पाक में जेहाद के नारे, भारत में पाक से गुफ्तगू की तैयारी

Publsihed: 05.Feb.2010, 09:38

उधर न्यूयार्क से खबर आई- 'भारत के खिलाफ आतंकियों का इस्तेमाल कर रहा है पाक।' इधर दिल्ली की खबर है- 'भारत फिर से गुफ्तगू को तैयार।' शर्म-अल-शेख में गड़बड़झाले के बाद पीएम ने संसद में वादा किया था- 'बिना ठोस कार्रवाई का सबूत मिले बात नहीं होगी।' दो दिन पहले जब चिदंबरम-एंटनी ने एक साथ कहा- 'पाक ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।' तो अपना माथा ठनका था। दोनों से बयान दिलाकर टैस्ट कर रही थी सरकार। विपक्ष ने कड़े तेवर नहीं दिखाए। तो बुधवार को एसएम कृष्णा ने जुबान खोल दी। कुवैत जा रहे कृष्णा रास्ते में खबरचियों से बोले- 'पाक कसाब के बयान को सबूत मानने को राजी हो गया है। यह संबंध सुधारने में सकारात्मक कदम है।'

पूछा गया- क्या समग्र बात शुरू करने का वक्त आ गया। तो एसएम कृष्णा बोले- 'भारत ने गुफ्तगू के दरवाजे कभी बंद नहीं किए। पाक जांच आगे बढ़ाए, तो क्यों नहीं।' पर अपन ने न्यूयार्क से आई खबर का जिक्र किया। अमेरिकी इंटेलिजेंस चीफ डेनिस ब्लेयर ने सिनेट काउंसिल के सामने  कहा- 'भारत के खिलाफ आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहा है पाक। पाक का मकसद भारत की सेना और आर्थिक ठिकानों को नुकसान पहुंचाना।' खाली पीली रपट नहीं। अलबत्ता ट्रेनिंग कैंपों के वीडियो दिखाए गए मीटिंग में। पर मनमोहन सिंह शर्म-अल-शेख दोहराने को तैयार। फिलहाल तो सार्क मीटिंग के बहाने सिर्फ चिदंबरम जाएंगे इस्लामाबाद। फिर बारी आएगी विदेश सचिव निरुपमा राव की। गुफ्तगू का न्योता जा भी चुका। बात पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब की चल पड़ी। तो बताते जाएं- कसाब कोर्ट में रोज बयान बदल रहा। कहीं अपने ही बिछाए जाल में न फंस जाएं अपन। जाल बिछाकर फंसना-फंसाना कांग्रेसियों की फिदरत। पाक से गुफ्तगू का ताल्लुक भी वोट बैंक से। जैसे बाटला हाऊस मुठभेड़ का। आप भूले नहीं होंगे- तेरह सितंबर 2008 के दिल्ली में हुए बम धमाके। छब्बीस लोग मारे गए थे धमाकों में। छठे दिन दिल्ली पुलिस ने आतंकियों को घेरा था बाटला हाऊस के एक फ्लैट में। अल्पसंख्यक वोटों के लिए बार-बार मुठभेड़ को फर्जी बताते हैं कांग्रेसी। इंडियन मुजाहिद्दीन की असलियत को कबूल नहीं रहे कांग्रेसी। नरेंद्र मोदी ने जब मुंबई पर हमले में घर के भेदियों का सवाल उठाया। तो कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज किया था। अब पी चिदंबरम ने मान लिया- 'पाकिस्तानी आतंकियों का एक भारतीय मददगार अबू जिंदाल भी था।' बात इंडियन मुजाहिद्दीन की। तो इंडियन मुजाहिद्दीन के बशीर उर्फ आतिफ, साजिद, सैफ, जीशान, शहजाद, जुनैद, जिया उर रहमान, साकिब निसार और मोहम्मद शकील ने किए थे दिल्ली में धमाके। बाटला हाऊस मुठभेड़ में मारे गए थे बशीर उर्फ आतिक और साजिद। मौके पर पकड़ा गया था सैफ। उसी दिन ही पकड़ लिया था जीशान। सभी के सभी आजमगढ़ के। हाल ही में आजमगढ़ से ही पकड़ा गया शहजाद। बात मुठभेड़ की। तो मुठभेड़ में मारे गए थे जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा। जिसे पिछली 26 जनवरी को मरणोपरांत दिया गया अशोकचक्र। पर कांग्रेसी मुठभेड़ को फर्जी बताने से बाज नहीं आ रहे। तब अब्दुल रहमान अंतुले और दिग्विजय सिंह ने फर्जी कहा था। पीएम की फटकार से तब तो चुप्पी साध ली थी दोनों ने। पर बार-बार सवाल न उठे। सो जांच करा दी थी मानवाधिकार आयोग से। असली पाई गई थी मुठभेड़। पर अब दिग्विजय सिंह ने मुठभेड़ को फिर फर्जी बता दिया। बुधवार को संजरपुर में बोले- 'बाटला हाऊस में मारे गए युवक को पांच गोली कैसे लगी। मुठभेड़ में सिर पर गोली लगना तो नामुमकिन। जांच आयोग ने शिकायतकर्ताओं से पूछताछ तक नहीं की।' इस पर राजनीतिक बवाल खड़ा हुआ। बीजेपी ने मुस्लिम वोट बैंक की घटिया राजनीति पर हमला बोला। तो चौबीस घंटे में यू टर्न ले ली दिग्गी राजा ने। आजमगढ़ में बोले- ' मैं यहां मुठभेड़ की जांच करने नहीं आया। मैं कैसे कह सकता हूं- मुठभेड़ फर्जी थी या असली। मैं तो यह देखने आया था- आजमगढ़ के युवक रास्ता क्यों भटक गए। आतंकवाद की नर्सरी के नाम से क्यों बदनाम हो रहा है आजमगढ़।' पर अपन बात कर रहे थे पाक से गुफ्तगू की। गुफ्तगू की खबर उसी दिन आई। जिस दिन मुजफ्फराबाद में जमात-उद-दावा के जलसे की खबर आई। पाक ने कोई कार्रवाई नहीं की हाफिज सईद पर। अब वह जलसों में खुलेआम लगवा रहा है भारत के खिलाफ जेहाद के नारे।

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