चंद्रबाबू -जगनरेड्डी की हवा निकालेगा तेलंगाना

Publsihed: 11.Dec.2009, 00:23

लिब्रहान रपट पर चौथे दिन की बहस निपट गई। राज्यसभा में भी वही रुख रहा। बीजेपी के स्टार स्पीकर थे वेंकैया नायडू। कांग्रेस के स्टार स्पीकर थे कपिल सिब्बल। वेंकैया बोले- 'रपट को बंगाल की खाड़ी में फेंक दो।' कपिल बोले- 'बीजेपी देश से माफी मांगे।' लोकसभा और राज्यसभा की बहस में फर्क सिर्फ एक रहा। लोकसभा में रपट की खामियां गिनाती रही बीजेपी। पर राज्यसभा में जेटली और वेंकैया का जोर रामजन्म भूमि के इतिहास पर रहा। जन्मभूमि का मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने के सबूत बताते रहे। पर पतनाला वहीं का वहीं। बुधवार की रात से लिब्रहान पर तेलंगाना हावी हो चुका था। कांग्रेस ने चंद्रशेखर राव के सामने घुटने टेक दिए। अमर अनशन रख चंद्रशेखर राव ने घुटने टिकवा दिए। वैसे चंद्रशेखर राव ने तो हफ्ताभर पहले अनशन तोड़ दिया था। बाकायदा नीबू-पानी पी लिया था।

पर गफलत के रोसैया की रणनीति में हुई। नीबू-पानी पीने की सीडी बनवाकर चैनलों में बांट दी। चैनल नीबू-पानी का गिलास बार-बार रिपीट करने लगे। तो तेलंगाना में बवाल मच गया। जगह-जगह चंद्रशेखर राव के पुतले फूंके गए। कांग्रेस की इस ओछी हरकत से राव भी तैश में आ गए। अनशन दुबारा शुरू हो गया। राव के बेटे ने कमान संभाल ली। तो आंदोलन हिंसक हो गया। बीजेपी भी आंदोलन में कूद गई। राव की हालत बिगड़ी। तो सोनिया की हालत भी बिगड़ने लगी। सात दिसंबर को कोर कमेटी हुई। तो फैसला हो गया था। उसी दिन सोनिया ने रोसैया को फोन किया। हिदायत मिलते ही रोसैया ने उसी रात सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। तेलंगाना पर आम सहमति बन गई। पर पीएम रूस में थे। सो उनका इंतजार हुआ। बुधवार को पीएम लौटे। तो सुबह-सबेरे ही लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा में मामला उठा दिया। मीरा कुमार और मनमोहन ने चंद्रशेखर राव की बिगड़ती हालत पर चिंता जताई। आडवाणी ने कहा था- 'तेलंगाना बनाने का फैसला किया जाए। चंद्रशेखर राव की जान भी बचाई जाए।' उधर बुधवार को सोनिया का जन्मदिन भी था। तेलंगाना के कांग्रेसी सांसद बधाई देने पहुंचे। तो लगते हाथों कह दिया- 'आप तेलंगाना को जन्मदिन का तोहफा दे दीजिए।' और रात होते-होते तोहफे की नौबत आ गई। चर्चाएं तो दिनभर चलती रहीं। कोर कमेटी की तीन मीटिंगें हुई। चंद्रशेखर राव को शाम पांच बजे ही चिदंबरम ने संदेश भेज दिया था। उसी वक्त आंध्र के कांग्रेसी सांसदों को वीरप्पा मोइली के घर बुलाया गया। अहमद पटेल भी वहीं पर पहुंचे। सांसदों से राय ली गई। तो ज्यादातर तेलंगाना के खिलाफ थे। एक सांसद ने कहा- 'आप फैसला ले चुके हैं। चंद्रशेखर राव को बात बता चुके हैं। क्या यह खबर गलत है?' इस पर अहमद पटेल भड़क गए। उनने कहा- 'आपसे राय पूछी है, आप उतना ही बताएं।' आखिर दिनभर की जमा-घटाओ के बाद रात ग्यारह बजे फैसला हुआ। पी चिदंबरम ने ऐलान किया- 'तेलंगाना बनाने पर सहमति बनी है। विधानसभा प्रस्ताव पास करेगी।' रात सवा बारह बजे चंद्रशेखर राव का अनशन टूट गया। राव ने तीन लोगों को धन्यवाद दिया। मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और लालकृष्ण आडवाणी। बीजेपी तो सोमवार से ही दोनों सदनों में हर रोज तेलंगाना उठा रही थी। कांग्रेस की नाक में दम कर दिया था। पर राव ने आडवाणी का नाम तीसरे नंबर पर लिया। इसके पीछे की कहानी बता दें। अपन को कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र बता रहे थे- 'चंद्रशेखर राव ने सोनिया से वादा किया है- वह टीआरएस का कांग्रेस में विलय कर देंगे।' अब बंटवारा होते ही आंध्र और तेलंगाना दोनों में कांग्रेस की सरकार होगी। एक की जगह दो कांग्रेसी मुख्यमंत्री होंगे। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद होगी। एसेंबली में 119 सीटें होंगी। बाकी 175 सीटें आंध्र प्रदेश की। जिसमें होंगे तटीय आंध्र और रायलसीमा। आंध्र की राजधानी बनेगी विजयवाड़ा-गुंटूर। एक तीर से कई निशाने साधे जाएंगे। आंध्र में चंद्रबाबू नायडू कमजोर पड़ जाएंगे। जगन रेड्डी का खतरा हमेशा के लिए टल जाएगा। तटीय आंध्र में 11 जिले। रायलसीमा में सिर्फ चार। जगन रेड्डी-चंद्रबाबू दोनों रायलसीमा के। पर उन दोनों के समर्थक ज्यादातर विधायक तेलंगाना के हैं। जगन सीएम नहीं बन पाए। तो तेलंगाना के आंदोलन को उनने ही हवा दी थी। पर गुरुवार का उबाल उम्मीद के मुताबिक ही हुआ। बाकी बचे आंध्र में बवाल मच गया। कांग्रेस-टीडीपी-पीआरपी में बगावत हो गई। तेलंगाना के खिलाफ सांसदों-विधायकों के इस्तीफों का अंबार लग गया। तीनों दलों के 93 विधायकों के इस्तीफे हो गए। पर मंजूर कोई नहीं होगा। भले ही स्पीकर किरण कुमार खुद तेलंगाना के खिलाफ। गुरुवार को हंगामे में एसेंबली नहीं चली। कांग्रेसी सांसद राजगोपाल ने मीरा कुमार को इस्तीफा दे दिया। उनने खुद बताया। पर मीरा कुमार के दफ्तर ने इंकार किया। अठाईस सांसद तेलंगाना के खिलाफ सोनिया से मिले। तो सोनिया ने साफ कह दिया- 'फैसला राष्ट्रहित में लिया गया। अब इसमें किंतु-परंतु नहीं।' यानी कांग्रेस का व्हिप जारी होगा। अपन बताते जाएं- कांग्रेस के चार बड़े नेता तेलंगाना समर्थक। जयपाल रेड्डी, हनुमंत राव, श्रीनिवास, केशवराव। सोनिया तेलंगाना के हक में। तो राहुल बुंदेलखंड के हक में। अब आग लगी है। तो हरित प्रदेश और विदर्भ में भी धुआं पहुंचेगा।

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