 13 सितंबर, 2017 को कच्चे तेल का भाव 54 डॉलर प्रति बैरल थे | बुधवार को देश में पेट्रोल के दाम 70.38 रूपए लीटर थे | भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें साल 2014 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है | बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल 70.38 रूपए थी | मुंबई में तो पेट्रोल के दाम बुधवार को करीब 80 रुपये लीटर था | यानि वही ढाक के तीन पात | मोदी का नसीब अच्छा होने का फायदा देश की आम जनता को नहीं मिल रहा | उन दोनों वीडियो को सोशल मीडिया पर चला कर जनता पूछ रही है-"नसीब किस के खुल रहे हैं ?" इसके पीछे  वजह यह है कि तीन सालों में सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कई गुना बढ़ा दी है | मोटे अनुमान के अनुसार पेट्रोल पर ड्यूटी 10 रुपये लीटर से बढ़कर करीब 22 रुपये हो गई है | आइये हम आपको बताते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें अपन को कैसे लूट रही हैं | और मोदी इस बेईमानी भरी लूट पर मौन साधे हुए हैं | अपना हमेशा से मानना है कि ब्यूरोक्रेसी देश के विकास में रोड़ा है | लोकतंत्र के रास्ते में भी रोड़ा है |  ब्यूरोक्रेसी ही मोदी का बंटाधार करने में लगी है | पर मोदी को उन्हीं पर ज्यादा भरोसा है | ब्यूरोक्रेसी की बात मानने वाला कोई नेता अपनी लोकप्रियता बरकरार नहीं रख सकता | अपन को डर है कि यही हाल कहीं मोदी का भी न हो, जिसे जनता बड़ी उम्मींदों से लाई थी | अब बताते है कैसे लगभग 27 रुपये का पेट्रोल 70 और 80 रुपये का हो जाता है | एक लीटर पेट्रोल की रिफाइनरी से खरीदने की कीमत 26.65 रुपये होती है |  इस पर 4.5 रुपये मार्केटिंग मार्जिन और खर्च आता है | डीलर का कमीशन 3 रुपये 24 पैसे होता है | यानि कुल मिलाकर हुआ 34.39 रूपए | केंद्र सरकार हर लीटर पर  21.48 रुपये सेंट्रल टैक्स लगाती है | राज्य सरकार लोकल वैट और सेस 14.96 रुपये लगाती है | इस तरह 34.39 रूपए लीटर वाला पेट्रोल अपन को  दिल्ली में 70 रूपए का मिलता है | यानि मार्जिन और डीलर की कमिशन समेत 34 रूपए की मूल लागत पर 36 रूपए का टेक्स | भारत में जीएसटी सिस्टम लागू हो चुका है | दुनिया के हर देश में पेट्रोल डीजल भी जीएसटी के दायरे में आता है | ऊपर से 18 फीसदी का कैप भी है | पर मोदी सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी से बाहर रख दिया | अगर पेट्रोलियम पदार्थ भी जीएसटी में होते तो अधिकतम 28 फीसदी जीएसटी लगता | जो 34.39 रूपए की लागत पर 9.63 रूपए बनता | तब दिल्ली में पेट्रोल 44 रूपए लीटर मिलता | यानि जनता की जेब पर डाका मारने में कांग्रेस,आप,तृणमूल,अन्नाद्रमुक, बीजेडी सब ने मोदी सरकार का साथ दिया | तभी तो जीएसटी पास हुआ | अरुण जेटली कहते हैं -इन सब की जिद्द के कारण पेट्रोल-डीजल को जीएसटी से बाहर रखना पडा | कांग्रेस चाहती तो बिना पेट्रोल-डीजल वाला जीएसटी कभी पास नहीं होता | राज्यसभा में कांग्रेस का बहुमत था | अपन ने तब कांग्रेस के स्टेंड का समर्थन किया था | जब कांग्रेस 18 फीसदी अधिकतम जीएसटी का कैप लगाने पर अड़ी थी | पर कांग्रेस ने खुद ही मुख्यमंत्रियों के आगे घुटने टेक दिए | जिन की जिद्द में पेट्रोल-डीजल और शराब जीएसटी से बाहर रखे गए | मनमाने टेक्स लगाने के लिए | अठारह फीसदी का कैप भी नहीं लगा | 

 

 

 

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