रोहिंग्या बसाए गए तो हिन्दू कंहा पलायन करेंगे 

Publsihed: 15.Oct.2017, 00:47

अजय सेतिया / घुसपैठिए रोहिंग्या मुसलमान आतंकवादी है तो कार्रवाई होनी चाहिए | पर  निर्दोष और बच्चे आदि परेशान नही होने चाहिए | बात शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कही | अलबत्ता बीच का रास्ता अपनाया है | कोर्ट ने जहां एक तरफ कहा कि ये मानवीय समस्या है | पर दुसरे ही सांस कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक और लेबर व भौगोलिक पहलू भी महत्वपूर्ण है | मानवीय पहलू के आधार पर याचिका दायर की गई है | राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक और लेबर व भौगोलिक पहलू की दलील सरकार ने दी है | यानि तू भी सही, वह भी सही | ऐसे लगा जैसे सुप्रीमकोर्ट भी घुसपैठियों के मुद्दे पर राजनीति से प्रभावित है | इस लिए संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है | उम्मींद थी कोर्ट फैसला करेगी | सरकार के स्टैंड में कोई बदलाव नहीं | पर कोर्ट ने कोई फैसला नहीं किया | अगली सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की है | भारत सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजना चाहती है |  पर देश सारे मुसलमान रोहिंग्या का पक्ष ले रहे हैं | वे चाहते हैं घुसपैठिए मुसलमान हैं | इस लिए उन्हें म्यांमार वापस नहीं भेजना चाहिए | टीवी चैनलों पर आने वाले सारे मुस्लिम इसे साम्प्रदायिक मुद्दा बता रहे हैं | उन की दलील है कि जब जर्मनी ने सीरिया के दस लाख मुसलमानों को शरण दे दी | तो भारत रोहिंग्या मुसलमानों को शरण क्यों नहीं दे रहा | यानी भारतीय मुसलमान घुसपैठियों  के सिर्फ मुसलमान होने के कारण उन की सुपोर्ट कर रहे हैं | मानवता उन के जहन में ज़रा भी नहीं है | "देश " की सुरक्षा  तो किसी के जहन में जानबूझ कर नहीं है | हर मुद्दे पर हिदू विरोधी स्टेंड लेने वाला सेक्यूलर टोला भी रोहिंग्या को शरण देने की पैरवी कर रहा है | घुसपैठियों के मुद्दे पर देश हिन्दू -मुसलमान आधार पर बंट गया है | केंद्र सरकार ने घुसपैठियों को वापस भेजने का स्टैंड लिया हुआ है | सरकार ने कहा है कि देश की सुरक्षा सब से जरूरी है | रोहिंग्या मुसलमान न सिर्फ आतंकवादी वारदातें कर सकते हैं | अलबत्ता गैर कानूनी कार्यवाइयों में भी सक्रिय हैं | सरकार ने शुरू में ही कोर्ट में कहा था कि कोर्ट को इस में दखल नहीं देना चाहिए | इस के बावजूद कोर्ट सुनवाई कर रहा है | कल को अगर रोहिंग्या मुसलमानों ने कोई बड़ी वारदात कर दी तो कौन जिम्मेदार होगा | क्या सुप्रीमकोर्ट जिम्मेदारी लेगी ? अब कोर्ट को लगता है कि मानवाधिकार का इमोशनल मुद्दा ज्यादा न उठाया जाए | अलबत्ता कानूनी पहलू पर ज्यादा जोर दिया जाए | कानूनी पहलू यह है कि संविधान में मानवाधिकार नागरिकों को दिए गए हैं | घुसपैठियों को नहीं | इसीलिए शुक्रवार को कोर्ट ने गेंद सरकार के पाले में डाल दी | कोर्ट ने कहा कि आतंकवादी है तो कार्रवाई होनी चाहिए | पर निर्दोष और बच्चे आदि परेशान नही होने चाहिए | अगर कोई इमरजेंसी के हालात बनाते हैं तो  याचिकाकर्ता कोर्ट मे मेंशन कर सकता है | एक तरह से कोर्ट ने कहा कि सरकार देश को सुरक्षा देने की अपनी भूमिका निभाए | रोहिंग्या मुसलमानों को देश से भले निकाले | बस बच्चों -महिलाओं के मानवीय पहलू को ध्यान में रखें | इस के बाद भाजपा के दो मुख्यमंत्रियों ने कडा स्टेंड ले लिया है | यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का आदेशनुमा बयान आया है | योगी ने रोहिंग्या को बाहर निकालने के आदेश दे दी हैं | खबर है कि बंगाल के बाद सब से ज्यादा रोहिंग्या यूपी में ही हैं | असम के भाजपाई मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने भी हुक्म जारी किया है | उनने राज्य की पुलिस को छानबीन के आदेश दे दिए हैं | पर उन के आदेश व्यापक अर्थ लिए हुए हैं | उनने सभी संदिग्धों की शिनाख्त के आदेश दिए हैं | जिन के फर्जी आधार कार्ड बन गए होंगे | वे तो रहेंगे , बाकी निकाले जाएंगे | शिनाख्त में बांग्लादेशी भी शिकंजे में आएँगे | बाहर निकालने के इरादे से रोहिंग्या की शिनाख्त का आदेश सब से पहले गृह मंत्रालय ने दी थे | पर शुक्रवार की कोर्ट कारवाई के बाद राजनाथ सिंह ने कहा जो भी फैसला होगा, वो कोर्ट के मुताबिक होगा | यानी सरकार अगली तारीख तक कुछ ख़ास नहीं करेगी | पर राज्यपाल तथागत रॉय की चतावनी गौर करने लायक है | उन ने कश्मीर याद दिलाया है | जहां मुसलमानों के बहुमत ने हिन्दुओं का [पलायन क्लार्वा दिया | तथागत राय ने चेतावनी दी है कि रोहिंग्या मुस्लिमों को देश में बसाया | तो हिंदुओं को पलायन करना पड  सकता है | पर अहम सवाल यह है कि हिन्दू पलायन करेंगे कहाँ ? 
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