सौदेबाजी के माहिर हैं सुशाषण बाबू नीतीश कुमार 

Publsihed: 12.Jul.2017, 23:22

महागठबंधन धीरे-धीरे दरक रहा है । सिद्धांतहीन गठबंधन कुछ दिन तो चल सकता है । पर लम्बा नही चल सकता । लालू यादव के साथ राजनीति करना इतना ही आसान होता । तो पहले ही जार्ज और नीतिश अलग क्यो होते । यूपीए राज तक चारा घोटाले में लालू यादव का कुछ नहीं बिगड़ा था । कांग्रेस 1999 से लगातार लालू को बचा रही थी | जब कांग्रेस ने सौदेबाजी कर राबडी को सीएम बनवाया था | जब यूपीए सरकार बनी, तो लालू को रेल मंत्री भी बनाया | यूंपीए -1 में सब मंत्री लूट रहे थे, तो लालू यादव ने भी बहती गंगा में हाथ धोए | हाल ही में लालू यादव ने दावा किया कि वह चाहते तो जितना चाहे कमा लेते | पर कमाया कुछ नहीं | सीबीआई  और ईडी आए दिन छापेमारी कर लालू के इसी दावे की पोल खोल रही है | लालू के दावे में कितना दम होगा | इस का अंदाजा तो इसी बात से लगा लीजिए कि सोनिया ने यूपीए-2 में उन्हें मंत्री नहीं बनाया था | इसके बावजूद लालू का बचाव जारी रहा | 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले लालू को सजा हो गई | वह चुनाव लड़ने से महरूम कर दिए गए | तब भी सोनिया-मनमोहन ने लालू को बचाने की रणनीति बनाई थी | एक अध्यादेश तैयार कर लिया गया था | अध्यादेश के रास्ते चुनाव लड़ने से महरूम करने वाला कानूनी हिस्सा हट रहा था | अध्यादेश राष्ट्रपति भवन पहुँच गया था | तभी राहुल गांधी ने प्रेस क्लब आफ इंडिया की प्रेस कांफ्रेंस में पहुँच कर उस अध्यादेश की कापी फाड़ दी | राहुल गांधी को हीरो बनाने का जोरदार नाटक था यह | मनमोहन सरकार की किरकिरी करा के राहुल को हीरो बनाया गया | लालू घुन की तरह पिस गए | लालू कुछ दिन जरुर राहुल के खिलाफ मुहं फुलाए रहे | पर 2014 का चुनाव यूपीए बुरी तरह हार गया | तो अब राहुल भी जमीन पर हैं, लालू भी रास्ते पर हैं | लालू यूपीए की मीटिंग में उसी राहुल की बगल में बैठते हैं | बिहार का लालू -नीतीश गठबंधन भी सोनिया-राहुल ने करवाया | राजनीति में इस से ज्यादा दोहरापण और क्या होगा | प्रेस क्लब में दिखाई आदर्शवादिता धरी रह गई | कांग्रेस लालू -नीतीश का गठबंधन करवा कर खुद भी सत्ता में आ गई | पर सुशाषन बाबू तब से कसमसा रहे हैं | लालू और उनके बेटे बेटियों की यूपीए राज में बनी नामी-बेनामी संपत्तियों के भण्डार खुल रहे हैं | सीबीआई आए दिन छापे मार रही है | करोडो-अरबों की सम्पत्ति का हिसाब-किताब नहीं मिल रहा | सम्पत्ति बनी कैसे-कोई जवाब नहीं बन पा रहा | संपत्तियां कुर्क हो रही हैं | चार्टर अकाउटेंट तक जेल की हवा खा रहा है | अब नीतीश कुमार को समझ में आ रहा है कि उन से कितनी बड़ी राजनीतिक भूल हुई | इस खेमे में भी प्रधानमंत्री के दावेदार तो राहुल ही होंगे | लालू के दो बेटे नीतीश सरकार में मंत्री हैं | छोटा तेजस्वी तो डिप्टी सीएम है, बडका तेजपाल मंत्री है | नीतीश ने नोटबंदी के वक्त से ही सोनिया-राहुल-लालू से किनारा करना शुरू किया कर दिया था | राष्ट्रपति के चुनाव में स्थिति और साफ़ कर दी | उप राष्ट्रपति के चुनाव की स्थिति अभी साफ़ नहीं | सोनिया की बुलाई बैठक में गए शरद यादव अब नीतीश के प्रतिनिधी नहीं रहे | नोटबंदी पर शरद यादव की नीतीश से राय अलग थी | राष्ट्रपति उम्मींदवार पर भी राय अलग-अलग थी | बुधवार की बैठक में जब शरद यादव ने किसानी की बदहाली का मुद्दा उठाया | तो राहुल गांधी के इशारे पर सीता राम येचुरी ने पूछ लिया-" किसानों के बारे में यह राय जदयू की है या उनकी अपनी |" अब झेंप मिटाने को बेचारे शरद यादव क्या कहते | उनने किसानों की दुर्दशा पर अपनी राय को नीतीश बाबू की राय भी बताया | पर बात बिहार में दरकते गठबंधन की | नीतीश कुमार ने 72 घंटे में तेजस्वी से सफाई माँगी है | वह जब सीबीआई को सफाई नहीं दे पा रहे, तो नीतीश बाबू को क्या देंगे | लालू -तेजस्वी पटना में बैठे मोदी के खिलाफ छटपटा रहे हैं | सोनिया-राहुल दिल्ली में बैठे | एक गठबंधन की राजनीति का ही तो सहारा था | सोनिया गांधी ने नीतीश कुमार को फोन किया है | राहुल गांधी ने भी नीतीश बाबू को फोन किया है | लालू यादव ने भी नीतीश कुमार को फोन किया है | फिलहाल नीतीश ने दोनों तरफ एक एक पाँव रखा हुआ है | राष्ट्रपति पद के लिए पाँव एनडीए के खेमे में | उप-राष्ट्रपति पद के लिए दूसरा पाँव यूपीए के खेमे में | नीतीश एनडीए से भी सौदेबाजी कर रहे हैं | सौदा न पटा तो लालू से तेजस्वी के बदले तेजपाल को डिप्टी सीएम बनाने का सौदा पट जाएगा | छवि बनी रहेगी |

 

आपकी प्रतिक्रिया