अपना तो पटाखों से परहेज पर पाकिस्तान में फूट रहे बम

Publsihed: 17.Oct.2009, 09:30

अपने यहां सिर्फ मिठाई का परहेज ही नहीं। पटाखों का भी परहेज। मिठाई की पोल तो दीवाली से ठीक पहले खुल गई। पूरे देश में नकली मावा पकड़ा गया। मिठाई की मांग से हलवाईयों के मुंह में पानी भरने का असर। मांग ज्यादा होगी। तो फर्जीवाड़ा भी बढ़ेगा। सो इस बार ड्राई फ्रूट का चलन बढ़ा। चाकलेट बनाने वाली इंटरनेशनल एजेंसियों की भी चांदी। थोड़ा मीठा हो जाए। पर मिठाई से ज्यादा बात पटाखों की। अपन ने सालों साल शिवकाशी में पटाखे बनाते बच्चों को मरते देखा। विस्फोटों में हाथ-पैर उड़ते देखे। पटाखे हर साल न जाने कितनों का बचपन छीन रहे। सो समझदार लोगों ने पटाखों के खिलाफ मुहिम छेड़ी। जो अब परवान चढ़ने लगी। आपने बुलंदशहर में पटाखों की मंडी तो जलते देखी ही। दीवाली से एक दिन पहले ही बज गए सारे पटाखे।

सो अपने यहां पढ़े-लिखे परिवारों में पटाखों का परहेज। पर पाकिस्तान में मुफ्त के पटाखे फूट रहे। पटाखे भी सिर्फ आवाज करने वाले नहीं। अलबत्ता खून की होली खेलने वाले। तालिबान के आतंकी कर रहे हैं बमों की धांय-धांय। तीस साल पहले भारत में शुरू की थी खून की होली। पहले जम्मू कश्मीर। फिर पंजाब। फिर सारा देश पाक आतंकियों के निशाने पर था। अपन ने तीस साल तक पाक फौज-आईएसआई का नंगा नाच देखा। तीस सालों में अपने यहां लाखों विधवाएं हुई। लाखों बच्चे अनाथ हुए। उनकी हाय तो लगनी ही थी। अपने यहां बहुतेरी विधवाओं के कलेजे में ठंड पड़ी होगी। कहते हैं ना स्वर्ग-नरक यहीं पर होता है। किए का फल यहीं पर भुगतना पड़ता है। पर अपन पाकिस्तान का बुरा नहीं सोचते। पाकिस्तान के इस जख्मी हालात पर अपन भी फिक्रमंद। गुरुवार को पांच जगह बम फूटे थे। जिसका जिक्र अपन ने कल किया ही था। तालिबान ने जुम्मे के दिन भी नागा नहीं किया। मुसलमानों के लिए जुम्मे का दिन सबसे पवित्र। सो आप अंदाज लगा लीजिए- तालिबानी कितने सच्चे मुसलमान होंगे। अपन बात कर रहे हैं जुम्मे की। तो जुम्मे के दिन सिर्फ पाकिस्तान नहीं। इराक में भी हुआ फिदायिन हमला। वह भी एक मस्जिद में। आतंकी ने पहले मौलवी को गोली मारी। फिर बम फूटे। तो मस्जिद बारह लोगों के खून से लाल हो गई। यों तो इस्लाम में बेगुनाह की हत्या सबसे बड़ा अपराध। पर आतंकी इसे मानें तब ना। बात जुम्मे के दिन की। तो एनडब्ल्यूएफपी की राजधानी पेशावर। जहां जुम्मे के दिन मस्जिद के करीब फिदायिन हमला हुआ। एक तरफ फौज की चैकपोस्ट थी। तो दूसरी तरफ क्रिमिनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी की चैकपोस्ट। एनडब्लयूएफपी के सूचना मंत्री इफ्तिकार हुसैन बोले- 'मरने वाले ग्यारह लोगों में कार पर सवार फिदायिन आतंकी औरत भी।' सो कोई नलिनी पेशावर में फिदायिन बनी। अब पाकिस्तान में कोई दिन खाली नहीं जाता। इनफरमेशन मिनिस्टर रहमान मलिक बोले- 'पाकिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश।' होश उड़े हैं पाकिस्तानी फौज और सरकार के। शुक्रवार को पीएम गिलानी के घर पर हालात का जायजा लिया गया। आईएसआई चीफ अहमद शुजा पासा भी मौजूद थे। विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी, रक्षामंत्री अहमद मुख्तार ही नहीं। अलबत्ता आधा दर्जन मंत्री। चारों राज्यों के चीफ मिनिस्टर। सिंध और एनडब्लयूएफपी के गवर्नर। सारे राजनीतिक दलों के चीफ। हालात पर रोशनी डाली आर्मी चीफ अशरफ परवेज कियानी ने। हालात बेकाबू होने की कगार पर। तालिबान-अलकायदा का गठजोड़ हो चुका लोकल आतंकियों से। सबको पाल पोस रहे थी पाक की ही फौज।

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