क्या लव जेहाद है भारत का विचार

Publsihed: 13.Oct.2020, 20:34

अजय सेतिया / वह भारत की सोच और विचार है क्या जिसे फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार , जेएनयू के नक्सली छात्र , जेएनयू से पढ़े हुए पत्रकार ,  मानवाधिकार के नाम पर आतंकवादियों के लिए रात को अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले शहरी नक्सली और देश के कम्युनिस्ट ही ज्यादा समझते हैं | कुछ कुछ कांग्रेसी भी समझते हैं | देश का बहुमत हिन्दू उस सोच और विचार से वाकिफ ही नहीं है , आखिर क्या है वह भारत की सोच और विचार | ये सारे के सारे समझते हैं कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर के उसे भारत का अभिन्न अंग बनाना भारत की सोच और विचार के खिलाफ है | ये सारे के सारे समझते हैं कि लद्दाख को भारत का केंद्र शासित क्षेत्र बनाना भारत की सोच और भारत के विचार के खिलाफ है , इसलिए जब फारुख अब्दुल्ला चीन की मदद से कश्मीर को भारत से आज़ादी दिलाने के लिए चीन से मदद लेने की बात करते हैं , तो ये सारे के सारे फारुख अब्दुल्ला को मौन समर्थन देते हैं | चीन जब कहता है कि भारत को कोई हक नहीं कि वह लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र बनाए तो ये सब लोग चीन को मौन समर्थन देते हैं , क्या यह है भारत की सोच और विचार |

क्या चुने हुए सरपंचों की हत्या करने वाले आतंकवादी बुरहान वाणी को महिमा-मंडित करने का प्रयास भारत की सोच है | ये सभी वो लोग हैं जिन्होंने बुरहान वाणी को एक अध्यापक का भोला-भाला लड़का बता कर बेगुनाह बताने की कोशिश की थी, जिन्होंने  दंतेवाडा में सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने पर जश्न मनाया था , क्या हत्या पर जश्न मनाना भारत का विचार और भारत की सोच है | ये सब वही लोग हैं , जो हिन्दुओं के खिलाफ की गई वामपंथियों और जिहादियों की हिंसा को क्षमा कर देते हैं क्योंकि इनका मानना है कि इन्हें इस देश को दुष्ट हिंदू समुदाय से बचाना है | वे इतिहास के इस तथ्य को छुपाना भारत की सोच बताते है कि तुर्क और मुगल हमलावरों ने यहा के मूल निवासी हिन्दुओं के धर्म स्थलों को तोड़ा , मंदिरों को मस्जिदों में परिवर्तित कर दिया , हिन्दुओं का कत्ल-ए-आम किया , हिन्दू औरतों की अस्मत लूटी और मौत का सामना करने या धर्म बदलने को मजबूर किया |

 

ये सभी वो लोग हैं जो भारत की संस्कृति को नष्ट कर के बचे खुचे भारत को भी मुस्लिम देश बनाने के अधूरे सपने को पूरा करने में लगे हुए हैं | इस मुद्दे पर बात करने का विचार आज इस लिए आया क्योंकि भारत को इस्लामिक देश बनाने के लिए अब “लव जेहाद” का अभियान चला हुआ है , जिसे फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार , जेएनयू के नक्सली छात्र , जेएनयूं से पढ़े हुए पत्रकार ,  मानवाधिकार के नाम पर आतंकवादियों के लिए रात को अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले शहरी नक्सली और देश के कम्युनिस्ट बढावा दे रहे हैं | सामने आने वाली लव जेहाद की खबरों को झूठ बता रहे हैं | मुस्लिम लडकों और हिन्दू लडकी के विवाह को भारत की सोच बताने का नया रिवाज चल निकला है , इसे बढावा देने के लिए फ़िल्में और विज्ञापन बनाए जा रहे हैं , एक फिल्म या विज्ञापन ऐसा नहीं बना जिस में लडका हिन्दू और लडकी मुस्लिम दिखाई जाती हो |

 

ताज़ा घटना तनिष्क के विज्ञापन की है , जिस में एक मुस्लिम परिवार में हिन्दू बहू की गोद भराई की रस्म अदा की जा रही है , यह लव जेहाद को बढावा देने वाला विज्ञापन है | विज्ञापन का सोशल मीडिया में जम कर विरोध हुआ तो तनिष्क ने विज्ञापन वापस ले लिया , क्योंकि रीति रिवाजों और त्योहारों में हिन्दू ही सोने के गहने ज्यादा खरीदते है और अगर हिन्दू तनिष्क का बहिष्कार करने पर आ गए तो उसे विज्ञापन बड़ा महंगा पड़ता | हिन्दू नवजागरण के आगे तनिष्क के पसीने छूट गए , लेकिन वामपंथी टोले के सपनों पर पानी फिर गया | स्वरा भास्कर जैसी वामपंथी बॉलीवुड कलाकार ने ट्विटर पर लिखा कि इतनी बड़ी कम्पनी और रीढ़ की हड्डी इतनी कमजोर ,  बॉलीवुड के डायरेक्टर ओनिर ने हाय तौबा मचाते हुए ट्विटर पर लिखा कि हम निराश हैं , बहुत  दुःख की बात है | वामपंथी तो चिलपों कर ही रहे हैं , हिन्दुओं का नरसंहार करने वाले दक्षिण के औरंगजेब टीपू सुलतान की जयंती मनाने वाली कांग्रेस के नेता भी विज्ञापन वापस लिए जाने पर कपड़े फाड़ रहे हैं | शशी थरूर ने विज्ञापन के विरोध को भारत के विचार के खिलाफ बताया है , क्या “लव जेहाद भारत का विचार” है |

 

 

 

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