एनसीबी का गलत संदेश

Publsihed: 05.Nov.2021, 20:54

अजय सेतिया / एनसीबी ने यह गलत फैसला किया है | उसने समीर वानखड़े को शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की जांच से हटा दिया है | इस से यह संदेश गया है कि या तो फिल्म इंडस्ट्री के दबाव में केंद्र सरकार ने उसे जांच से हटवाया है | या फिर जांच एजेंसी के बड़े अधिकारी बिक गए हैं | वानखेड़े की छवि ईमानदार अफसर की रही है | वह न सिर्फ नशीली दवाओं के खिलाफ जांच और कार्रवाई करने वाली एजेंसी के अधिकारी हैं | बल्कि नशा मुक्ति के लिए सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी सक्रिय हैं | वह चर्चों , मंदिरों , गुरुद्वारों में जा कर धार्मिक नेताओं से नशा मुक्ति में भूमिका निभाने के लिए बात करते रहे हैं |

यह एक ऐसा मामला है , जिस में देश दो हिस्सों में बंटा हुआ है | देश का बहुमत इस लिए वानखेड़े के पक्ष में खड़ा है , क्योंकि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री और ड्रग इंडस्ट्री के गठजोड़ को बेनकाब करने की हिम्मत दिखाई है | जब एमसीपी के नेता और उद्धव सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ बेसिर पैर के आरोपों की मुहीम शुरू की थी | तो लोग बाकायदा वानखेड़े के समर्थन में सडकों पर उतरे थे | नवाब मलिक इस लिए जले भुने हुए हैं क्योंकि इन्हीं समीर मलिक ने उन के दामाद को नशे के व्यापार में गिरफ्तार किया था | नौ महीने तक मंत्री के दामाद की जमानत नहीं हुई थी | इस लिए वह बदले की भावना से काम कर रहे हैं | हालांकि कि मंत्री ने नाते उन्होंने शपथ ली थी कि वह पद पर रहते हुए बिना किसी राग द्वेष से काम करेंगे |

जो हालत आज नवाब मलिक की है , वही हालत पहले अनिल देशमुख की थी | वह गृहमंत्री होते हुए राग द्वेष से काम कर रहे थे , उन्होंने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी को झूठे मामले में फंसा कर गिरफ्तार करवाया था | अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने की साजिश रचने वाले अनिल देशमुख को ईडी ने मनीलांड्रिंग में गिरफ्तार किया है | उन का बेटा जांच से बचने की कोशिश कर रहा है | साजिश का दूसरा किरदार मुम्बई पुलिस का कमिश्नर परमवीर सिंह फरार है और तीसरा किरदार वाजे गिरफ्तार है | आज मंत्री रहते हुए राग-द्वेष से काम करने वाला अनिल देशमुख ईडी की हिरासत में है , कल नवाब मलिक की बारी है | वह आज बहुत खुश हैं कि मोदी सरकार ने उन के दामाद को गिरफ्तार करने वाले समीर वानखेड़े को शाहरूख खान के बेटे की जांच से हटा दिया |

शायद नवाब मलिक के दामाद समीर खान और आर्यन खान के केस का आपस से संबंध है | इस लिए शाहरूख खान और उन के बेटे को बचाना उद्धव सरकार का धर्म बन गया है | सरकार में शामिल सिर्फ एनसीपी ही नहीं शिवसेना और कांग्रेस भी उन के बचाव में है | उद्धव ठाकरे ने नवाब मलिक के कहने पर वानखेड़े के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करने की हरी झंडी दी | राहुल गांधी ने तो शाहरूख खान को चिट्ठी लिख कर कहा है कि देश उन के साथ है | पता नहीं राहुल गांधी ने यह कैसे कह दिया | जबकि देश खुद उन के साथ ही नहीं है | पर अपना सवाल दूसरा है कि आर्यन खान समेत छह केसों की जांच से वानखेड़े को क्यों हटाया गया | हालांकि समीर वानखेड़े ने कहा है कि उन्हें हटाया नहीं गया है | क्योंकि उन्होंने खुद हाईकोर्ट में याचिका दी थी कि उन पर लगे आरोपों की जांच केन्द्रीय एजेंसी से करवाई जाए | उसी को आधार बना कर एनसीबी के अधिकारियों ने आर्यन खान और नवाब मलिक के दामाद समीर खान मामले की जांच दिल्ली की विशेष जांच एजेंसी से करवाने का फैसला किया है | खबर यह आई है कि समीर वानखेड़े को जांच से हटा दिया गया है | एनसीबी के डीजी अशोक जैन का बयान कहता है कि छह मामलों की जांच अब दिल्ली की टीम करेगी | यानी एजेंसी ने दबाव में यह फैसला किया है |

 

 

 

 

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