अजय सेतिया / अपन ऐसा हिंदुत्व कतई नहीं चाहते , जिस में दुसरे धर्मों और उन के अनुयाईयों के साथ वैसा ही व्यवहार किया जाए , जैसा वे दुसरे धर्मों के बारे में करते हैं | हाल ही में एक वीडियो देखा जिसमें एक मुस्लिम मौलवी 2024 से 2027 तक सारी मूर्तियाँ तोड़ देने और हिन्दू धर्म को खत्म कर देने की बात कह रहे थे | मूर्तियाँ तोड़ना और गैर मुस्लिमों की हत्या इस्लाम का मुख्य एजेंडा है | इस्लाम अगर सारी दुनिया के साथ सौहाद्रपूर्ण ढंग से रहना चाहता है तो उसे नफरत की इन आयतों को हटाना होगा | लेकिन अगर कोई मुस्लिम इन आयतों को मानवता विरोधी बताता है , तो जाहिल मौलवी हाथ धो कर उस के पीछे पड जाते हैं | उस का निकाह केंसिल कर के उस बीवी को ही उस के खिलाफ खड़ा कर देते हैं | वसीम रिजवी के साथ यही हुआ | उस की बीवी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर मौजूद है , जिस में वह अपने पूर्व पति के बारे में बदतमीजी वाली भाषा का इस्तेमाल कर रही है | कुछ मुसलमानों की ओर से नफरत फैलाने वाले यूट्यूब चेनलों पर यह वीडियो देखा जा सकता है |
दूसरी तरफ भारत में कुछ राजनीतिक शक्तियाँ उलटे हिंदुत्व को बदनाम करने की साजिश रचती रहती हैं | भारत के बहुसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ रची जा रही साजिशों के खिलाफ बोलने की बजाए , वे हिन्दू विरोधी शक्तियों को बढावा देते रहते हैं | वे सेक्यूलरिज्म के नाम पर हिंदुत्व पर हमले करते हैं , ताकि मुस्लिम खुश हो कर उन से जुड़े रहें | राहुल गांधी का उदाहरण अपने सामने हैं , जिन्होंने विदेशी मंच पर कहा था कि भारत को खतरा हिन्दू आतंकवाद से है | हिन्दू आतंकवाद की अपनी थ्योरी को साबित करने के लिए मालेगांव ब्लास्ट को हिन्दुओं के सिर मढने की साजिश रची गई | गवाहों के बयानों से अब यह साबित हो रहा है कि इस साजिश में महाराष्ट्र और केंद्र की कांग्रेस सरकारें शामिल थीं | बंटवारे के बाद ऐसी कल्पना तो कोई हिन्दू नहीं करता था कि वे बचे खुचे भारत में भी सुरक्षित नहीं रहेंगे | उन की सुरक्षा के लिए वही राजनीतिक शक्तियाँ जिम्मेदार होंगीं , जिन के हाथों में बचे खुचे भारत की बागडोर सौंपी गई थी |
पर अपन ऐसा हिंदुत्व भी नहीं चाहते , जिस में दुसरे धर्मों को अपमानित किया जाए , या उन की बहू-बेटियाँ खुद को सुरक्षित महसूस न करें | पिछले तीन दिन से आई खबरों ने अपन को अंदर से हिला दिया है | यह ठीक है कि इस्लामिक स्टेट से मुस्लिम औरतों की बिक्री की खबरें आई थीं | आईएसआईएस के मुस्लिम आतंकियों ने लूटी गई औरतों की बोली लगा कर बिक्री की थी | दुनिया भर में यह खबर तस्वीरों के साथ प्रकाशित हुई थी | इस्लामिक इतिहास में भी इस तरह की घटनाओं का जिक्र है | लेकिन इन घटनाओं को आधार बना कर भारत में मुस्लिम औरतों को बदनाम करने की कोई कोशिश करेगा , ऐसी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी | अरब देशों की तरह भारत में मुस्लिम औरतों के बिकने की कोई खबर कभी नहीं आई , क्योंकि भारतीय मुसलमानों का कल्चर भारतीय हिन्दू कल्चर ही है | जिस में औरतों को देवी का दर्जा दिया जाता है | ऐसे में अगर कोई मुस्लिमों को बदनाम करने के लिए मुस्लिम औरतों की बिक्री की अफवाह फैलाता है तो निश्चित रूप से वह भारतीय कल्चर को बदनाम करता है | यह हिंदुत्व को बदनाम करने की साजिश हो सकती है | इस साजिश के पीछे कोई हिन्दू हो या मुस्लिम , हिन्दू मुस्लिम वैमनस्य को बढाने की साजिश तो है ही |
पहली जनवरी को “बुल्ली बाई” नाम से एक एप लांच हुआ , जिस में सौ से ज्यादा जानी मानी मुस्लिम औरतों के फोटो लगा कर उन की बिक्री का एलान था | ऐसा ही एक एप “सुल्ली डील्स”जुलाई 2021 में भी सामने आया था , जिस में 80 मुस्लिम औरतों की बिक्री का इश्तिहार था | बुल्ली और सुल्ली दोनों ही गंदे शब्द हैं | एप तुरंत बंद किया गया था , पुलिस ने ऍफ़आईआर दर्ज की थी , लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी | इस बार कुछ मुस्लिम पत्रकारों के फोटो भी एप में शामिल थे | दिल्ली में मुस्लिम महिला पत्रकार इस्मत आरा और मुंबई की वकील फातिमा जिह्रा की शिकायत पर दोनों महानगरों में ऍफ़आईआर दर्ज हुई है | इस दोनों की फोटो भी एप पर थी | अफ़सोस यह है कि दोनों ही एप माईक्रोसॉफ्ट के प्लेटफार्म “गिटहब” पर बने हैं | एप को अब भी हटा दिया गया है | लेकिन यह घटना हिन्दू-मुस्लिम वैमनस्य बढाने में कामयाब होती दिखती है |
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