तीनों विवादास्पद मुद्दों पर टकराव की आहट 

Publsihed: 11.Aug.2017, 23:23

भाजपा के तीनों मुद्दों का सम्बन्ध मुसलमानों से है | तीनों मुद्दे भाजपा का हिन्दू वोट बैंक मजबूत करते हैं | पहली बार बनी भाजपा की अपनी सरकार से हिन्दुओं की उम्मीन्दें बहुत ज्यादा हैं | मोदी भले ही विकास के मुद्दे पर जीतने का दावा करें | पर भाजपा की जीत बड़ा कारण कांग्रेस की मुस्लिम परस्ती भी था | कांग्रेस की अंदरुनी छानबीन में भी यही कहा गया है | इसलिए 2019 से पहले तीनों मुद्दे सुप्रीमकोर्ट के जारी खुल गए हैं | राम जन्मभूमि के दावे पर निर्णायक सुनवाई शुरू हो गई है | सुप्रीम कोर्ट 2019 से पहले फैसला कर देगी | तीन तलाक पर भी सुप्रीमकोर्ट का रूख सख्त है | जो समान नागरिक संहिता का रास्ता खोलेगा | कश्मीर की विशेष धारा 370 पर भी सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई चल रही है | संविधान के अनुच्छेद 35 (ए) को चुनौती दी गई है | यही अनुच्छेद कश्मीर को स्टेट सब्जेक्ट का अधिकार देता है | यानी तीनों विवादास्पद मुद्दों से अब सुप्रीम कोर्ट निपटेगा | रामजन्म भूमि को छोड़ कर बाकी दोनों मामलों पर कोर्ट ने मोदी सरकार को नोटिस दिया है | मोदी सरकार ने भाजपा के एजेंडे के मुताबिक़ जवाब भी दे दिया है | इन दोनों मुद्दों पर भी विवाद हिन्दू-मुस्लिम का ही है | पहले अपन रामजन्मभूमि मुद्दे की बात करें | तो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामजन्मभूमि को तीन पक्षों में बाँट दिया था | तीन जजों का फैसला था | फैसले में एक जज मुसलमान भी था | तीन हिस्सों में एक हिस्सा मस्जिद बनाने के लिए दिया गया था | दोनों पक्षों ने हाई कोर्ट का फैसला नही माना था | हिन्दुओं के मुताबिक यह जमीन की मल्कियत का मामला नहीं था | जमीन के बंटवारे का सवाल कंहा खडा होता है | वह या तो राम जन्म भूमि है या नहीं है | अगर है, तो तीसरा हिस्सा मस्जिद बनाने के लिए क्यों दिया जाए | असल में हाई कोर्ट ने ढांचा टूटने के बाद बाकायदा खुदाई करवाई थी | खुदाई में वहां कभी बहुत विशाल मदिर होने के पुख्ता सबूत मिले थे | सुप्रीमकोर्ट दस साल से मुकद्दमे को ठन्डे बसते में डाल कर बैठी थी | सुब्रहमन्यम स्वामी ने कोर्ट को जल्द सुनवाई के लिए मजबूर किया | शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी अपनी हालत का एहसास था | सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जवाब देने के लिए अदालत से और वक्त मांग लिया | असल में रामजन्मभूमि की खुदाई दूध का दूध, पानी का पानी कर चुकी है | वही सारे सबूत अब सुप्रीमकोर्ट में रखे जाने हैं | सबूतों के बाद मुसलमानों को अपने आप दावा छोड़ देना चाहिए था | मुसलमानों ने कहा था कि अगर साबित हो गया कि पहले वहां मंदिर था, तो वे दावा छोड़ देंगे | सुप्रीमकोर्ट ने 5 दिसम्बर की तारीख तय की है | सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए यह आख़िरी मौक़ा है | उसे हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए सद्भावना दिखानी चाहिए | सबूत उन के खिलाफ हैं | अब बात करें तीन तलाक की | तो मोदी सरकार ने अदालत को साफ़ कह दिया है कि वह तीन तलाक खत्म करने के हक़ में है | अब अदालत को फैसला देना है | भारतीय संविधान के होते हुए शरियत आधारित क़ानून नहीं चल सकता | अदालत के रूख से मुसलमान पुरुष समाज में बेचैनी है | वे मुस्लिम औरतों को दबा कर रखना चाहते हैं | कोर्ट और सरकार मिल कर औरतों को हक दिलाने की कोशिश में है | जैसे ही तीन तलाक का हक खत्म होगा | सामान नागरिक सहिंता यानी कामन सिविल कोड की शुरुआत हो जाएगी | अब तीसरा मुद्दा 370 का | कश्मीर को मिले विशेष अधिकार पर भाजपा ने चुप्पी साध रखी थी | दो महिलाओं ने कोर्ट में जा कर भाजपा का काम कर दिया है | असल में संविधान में धारा 35 ए जोड़ी गई थी | संविधान तो 1952 में लागू  हो गया था | तब यह धारा नहीं थी | जवाहर लाल नेहरु ने 14 मई 1954 को राष्ट्रपति डा.राजेन्द्र प्रशाद से आदेश जारी करवा कर जुडवा दी थी | संसद में चर्चा भी नहीं की गई | नेहरु संसद को अपनी जेबी संस्था समझते थे | या उन्हें शक होगा कि संसद इसे नहीं मानेगी | इसलिए उनने राष्ट्रपति का दुरूपयोग किया | इस धारा के जरिए कश्मीर को अधिकार दिया गया कि वह स्थाई नागरिक की परिभाषा तय करे | कश्मीर का संविधान 1956 में लागू हुआ | जिस में बाहरी लोगों को कश्मीर की नागरिकता से वंचित कर दिया गया | यहाँ तक कि 1947 में पाकिस्तान से आकर जम्मू में बसे लोगों को भी नागरिकता नहीं दी गई | बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर भी रोक लगाई गई | कश्मीर से बाहर शादी करने वाली महिला के बच्चे भी जमीन के वारिस नहीं हो सकते | न खुद कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं | यह नियम 35ए में मिले अधिकार के कारण ही बना | अब अगर 35 ए ही अवैध हो जाए, तो 370 अधमरा हो जाएगा | भारतीयों को जमीन खरीदने के अधिकार मिल गए | तो सारी समसया ही सुलट जाएगी | इसलिए नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी ,कांग्रेस, वामपंथी, अलगाववादी सब एक हो गए हैं | महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को मोदी से मुलाक़ात की | महबूबा ने हामिदअंसारी से मुद्दा झपटते हुए मुसलमानों के अधिकारों की दुहाई दी है | मोदी के लिए इम्तिहान की घड़ी है | उन ने मौक़ा गवाया, तो इतिहास उन्हें भी माफ़ नहीं करेगा | 

आपकी प्रतिक्रिया