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Exclusive Articles written by Ajay Setia

तालिबान के रास्ते आतंकवाद की वापसी

Publsihed: 11.Oct.2021, 21:31

अजय सेतिया / शशी थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है कि बात तो पीओके जीत कर लाने की थी | जम्मू कश्मीर से 370 हटाई गई थी तो देश में ऐसा ही माहौल बनाया गया था | जब से मोदी पीएम बने हैं , देश में आतंकवाद काबू में था | कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं जरुर हो रही थीं | पिछले दो साल से वह भी काबू में थीं | जो लोग दावा कर रहे थे कि 370 हटाने के बाद कश्मीर के हालात बेहद खराब हो जाएंगे | वहां बगावत हो जाएगी , उन्हें निराशा हाथ लगी थी | अब जब पिछले एक हफ्ते में आतंकवाद लौट आया है तो उन लोगों की बांछें खिली हैं | वे शान्ति से परेशान थे | शशी थरूर की टिप्पणी इसी ओर इशारा करती हैं | हाँ यह सच

गैंग रेप पर भी राजनीति कर रहे उद्धव ठाकरे

Publsihed: 23.Sep.2021, 21:41

अजय सेतिया / पुणे के बाद महाराष्ट्र के ठाणे में भी दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई है | 30 लोगों ने 14 साल की लड़की से गैंगरेप किया | सिर्फ 20 दिन पहले पुणे में भी 14 साल की लडकी का गेंग रेप होने की खबर आई थी | सड़क किनारे ऑटोरिक्शा का इंतजार कर रही 14 साल की नाबालिग को कुछ लोग अपने साथ उठा ले गए थे | उठा ले जाने वाले ऑटो ड्राईवर ही थे | पांच अलग-अलग जगह ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया गया था | पुणे पुलिस ने जिन 14 लोगों को अरेस्ट किया था | इसमें 11 ऑटो ड्राइवर और दो रेलवे के कर्मचारी भी शामिल थे | पुलिस की रिपोर्ट पर कितना विशवास करें , कितना न करें , क्योंकि पुलिस ने लडकी के प्रेमी को

अमरेन्द्र सिंह “ठोकेंगे” सिद्धू को

Publsihed: 22.Sep.2021, 22:35

अजय सेतिय/ मीडिया में एक तबका है जो कांग्रेस के हर कदम को तुरुप का पत्ता बताते रहते हैं | जब 2009 और फिर 2014 के चुनाव में राहुल गांधी फेल साबित हुए | तो उन्होंने प्रियंका गांधी को तुरुप का पत्ता बताना शुरू कर दिया था | 2019 के चुनाव में सक्रिय रूप से उभरने के बाद जब वह अपने भाई राहुल गांधी की अमेठी सीट भी नहीं बचा पाई | तो भक्त मीडिया ने कांग्रेस की छोटी छोटी बातों को तुरुप का पत्ता लिखना शुरू किया | अब पंजाब में अमरेन्द्र सिंह को हटा कर चरण जीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने को तुरुप का पत्ता बता रहे हैं | जबकि यही बात उन्होंने तब नहीं कही और लिखी जब भाजपा ने कर्नाटक में लिंगायत येदुयुरप्प

हारे हुए नेता से उम्मीद क्यों

Publsihed: 22.Sep.2021, 07:47

अजय सेतिया /अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बड़े कन्फयूजिंग सिग्नल दे रहे हैं | एक तरफ उन्होंने चीन की आक्रामकता को लगाम लगाने के लिए आस्‍ट्रेलिया के साथ परमाणु पनडुब्‍बी और टामहाक मिसाइलों का ऐतिहासिक आकस समझौता किया है | जिससे दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागीरी पर अंकुश लगेगा | तो दूसरी तरह मंगलवार को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि अमेरिका चीन के साथ "नया शीत युद्ध" नहीं चाहता | चीन के साथ टकराव टालने के संकेत उस समय भी मिले थे जब दो दिन पहले उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बात की थी | उसी संकेत को आगे बढाते हुए जोई बिडेन

तालिबान के तीन यार पाक,चीन और रुस

Publsihed: 18.Sep.2021, 07:27

अजय सेतिया / जैसी की उम्मींद थी अफगानिस्तान को लेकर भारत और चीनआमने सामने आ गए | तजाकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में हुईशंघाई सहयोग संगठन की बैठक में जहां चीन ने कहा कि वह सदस्य राज्यों के साथ मिल कर तालिबान नियंत्रित युद्धग्रस्त देश में एक खुला और समावेशी राजनीतिक ढांचा बनाने के लिए कामकरेगा | वहीं भारत ने इस बैठक में क्षेत्र की सुरक्षा के लिएचरमपंथ और कट्टरपंथ की चुनौतियों से नि

आज दुशांबे में पकेगी चीन-पाक खिचडी

Publsihed: 17.Sep.2021, 08:29

अजय सेतिया / अपन पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान की पक रही भारत विरोधी खिचडी पर लिखते रहे हैं | अपनी आशंका कि पाक और चीन मिल कर तालिबान को कश्मीर की तरफ धकेलना चाहते हैं | वे बारास्ता तालिबान तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान और हक्कानी नेटवर्क को भी इस्लाम के नाम पर कश्मीर में धकेलना चाहते हैं | लेह-लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र बना दिए जाने के बाद चीन की बेचैनी अपन पूर्वी लद्दाख में देख चुके हैं | पूर्वी लद्दाख में तनाव भले ही कम हो गया हो, लेकिन चीन भारत से लगने वाली अपनी सीमा के नजदीक आधारभूत ढांचे के विकास की गति तेज किए हुए है | ऐसा बीते अगस्त महीने में सेटेलाइट की तस्वीर

अफ़ग़ानिस्तान की यह सरकार पाक की कठपुतली

Publsihed: 08.Sep.2021, 00:46

अजय सेतिया / अफ़ग़ानिस्तान में नई सरकार का गठन हो गया है । सरकार में 33 मंत्री हैं , जैसी की उम्मीद थी एक भी महिला मंत्री नहीं है । अलबत्ता मंगलवार को जब सरकार बन रही थी महिलाओं पर लाठीचार्ज हो रहा था क्योंकि वे अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तानी हस्तक्षेप के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहीं थी । तालिबान के नेताओं में मतभेद थे , जिन्हें दूर करने आईएसआई चीफ़ हनीफ़ अफ़ग़ानिस्तान गए थे । वह हक्कानी नेटवर्क को सरकार में शामिल करवाने में कामयाब रहे । तालिबानी मंत्रियों में ज़्यादातर हाल ही के सालों ख़ूँख़ार आतंकी थे । कुछ तो अभी भी अमेरिका की ओर से घोषित आतंकी हैं । अमेरिका 20 साल पहले अल क़ायदा को तबाह

यूएन रूपी भैंस के आगे बीन बजाना

Publsihed: 07.Sep.2021, 07:38

अजय सेतिया / अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का गठन इस लिए नहीं हो पा रहा , क्योंकि तालिबान का एक ग्रुप पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और दो बार के राष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार अब्‍दुल्‍ला अब्‍दुल्‍ला जैसेनेताओं को सरकार में शामिल करवाना चाहता है | जहां तालिबान के सैन्‍य कमांडर इसके खिलाफ बताए गए हैं, वहीं दोहा में मौजूद ग्रुप इसके पक्ष में है | तालिबान प्रमुख अखुंदाजादा औरहक्‍कानी ग्रुप मुल्ला बरादर को सरकार में इतना ताकतव