अजय सेतिया / जर्मनी से काम कर रहे खालिस्तानियों के संगठन सिख फार जस्टिस ने कहा है कि उस ने फिरोजपुर में प्रधानमंत्री की सुरक्षा भंग करने में मदद की | किस की मदद की , पंजाब सरकार की या किसानों की या दोनों की | सिख फार जस्टिस ने यह भी कहा है कि यह पहला कदम था , याद रखना चाहिए कि इंदिरा गांधी का क्या हश्र हुआ था | सिख फार जस्टिस का यह ब्यान मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को गलत साबित करता है | जिन्होंने बुधवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी जान को कोई खतरा नहीं था | अब सीधा सवाल यह बनता है कि प्रधानमंत्री की कार के बिलकुल पास पहुंच जाने वाले छह लोग कौन थे | उन्हें प्रधानमंत्री की कार के बिलकुल बगल में पहुंचने में किस ने मदद की | अपन आगे चल कर पंजाब सरकार की मिलीभक्त के कुछ और सबूत भी देंगे | पर पहला सवाल यह है कि क्या सिख फार जस्टिस उन छह लोगों को वक्त पर हथियार उपलब्ध नहीं करवा सका , इस लिए दुर्घटना नहीं हो सकी | अगर उन छह लोगों के पास हथियार भी होते , तो क्या होता | जर्मनी से काम कर रहे खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ने प्रधानमंत्री की हत्या का इरादा जाहिर कर दिया है | अब इस घटना को पिछले हफ्ते लुधियाना की कोर्ट में हुए विस्फोट को जोड़ कर देखिए | इस घटना की साजिश भी सिख फार जस्टिस ने जर्मनी से रची थी | विस्फोट का षडंयंत्रकारी मुल्तानी जर्मनी से ही गिरफ्तार कर के लाया गया है | सिख फार जस्टिस की योजना दिल्ली और मुंबई में विस्फोटों की भी थी , जिसे वक्त रहते रोक लिया गया | अब फिरोजपुर की घटना को पिछले साल लाल किले पर हुई घटना से जोड़ कर देखिए | वहां भी किसानों के साथ मिल कर सिख फार जस्टिस ने लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराया था | अब सिख फार जस्टिस ने फिर प्रधानमंत्री का काफिला रोकने में किसानों को मदद पहुँचाने का दावा किया है |
मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के खिलाफ दूसरा सबूत भारतीय किसान यूनियन के नेता सुरजीत सिंह फूल ने सामने आ कर दिया है | मुख्यमंत्री चन्नी ने बुधवार शाम को कहा था कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर दखल दे कर मंगलवार रात को किसानों को धरने से उठा दिया था | उन्हें प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिलवाने का वायदा किया गया था | लेकिन किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा है कि किसान सुबह ग्यारह बजे भाजपा समर्थकों को रैली स्थल पर जाने से रोकने के लिए धरना स्थल पर पहुंच गए थे | जिस कारण भाजपा समर्थकों के वाहनों को गाँवों के रास्ते रैली स्थल पर जाना पड़ा | किसान ज्ञापन देने के लिए डीएम के दफ्तर तक जाना चाहते थे , लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया | अलबत्ता पुलिस ने उन्हें सडक के किनारे खड़े हो कर प्रोटेस्ट करने को कहा था, इसलिए वे रास्ता रोक कर वहीं धरने पर बैठ गए थे | फूल का यह बयान मुख्यमंत्री चन्नी और उन की सरकार की पोल खोलता है | क्योंकि पुलिस ने खुद उन्हें डीएम दफ्तर जाने से रोक कर सडक पर धरना देने के लिए उकसाया | जबकि 12 बजे डीआईजी पंजाब प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मियों को रास्ता क्लियर होने की हरी झंडी दे चुके थे | डीआईजी ने यह हरी झंडी एसएसपी फिरोजपुर से बात कर के ही दी होगी | फिर एसएसपी ने हाईवे पर किसानों को धरने पर कैसे बैठने दिया |
देश भर में हुए विरोध के बाद चन्नी ने रिटायर्ड जज महताब गिल और प्रिंसिपल सेक्रेटरी अनुराग वर्मा की कमेटी बंसा कर तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है | लेकिन पंजाब सरकार को जवाब तो कल ही सुप्रीमकोर्ट में देना पड़ेगा क्योंकि जांच के दौरान डीजीपी और मुख्य सचिव को बर्खास्त करने की मांग की गई है | मुख्यमंत्री चन्नी और कांग्रेस के नेता एसपीजी पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं | जबकि एसपीजी की ड्यूटी प्रधानमंत्री के इर्दगिर्द रह कर सुरक्षा देने की होती है | रूट क्लियर करने की सारी जिम्मेदारी उस राज्य सरकार की होती है , जहां प्रधानमंत्री दौरा कर रहे हों | ब्ल्यू बुक के अनुसार को राज्य सरकार की जिम्मेदारी यह भी होती है कि राज्य सरकार वैकल्पिक रूट भी तैयार रखे | जबकि इस मामले में तय किया गया रूट ही सुरक्षित नहीं किया और वैकल्पिक रूट भी तैयार नहीं किया गया था | जबकि केंद्र सरकार की हिदायत पर राज्य के अतिरिक्त सचिव सुरक्षा और एडीजीपी ने 2,3,4 जनवरी को लगातार 5 चिठ्ठियाँ लिख कर राज्य के सभी डीआईजी,आईजी,एसएसपी को अलर्ट किया था | एडीजीपी की एक चिठ्ठी में यह भी कहा गया था –“यह सुनिश्चित किया जाए कि किसान प्रधानमंत्री का रास्ता न रोकें ” | किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए वैकल्पिक रूट भी तैयार रखने को कहा था | सवाल यह है कि क्या एसएसपी ज़ुबानी आदेशों का पालन कर के किसानों को सडक किनारे प्रदर्शन करने की इजाजत दे रहे थे | और उन्होंने ज़ुबानी आदेशों पर ही वैकल्पिक रूट तैयार नहीं किया था | अगर ऐसा है तो कौन दे रहा था ज़ुबानी आदेश , क्या वह जिस ने ठीक उसी समय ट्विट कर के लिखा- “हाउ इज दि जोश” |
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