क्या सरबजीत,जाधव का बदला कश्मीर में लिया जाएगा ?

Publsihed: 10.Apr.2017, 22:32

पिछले दिनों कुलभूषण जाधव के बारे में अच्छी खबर आई थी | खबर थी कि पाकिस्तान को जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले | भारत ने  खुशी का इज़हार किया था | उम्मींद जताई थी कि कुलभूषण को छोड़ दिया जाएगा | सबूत न होने की बात किसी ऐरे गेरे ने नहीं  कही थी | अलबत्ता पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहाकार सरताज अज़ीज़ ने कही थी | पर सोमवार को अचानक दूसरी खबर आ गई | पाकिस्तान की मार्शल कोर्ट ने कुलभूषण जाधव को सजा-ए-मौत सुना दी |  भारत को तो पता ही नहीं था कि मुकद्दमा  चल कहाँ रहा था | हालांकि भारत ने तेरह बार काऊंसिल का दखल माँगा था | पर पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया | कुलभूषण को बलूचिस्तान में पकड़ा बताया गया था | जबकि खबर थी  कि पाक की फ़ौज उसे ईरान से पकड़ कर लाई थी | कूलभूषण भारत की नेवी से रिटायर था | रिटायरमेंट के बाद वह व्यापार कर रहा था | व्यापार के सिलसिले में ईरान गया था | पाकिस्तान ने यह खबर 25 मार्च 2016 को क्वेटा से ब्रेक की थी | उस पर आरोप लगाया गया कि उस ने बलूचिस्तान में विद्रोहियों को ट्रेनिंग दी | उसे भारत की सेना का कमांडर बताया गया | जबकि वह सेना का रिटायर्ड अफसर था | भारत ने तुरंत खंडन किया | भारत ने तभी कह दिया था कि वह सिविलियन है | वह बिजनेस के सिलसिले में ईरान गया था | वह अपने पासपोर्ट पर विदेश गया था | जासूस कभी अपने पासपोर्ट पर विदेश नहीं जाता | फिर एक दिन पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का वीडियो जारी किया | जिसे कुलभूषण जाधव का कन्फेशन स्टेटमेंट बताया गया | हालांकि कोई अनाडी भी देख कर बता सकता था कि वीडियो पेचअप जॉब था | कई वीडियो को मिला कर एक वीडियो बनाया गया |  पर कहते हैं कि झूठ के पाँव नहीं होते |  थोड़े दिनों बाद ही सरताज अज़ीज़ ने एक क्लोज़ डोर मीटिंग में कहा _"कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला |" एक तरफ सबूत न होने की बात कही जा रही थी  |  तो दूसरी तरफ पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत मार्शल कोर्ट में मुकद्दमा शुरू हो गया | जिस की खबर पाकिस्तान के मीडिया को भी नहीं बताई गई | सोमवार को जब सजा-ए-मौत की खबर आई तो पाक मीडिया भी हैरान रह गया | कुलभूषण भारत की सेना का अधिकारी या जवान नहीं था | वह जंग में नहीं पकड़ा गया था | फिर उस का मुकद्दमा आर्मी की फिल्ड मार्शल कोर्ट में कैसे चला |  अगर वह जासूस था भी , तो भी मुकद्दमा तो सिविल कोर्ट में चलता | जैसे सरबजीत पर सिविल कोर्ट में मुकद्दमा चला था | पाकिस्तान को करना तो गैर कानूनी काम ही था | जैसे सरबजीत के साथ किया | पर सिविल कोर्ट  में शायद इस लिए मुकद्दमा नहीं चलाया ताकि पाकिस्तान कहीं बेनकाब न हो जाए |  भारत की बात तो छोडी | पाकिस्तान के मीडिया तक को नहीं पता नहीं था कि मुकद्दमा चल भी रहा है या नहीं  | यह बात कुलभूषण को सज़ा की खबर आने के साथ ही आ गई |  पाकिस्तान के मीडिया ने माना कि उसे खबर तक नहीं थी | उस के खिलाफ सबूतों की बात तो छोड़ दीजिए | हामिद मीर ने कहा-"पाकिस्तान को सबूत देना चाहिए कि कुलभूषण जाधव जासूसी कर रहा था | पाकिस्तानी मीडिया, भारत और दुनिया को भी सबूत दिखाना चाहिए |" इस बयान से साफ़ है कि सबूत पाकिस्तान के मीडिया के सामने भी नहीं रखा गया | अपन हामिद मीर को पाकिस्तान का एकमात्र निष्पक्ष पत्रकार मानते थे | इस बयान से उन की निष्पक्षता साबित भी हुई |  जैसे कहावत है न - चोर की दाड़ी में तिनका होता है | ठीक वैसे ही हुआ | पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा - " हमारे देश में आकर कोई दुश्मन आतंकवादी वारदात करेगा ,तो हम कोई रियायत नहीं देने वाले | भारत अगर शोर मचाएगा ,तो वह कोई हमारा हमदर्द तो है नहीं | मचाता रहे शोर | वह तो पाकिस्तान में आतंकवाद को स्पोंसर कर रहा है | " ख्वाजा आसिफ के बयान पर नरेंद्र मोदी को गौर करना चाहिए | ख़ास कर कश्मीर के संदर्भ में | क्या मोदी सरकार कश्मीर में वह सब नहीं कर सकती  |  जो पाकिस्तान बलूचिस्तान में कर रहा | चुन चुन कर बलूचियों को मारा जा रहा है | भारत की सेना क्या हर रोज़ पाकिस्तानी जासूसों के पत्थरों का सामना नहीं कर रही | कश्मीर की वोटिंग 26 फीसदी से पौने सात फीसदी कैसे आ गई | क्या यह पत्थरबाजों के कारण नहीं हुआ | सोमवार को भी तो पत्थरबाज सेना पर पत्थर बरसाते रहे | क्या अब वक्त नहीं आ गया कि सरबजीत और कुलभूषण का जवाब कश्मीर में दिया जाए | जैसे पाकिस्तान ने मीडिया को बैन कर रखा था | क्या हम भी एक महीना कश्मीर में मीडिया बैन न कर दें | फिर  सेना को खुली छूट दे दें | जैसे पाकिस्तान की सरकार ने कोर्ट मार्शल को कुलभूषण मामले में खुली छूट दी | पाकिस्तान ने सरबजीत को बिना सबूत फांसी दी, तो दुनिया ने उस का क्या बिगाड़ लिया | अब कुलभूषण जाधव को फांसी देगा | तो दुनिया क्या बिगाड़ लेगी | जागो मोदी जागो | सरबजीत,कुलभूषण का बदला कश्मीर में लो | और फिर ख्वाजा आसिफ का बयान दोहरा देना बस | बस ख्वाजा की जगह मोदी करना है  - "हमारे देश में आकर कोई दुश्मन आतंकवादी वारदात करेगा ,तो हम कोई रियायत नहीं देने वाले | पाकिस्तान  अगर शोर मचाएगा ,तो वह कोई हमारा हमदर्द तो है नहीं | मचाता रहे शोर | वह तो भारत  में आतंकवाद को स्पोंसर कर रहा है | "

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