कांग्रेस ने जीत से सीखा, बीजेपी ने हार से भी नहीं
अपन ने तेरह जून को लिखा था- 'बीजेपी की महाभारत अभी तो शुरू ही हुई है।' अपन ने गलत तो नहीं लिखा था। उसी दिन यशवंत सिन्हा का बम फट गया। पर यशवंत के बाद कोई बम फटता। पहले ही राजनाथ ने धमकी दे दी- 'अब कोई फन्नेखां बनेगा। तो सख्त कार्रवाई होगी।' सो मुरली मनोहर जोशी का बम धरा रह गया। प्यारे लाल खंडेलवाल और विनय कटियार का भी। सुषमा स्वराज सोमवार को भोपाल में जो बोली। अनुशासनहीनता के दायरे में नहीं आता। तूफान तो बीजेपी में है ही। उसे वालकेनो कहें या रीटा या आईला। उससे फर्क नहीं पड़ता। पर उनने कहा- 'आडवाणी पांच साल विपक्ष के नेता रहेंगे।' तो अपन कतई सहमत नहीं। या तो वह चंदन मित्रा वाले मामले से डर कर बोली।