हामिद अंसारी का साम्प्रदायिक चेहरा

Publsihed: 11.Aug.2017, 12:05

हामिद अंसारी का राजनीति से कुछ लेना देना नहीं था | भैरोसिंह शेखावत 2007 में रिटायर हो रहे थे | सोनिया-मनमोहन सरकार वामपंथियों के समर्थन से चल रही थी | कांग्रेस ने महाराष्ट्र की कांग्रसी नेता प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति बनाया | तो कम्यूनिस्ट पार्टी ने उप-राष्ट्रपति का पद मांग लिया | कांग्रेस के पास संसद में बहुमत नहीं था | इस तरह सोनिया गांधी को कम्यूनिस्टों की बात माननी पडी | कम्यूनिस्टों ने विदेश सेवा से रिटायर वामपंथी विचारधारा के हामिद अंसारी का नाम आगे किया | इस तरह राजनीति का अनाडी राज्यसभा का सभापति बन बैठा | पिछले दस साल में हामिद अंसारी ने राज्यसभा में कोई छाप नहीं छोडी | भरोसिंह शेखावत को आज भी याद किया जाता है | अपन ने उनको वाजपेयी सरकार के मंत्रियों की खाल खिंचते देखा था | प्रश्नकाल में उनने कई बार भाजपाई मंत्रियों को कटघरे में खडा किया | उसी वक्त लोकसभा का चेनल शुरू हुआ था | राज्यसभा चेनल शुरू करने का प्रस्ताव भी था | पर भैरो सिंह शेखावत ने चेनेल की फाईल को कभी क्लियर नहीं किया | इस मुद्दे पर अपनी उनके साथ कई बार बातचीत हुई | उनकी दलील हुआ करती थी कि लोकसभा और राज्यसभा संवैधानिक संस्थाएं हैं | जब संसद सत्र के दौरान दूरदर्शन लाईव प्रसारण कर रहा है | तो संसद का अपना न्यूज चेनेल क्यों होना चाहिए | | फिर कल को सुप्रीमकोर्ट , चुनाव आयोग भी अपना अपना चेनेल खोलेंगे | वह इसे सरकारी पैसे का दुरूपयोग मानते थे | तब लोकसभा का चेनेल शुरू हो गया था | तो उनकी दलील थी कि लोकसभा और राज्यसभा का अलग अलग चेनेल तो बिलकुल नहीं होना चाहिए | इस एक चेनल को ही संसद चेनेल का नाम दिया जाना चाहिए | पर हामिद अंसारी ने उप-राष्ट्रपति बनते ही राज्यसभा चेनेल की फाईल को हरी झंडी दे दी | भाजपा प्रवक्ता जफ़र इस्लाम ने वीरवार को उस ढके हुए राज को खोल दिया | जब उन ने कहा कि अंसारी ने एक कांग्रेसी वर्कर गुरदीप सप्पल को राज्यसभा टीवी का सीईओ बना दिया था | उन्होंने राज्यसभा टीवी को वामपंथी चेनल बना दिया था | जाने माने वामपंथी पत्रकारों को चेनल में नौकरियां दी गईं | बड़ी मोटी रकम पर वामपंथी विचारधारा के पत्रकारों को आधा घंटा-एक घंटा के स्लाट अलाट किए गए | एक-एक स्लाट के एक एपिसोड पर एक-एक लाख रूपए अदा किया गया | हामिद अंसारी के सभापति रहते राज्यसभा टीवी का खर्चा लोकसभा टीवी के खर्चे से चार गुना हुआ | अंसारी ने करोड़ों रूपए की लागत से एक फिल्म "रागदेश"भी बनवाई | जिसमें कईयों ने हाथ रंगे | एनडीए राज को तो छोड़ दीजिए ,यूपीए राज में भी राज्यसभा चेनेल व्यवस्था के खिलाफ डिबेट करवाता रहा | जेएनयू में जब भारत विरोधी नारे लगे थे, तब सारा देश उन की आलोचना कर रहा था | पर राज्यसभा टीवी ने उनका समर्थन किया था | रोहित वैमुला को राज्यसभा टीवी दलित बताता रहा | जबकि सरकारी जांच में वह ओबीसी निकला था | नक्सली मुद्दों को उठा कर लोकतंत्र को फेल बताया जाता रहा | जन्तर मंतर पर होने वाले धरना प्रदर्शनों को राज्यसभा टीवी पर तरजीह दी गई | जोकि ज्यादातर वामपंथी संगठनों के ही होते थे | और पद से रिटायर होते होते अंसारी ने राज्यसभा टीवी का दुरूपयोग किया | राज्यसभा टीवी पर मौजूदा सरकार के खिलाफ खुद का इंटरव्यू प्रसारित करवाया | इंटरव्यू में साम्प्रदायिकता भड़काने वाली बात कही | चुनी हुई सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की | और यह सब कुछ हुआ संवैधानिक संस्था के मंच से, जो सरकारी पैसे पर पल रही है | एक तरह से लोकतंत्र और संविधान को फेल बताने की कोशिश | उन्होंने कहा-" पिछले तीन साल में भारत का मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है | " रिटायर होने से पहले राज्यसभा टीवी पर यह बात कह कर अंसारी ने वामपंथियों के कर्ज की अदायगी कर दी | वामपंथी पिछले दो साल से असहिष्णुता के वातावरण का आरोप लगा रहे थे | सरकार को बदनाम करने के लिए वामपंथी साहित्यकारों, कलाकारों, फिल्मकारों से अवार्ड वापसी का नाटक भी करवाया | राहुल वैमुला के दलित होने का नाटक भी रचा | अंसारी भी जाते जाते वामपंथियों के एजेंडे पर काम कर रिटर्न गिफ्ट दे गए | अंसारी ने अपना इंटरव्यू देने के लिए भी उस करण थापर को चुना | जिस के इंटरव्यू से मोदी उठकर चले गए थे | उस करण थापर को राज्यसभा टीवी पर बुलाया गया | सरकारी खजाने से मोटी राशि दे कर मोदी सरकार के खिलाफ सवाल करवाया गया | और अंसारी ने उप-राष्ट्रपति पद की गरिमा को ताक पर रख कर एक मुसलमान बन कर इंटरव्यू दिया | इस लिए बुध और वीरवार को सोशल मीडिया पर अंसारी आलोचना का कारण बने रहे | गढे मुर्दे उखाड़े गए , उनके राष्ट्रध्वज का सम्मान न करने की बातें याद करवाई जा रही हैं | विजुअल मीडिया पर भी अंसारी की जमकर आलोचना जारी है | अंसारी कांग्रेस और वामपंथियों को सियासत करने का ग्राऊंड थमा गए | 
 

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