परिवारवाद और वीरभद्र सिंह के तेवर
भाजपा जब 75 साल वालों को रिटायर कर रही है | तब पिछले साल 74 साल के अमरेन्द्र सिंह ने अपने बूते कांग्रेस को पूरी एसेम्बली जीता दी थी | उनने सोनिया और राहुल के नाक में दम कर के पंजाब का नेतृत्व सम्भाला था | अब वही तरीका 83 साल के मुख्यमंत्री वीरभद्रसिंह अपना रहे हैं | ऐसा नहीं है कि 83 साल के हो गए हैं , तो चुनाव का नेतृत्व नहीं कर सकते | पांच साल पहले प्रकाश सिंह बादल 84 साल की उम्र में अकाली दल को दुबारा सत्ता में ले आए थे | हिमाचल विधानसभा के चुनाव जनवरी में होने हैं | विधानसभा का आख़िरी सत्र इस महीने हो गया | वैसे मुख्यमंत्री चाहें , तो सत्र बुला सकते हैं | उस पर कोई रोक नहीं | पर मोटे तौर