ट्विटर युद्ध 'आप' की अनार्की का पार्ट-2

Publsihed: 12.May.2017, 22:44

वैसे झूठ शब्द असंसदीय है | संसद में सांसद सामने वाले को यह तो कह सकता है कि वह असत्य बोल रहा है | पर झूठा नहीं कह सकता | भले ही विधानसभा में केजरीवाल को कोइ झूठा नहीं कह सकता |  पर सच यही है कि केजरीवाल एंड कम्पनी की छवि झूठे गैंग की बन गयी है | पहले यह छवि सिर्फ केजरीवाल की थी | अब धीरे धीरे सब आपियों की छवि झूठे लोगों की बन रही है | केजरीवाल की यह छवि तब बननी शुरू हुई थी , जब उनने अपने बच्चो की झूठी कसम खाई थी | मनीष सिसोदिया को केजरीवाल का सब से करीबी माना जाता है | शायद वे दोनों बचपन के दोस्त हैं | कुमार विशवास ने हाल ही में कहा कि उनकी दोस्ती सिर्फ 12 साल पुरानी है | शुक्रवार को मनीष सिसोदिया ने झूठ बोलने का रिकार्ड अपने नाम किया | वह आम आदमी पार्टी की ओर से चुनाव आयोग की आल पार्टी मीटिंग में गए थे | दिल्ली विधानसभा में फर्जी ईवीएम मशीन का मदर बोर्ड बदल कर हैकिंग बताने वाले सौरभ भारद्वाज भी उन के साथ थे | अपन ने 10 मई को यहीं पर लिखा था कि मशीन का मदरबोर्ड बदलना हैकिंग या टेम्परिंग नहीं होता | अलबत्ता वह तो पूरी मशीन ही बदल गयी | अब यही सवाल चुनाव आयोग की बुलाई मीटिंग में अहम रहा | सवाल उठा कि हैकिंग या टेम्परिंग क्या है | आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर बुरी तरह फंस चुकी है | अपन ने उसी दिन कहा था कि केजरीवाल और सौरभ जिसे टेम्परिंग कह रहे हैं वह टेम्परिंग नहीं है | जब यह सवाल मीटिंग में उठा तो सौरभ भारद्वाज ने ट्विट किया - ' बैठक हैकिंग की परिभाषा के इर्द गिर्द घूमती रही | ' किसी संवैधानिक संस्था की मीटिंग के अन्दर से इस तरह की रनिंग कमेंट्री अपन ने पहले कभी  नहीं देखी थी | किसी ने ट्विटर पर एतराज किया, तो सिसोदिया बोले-'क्यों मीटिंग में मोबाईल ले जाना गुनाह है क्या | मीटिंग के दौरान ही जैसे चुनाव आयोग के खिलाफ ट्विटर युद्ध चला , लगता है अगली बार आयोग को मोबाईल पर रोक लगानी पड़ेगी | जैसे नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी वाली केबिनेट मीटिंग में रोक लगाई थी | विधानसभा में फर्जी ईवीएम मशीन का ड्रामा आप की अनार्की का पार्ट-1 था |  आल पार्टी मीटिंग के भीतर से चुनाव आयोग के खिलाफ एकतरफा ट्विटर युद्ध आप की अनार्की का पार्ट-2 था | केजरीवाल,सिसोदिया और सौरभ तीनों बंद कमरे की मीटिंग पर बाहर रनिंग कमेंट्री करते रहे | इन्हीं तीनों ने चुनाव आयोग को चुनौती दे रखी है | इन ने कहा है हम चुनाव आयोग की ईवीएम भी हैक कर के दिखा देंगे | गुरूवार के प्रदर्शन के बाद यह तो पता ही थी कि वे आल पार्टी मीटिंग में आयोग को चुनौती देंगे | मीटिंग के दौरान ही उन दोनों के ट्विट आने शुरू हो गए | सिसोदिया का ट्विट आया - ' चुनाव आयोग ने हैक्थान करवाने से मना किया | चुनाव आयोग ने कहा है कि वे सिर्फ यह साबित करने का चैलेंज देंगे कि पिछले चुनाव की मशीनों में टेम्परिंग हुई थी। ' जब यह ट्विट आया, तब तक इन दोनों ने अपनी बात कही ही नहीं थी | चीफ इलेक्शन कमीशन नसीम जैदी ने अपने शुरुआती भाषण में यह बात कही थी | उन ने कहा था कि वह जल्द ही राजनीतिक दलों को हैक कर के दिखाने का मौक़ा देंगे | वे यह साबित करके दिखायें कि हालिया चुनावों में इस्तेमाल ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुयी थी | अब यह चुनौती सीधे सीधे केजरीवाल को है , या फिर मायावती को है | केजरीवाल को पंजाब और गोवा में हैकिंग का शक है | मायावती को यूपी में हैकिंग का शक है | अब सिसोदिया का ट्विट देखिए | उन ने लिखा - ' EC ने हैकाथन कराने से मना किया | कहा-हम सिर्फ यह साबित करने का चैलेंज देंगे कि पिछले चुनाव की मशीनों में टेम्परिंग हुई थी | ' यहाँ  'सिर्फ' का क्या मतलब है ? यही तो आप का आरोप था भाई | क्या अब आप इस आरोप से भाग रहे हैं | चुनाव आयोग की बैठक ख़त्म हुई तो अरविंद केजरीवाल का अफवाह फैलाने वाला ट्विट आ गया | उनने कहा - 'यह बहुत दुखदाई है कि चुनाव आयोग हैक्थान से भाग गया | ' चुनाव आयोग एक सवैधानिक संस्था है | आयोग की भूमिका पीठासीन अधिकारी जैसी है | जैदी ने कहा कि कोई हमारा पसंदीदा नहीं है | न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर |  हम सभी दलों से बराबर दूरी रखते हैं. | अगर आल पार्टी मीटिंग में सभी ईवीएम को चुनौती देते , तो आयोग हर तरह की जांच को तैयार होता | जब आप खुद ही करीब करीब अकेले पड़ गए | वामपंथी भी आधे अधूरे मन से आप के साथ थे , तो चुनाव आयोग आप के ड्रामे में हिस्सेदार क्यों बने | चुनाव आयोग ने 'आप' को तो चुनौती दे ही दी है | अब आप को मौक़ा मिलेगा, साबित कर के दिखाना | ' आप' को आल पार्टी मीटिंग में झटका तब लगा , जब उन ने खुद को अलग-थलग पाया | यह दोपहर को सिसोदिया के ट्विट से साबित हुआ | उनने ट्विट किया-' सभी राजनीतिक दल कह रहे हैं कि वे धनबल और बाहुबल के खिलाफ हैं | फिर वो कौन लोग हैं जो धनबल और बाहुबल का इस्तेमाल करते हैं | ' आप अकेला न पडा होता तो सभी राजनीतिक दलों पर खिझ न उतारते | अब जाते जाते वामपंथियों की बात | अतुल अनजान ने थोड़ी सी बात केजरीवाल जैसी की | उन ने कहा कि विकसित देश ईवीएम इस्तेमाल क्यों नहीं करते | इस का जवाब चुनाव आयोग पहले भी कई बार दे चुका है | जिन देशों ने ईवीएम शुरू कर के बंद की , उन की मशीने इंटरनेट से जुडी थीं | हैक हो सकती थी , कोड बदल सकते थे | हमारी मशीन इंटरनेट से नहीं जुडी | वे देश जरूर विकसित हैं, मशीन हमारी विकसित है | 

 

आपकी प्रतिक्रिया