पल-पल बदलता मनमोहन का चेहरा

Publsihed: 19.Jul.2008, 22:04

नई दिल्ली, 19 जुलाई। मनमोहन सिंह का चेहरा पल-पल बदल रहा है। शिबू सोरेन और अजित सिंह खेमों से आई खबर चेहरे पर संतोष का भाव ला देती है, तो मुलायम के खेमे में मची भगदड़ मनमोहन के चेहरे की रौनक घटा देती है। शनिवार शाम होते-होते दोनों ओर 268-268 सांसद साफ दिखाई दे रहे थे, अब सबकी निगाह बाकी बचे छह सांसदों पर टिकी है। लेकिन कर्नाटक, गुजरात और बिहार के कांग्रेसी सांसदों में भाजपा की सेंध और सपा खेमे में मायावती की सेंध ने यूपीए में भगदड़ मचा रखी है।

मायावती ने दिल्ली में डेरा डालकर सपा का आज पांचवां लोकसभा सांसद एसपी सिंह बघेल तोड़ लिया, जिससे परसों तक तस्वीर और बदलने की आशंका पैदा हो गई है। मायावती ने आज मुलायम सिंह को सबसे बड़ा झटका तो राज्यसभा सांसद और सपा के मुस्लिम चेहरे शाहिद सिद्दीकी को तोड़कर दिया। दिल्ली पहुंचते ही मायावती केंद्रीय राजनीति का केंद्र बिंदु बन गई। उनकी चंद्रबाबू नायडू, चंद्रशेखर राव, एबी वर्धन, डी राजा आदि से मुलाकातों ने उन्हें तीसरे मोर्चे की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने की भूमिका बना दी है। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि कल यूएनपीए की बैठक में इस मुद्दे पर भी विचार होगा। चंद्रबाबू नायडू ने आज एबी वर्धन, मायावती, प्रकाश करात, अजित सिंह, देवगौड़ा से मुलाकातें की। चंद्रशेखर राव ने आज मायावती, देवगौड़ा और अजित सिंह से मुलाकातें की। सोनिया गांधी आज दस जनपथ पर राज्यवार कांग्रेस के सांसदों से मिलती रहीं। कर्नाटक के तीन और हरियाणा के दो सांसदों की गैर हाजिरी ने कांग्रेस की धड़कनें बढ़ा दी हैं। हालांकि सिरसा के आत्मा सिंह ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपने टूटने की खबरों को नकार दिया। इसी तरह कर्नाटक के जालप्पा ने भी सोनिया से मुलाकात कर अपनी नाराजगी का इजहार किया।

झारखंड मुक्तिमोर्चा के तीन सांसदों की खरीद-फरोख्त की खबरों ने राजनीतिक हलकों में तहलका मचा दिया है। शिबू सोरेन अपने सांसदों की खरीद-फरोख्त से लाचारी की हालत में आ गए हैं, अब उनके पास यूपीए के साथ जाने के सिवा कोई चारा नहीं रहा। झामुमो के चीफ व्हिप टेकलाल महतो ने कहा कि अगर शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो उन्हें यूपीए के साथ आकर ही बनना होगा। अजित सिंह ने अभी फैसला नहीं किया, लेकिन उनके सरकार के साथ जाने की नब्बे फीसदी संभावना है। जहां तक देवगौड़ा का सवाल है, तो वह पार्टी में अकेले पड़ गए हैं, विरेंद्र कुमार वामपंथी दलों के साथ हैं, तो शिवन्ना भाजपा के साथ। इसलिए देवगौड़ा आज मनमोहन सिंह से मिलकर भी कोई वादा नहीं कर पाए। आज विरेंद्र कुमार ने देवगौड़ा से मुलाकात की और पार्टी को एकजुट करके सरकार के खिलाफ वोट डालने की गुहार लगाई। नेशनल कांफ्रेंस ने फैसला किया है कि उसके दोनों सांसद तटस्थ रहेंगे, लेकिन सरकार गिरने की नौबत आती दिखी, तो सरकार के पक्ष में वोट करेंगे। ममता बनर्जी के अभी भी तटस्थ बने रहने की खबर है।

सरकार के पक्ष में       - कुल 268

कांग्रेस 151(2)
समाजावदी पार्टी 34 (5)
राष्ट्रीय जनता दल 24
द्रमुक 15(1)
राष्ट्रवादी कांग्रेस 11
पीएमके 06
लोकतांत्रिक जपा 04
एमडीएमके 02 (2)
केरल कांग्रेस (के.जार्ज फ्रांसिस) 01 (1)
एआईएमआईएम (ओवेसी) 01
बीएनपी (देलकर) 01
पीडीपी (महबूबा मुफ्ती) 01
मुस्लिम लीग (ई. अहमद) 01
आरपीआई (आठवाले) 01
एसडीएफ (नुकुल दास राय) 01
टीआरएस (ए.नरेंद्र) 01 (2)
एसडीएफ (नुकुल दास राय) 01
मिजो. ने.फ्रंट (वनलालवमा) 01
एनएलपी (बालेश्वर यादव) 01
एमएनपी (मणिचेरनामई) 01
निर्दलीय (थुप्सत्न चेवांग) 01
निर्दलीय (विसमुत्थारी) 01
झारखंड मुक्तिमोर्चा 05
आरएलडी (अजित सिंह) 03

सरकार के खिलाफ    - कुल 268

भाजपा 130
शिवसेना 12
बिजू जनता दल 11
जनता दल (यू) 08
शिरोमणि अकाली दल 08
एमडीएमके 02 (2)
शिरोमणि अकाली दल 08
माकपा 43
भाकपा 10
फारवर्ड ब्लाक 03
आरएसपी 03
बीएसपी 17
तेलगुदेशम 05
असमगण परिषद 02
टीआरएस 02
नगालैंड पीपुल फ्रंट(डब्ल्यू वांगयू) 01
जेडीएस(वीरेंद्र कुमार) 01 (02)
निर्दलीय (सेबिस्टियन पाल) 01
निर्दलीय (हरीश नागपाल) 01
निर्दलीय (बाबूलाल मरांडी) 01
सपा(मुनव्वर, भदोरिया, रावत, अतीक, बघेल) 05
कांग्रेस (कुलदीप विश्नोई, अरविंद शर्मा) 02

बीच मझधार में (जोड़तोड़ जारी)     - कुल 06

जेडीएस (एचडी देवगौड़ा) 02
नेशनल कांफ्रेंस (उमर अब्दुल्ला) 02
तृणमूल कांग्रेस (ममता बनर्जी) 01
द्रमुक (दयानिधि मारन) 01

(नोट : नेशनल कांफ्रेंस, तृणमूल और दयानिधि मारन के तटस्थ रहने की उम्मीद। देवगौड़ा का एक सांसद विपक्ष के साथ जाना तय।)

अन्य      - कुल 03

खाली सीटें (मेरठ, बेल्लारी) 02
वोट का हक नहीं (केरल कांग्रेस- पीसी थामस) 01

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