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Exclusive Articles written by Ajay Setia

इटली ने चौंकाया देश को, सोनिया को भी

Publsihed: 14.Jul.2009, 11:02

सावन का पहला सोमवार भी बीत गया। मेघ नहीं बरसे। बरसने की रिहर्सल करते रहे। इटली से लौटे पीएम ने मायूस होकर समीक्षा की। मौसम विभाग ने वही चंडूखाने की पेली। कहा- ''देर से ही सही। आज आएगा मानसून। घबराइए नहीं।'' मनमोहन अब बेफिक्र होकर पांच दिन फ्रांस और मिस्र में बिताएंगे। तो एक उम्मीद बंधी रहेगी। पर फिलहाल इटली की। सोमवार को लोकसभा में दो बार इटली का जिक्र आया। सो सोनिया रह रह कर चौंकी। एक का संबंध तो मनमोहन के दौरे से। दूसरे बार इटली का जिक्र मुलायम ने किया।

गांधी के गुजरात में शराब और हिंसा

Publsihed: 11.Jul.2009, 09:14

आसिफ अली जरदारी ने आखिर सच बोला। मुंबई में आतंकी हमला हुआ। तो जरदारी ने कहा था- 'पाक का कोई हाथ नहीं। पाकिस्तानी पकड़ा गया होगा। तो नान स्टेट एक्टर होगा।' वैसे कसाब के कबूलिया बयान का जिक्र अपन बाद में करेंगे। पहले राष्ट्रपति जरदारी की ही बात। उनने मान लिया- 'पाकिस्तान ने आतंकवाद को शह दी। आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी। अब वही आतंकी पाक को बर्बाद करने पर उतारू।' यही बात तो अपन शुरू से कह रहे थे। यह बात जियाउल हक के बाद पाक का हर राष्ट्रपति जानता था। हर प्रधानमंत्रीं जानता था।

आंकड़ों की बाजीगिरी में तो महंगाई है ही नहीं

Publsihed: 10.Jul.2009, 11:11

अपन ने पच्चीस जून को लिखा था- 'कांग्रेस में बारी रेवडियों की, बीजेपी में बदलाव की।' तो गवर्नरी रूपी रेवड़ियां बंटती-बंटती अटक गई। यूपी के गवर्नर टीवी राजेश्वर की टर्म आठ जुलाई को खत्म हो गई। पर बदलाव का फैसला नहीं हुआ। सो जब तक नया गवर्नर न आए। तब तक राजेश्वर बने रहेंगे। अपन समझते थे राजेश्वर को एक टर्म और मिलेगी। पर अब ऐसा नहीं लगता। सोनिया का इरादा सारे घर के बदल डालने का। बलराम जाखड़ तो अबोहर के पास पंजकोसी में जाकर बैठ चुके। अगले महीने पंडित नवल किशोर शर्मा भी रिटायर होंगे। पर बीजेपी में बदलाव शुरू हो चुका।

सावरकर की मूर्ति फ्रांस में लगाने पर भी परेशानी

Publsihed: 08.Jul.2009, 20:39

अपने नमो नारायण मीणा। पवन बंसल का दर्जा बढ़ा। तो इस बार वित्त राज्यमंत्री हो गए। सो झारखंड का बजट पेश करने का मौका मिला। पता है ना- झारखंड में इस समय राष्ट्रपति राज। यूपीए की झारखंडी सरकार के चार मंत्री भ्रष्टाचार में फंस चुके। पर सोनिया का इरादा अभी भी उन्हीं के साथ सरकार बनाने का। सो विधानसभा भंग नहीं हुई। पर बात बजट की। बजट पेश होने से दो दिन पहले लीक हो गया। अखबारों में छप गया। बुधवार को मीणा ने बजट पेश किया। तो यशवंत सिन्हा ने  कहा- 'बजट तो अखबारों में छप चुका। किसने लीक किया। सरकार जांच कराए।' पर सरकार किस-किस 'लीक' की जांच कराएगी। जांच करवाएगी तो खुद फंसेगी। लीक का दूसरा मामला सुनिए।

स्पीकर के साथ टकराव की यह तो शुरूआत भर

Publsihed: 07.Jul.2009, 20:39

फूंक-फूंककर कदम रखें। हर किसी पर शक करें। अपने नए सांसदों को यह संदेश है लालकृष्ण आडवाणी का। कहते हैं ना दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक पीता है। सो आडवाणी को डर- कहीं नए सांसद फजीहत न करा दें। जैसे चौदहवीं लोकसभा में आठ सांसदों ने कराई थी। सदन में सवाल पूछने के बदले पैसा लेने का मामला। याद आया आपको। ग्यारह सांसदों की मेंबरी गई थी। सो उनने अपने सांसदों को चेताया- 'किसी के झांसे में न आएं। कारपोरेट घरानों की जंग में न कूदें। एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए आपको इस्तेमाल करेंगे। सवालों के झोले लिए घूम रहे हैं। बिना सोचे-समझे किसी कागज पर दस्तखत न करें। प्राईवेट सेक्रेट्री भी सोच-समझ कर रखें।' आडवाणी की बात से अपन को याद आया। उनने वोटिंग मशीनों पर सवाल उठा दिया। कईयों की दुखती रग पर हाथ रख दिया।

ममता दीदी का लालू की धुलाई करने वाला बजट

Publsihed: 03.Jul.2009, 21:25

अपन को तो ममता का रेल बजट बढ़िया लगा। इसलिए नहीं, जो खबरचियों की पत्नियों-पतियों को तोहफा दिया। अलबत्ता इसलिए क्योंकि सबको कुछ न कुछ दिया। महिलाओं के लिए महिला ट्रेन। युवावों के लिए युवा ट्रेन। वह भी 1500 किमी तक 299 में। गरीब-गुरबों के लिए 'इज्जत' रखने वाला 25 रुपए का पास। लालू की तरह नहीं। जिनने एयरकंडीशंड गरीबरथ पर अमीरों को ऐश कराई। ममता ने सबसे बड़ा काम किया- रेलवे को नोट छापने वाली मशीन बनने से बचाया।

अब अटल की पेट्रोलियम नीति लगने लगी अच्छी

Publsihed: 02.Jul.2009, 20:36

तो वही हुआ। संसद में सरकार घिर गई। पेट्रोल-डीजल की कीमतें महंगी पड़ी। सिर्फ विपक्ष एकजुट नहीं हुआ। यूपीए में भी दरार पैदा हो गई। कांग्रेस के 206 सांसदों के साथ कोई दिखा। तो सिर्फ ममता बनर्जी के सुदीप बनर्जी। सुदीप भी कुछ यों बोले- 'अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत घटने पर यहां भी घटे।' सुदीप ने ऐसा क्यों कहा। वह अपन बता दें। बंगाल की नगर पालिकाओं के नतीजे बुधवार को ही आए। सोलह में से तेरह पर तृणमूल का कब्जा। सो उनकी निगाह अब मंत्री पद की कुर्सी पर। सेंट्रल हाल में मिले। तो नतीजों से गदगद थे। बोले- 'अब ममता होंगी बंगाल की मुख्यमंत्री।' अपन ने तपाक से कहा- 'तो आप होंगे केन्द्र में मंत्री।' उनने कहा- 'आई होप सो।'

कोशिश होगी सेशन में 'लिब्राहन' से बचने की

Publsihed: 01.Jul.2009, 20:39

आज शुरू होगा बजट सेशन। आज से ही पेट्रोल चार रुपए महंगा। डीजल दो रुपए। यह है आम आदमी के बजट की शुरूआत। 'आम आदमी' अब कांग्रेस की नई मुसीबत। सरकारी कमेटी की रिपोर्ट ने कहा है- 'देश की पचास फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे हो चुकी।' अपन प्रणव मुखर्जी का बजट तो नहीं जानते। पर ममता ने कहा है- 'रेल बजट आम आदमी का होगा।' पर पहले बात गुरुवार को सेशन शुरू होने की। अपन हफ्ते के बीच सेशन शुरूआत का राज नहीं जानते। चौदहवीं लोकसभा से पहले ऐसा नहीं होता था। सेशन हमेशा सोमवार को शुरू होता रहा। नौ साल बाद कांग्रेस सरकार में लौटी। तो दो बातें नई हुई। सेशन की शुरूआत गुरुवार को। सेशन के दौरान कांग्रेस की ब्रीफिंग चार बजे नहीं। अलबत्ता चार बजकर बीस मिनट पर। अगर यह किसी ज्योतिषी ने बताया था। तो ज्योतिषी सचमुच धांसू।

बाबरी रपट : बीजेपी की कंगाली में आटा गीला

Publsihed: 30.Jun.2009, 20:39

तो अपन ने इक्कीस मई को क्या लिखा था- 'कांग्रेस इस बार हिसाब चुकता करेगी। आडवाणी-मोदी को चार्जशीट का इरादा। आडवाणी पर लिब्राहन आयोग की मार पड़ेगी। मोदी पर सुप्रीम कोर्ट जांच बिठा चुकी।' तो अपनी भविष्यवाणी के सिर्फ इकतालिसवें दिन आ गई रिपोर्ट। साढ़े सोलह साल लगे लिब्राहन आयोग को। छह दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचा टूटा। सोलह दिसंबर को आयोग बना। तीन महीने का वक्त था। आयोग ने लगाए 198 महीने। वाजपेयी चाहते तो बार-बार अवधि बढ़ाने की मांग ठुकरा देते। अपने यहां एक बार जो आयोग का चेयरमैन बन जाए। फिर जांच तो उसी के हिसाब से पूरी होगी। जस्टिस लिब्राहन साढ़े सोलह साल सुप्रीम कोर्ट के जज नहीं रहे। पर साढ़े सोलह साल आयोग के चेयरमैन रह गए।

मानसून और शतरंज की राजनीतिक गोटियां

Publsihed: 30.Jun.2009, 05:10

अपनी निगाह तो बेंगलुरु पर थी। बेंगलुरु की किस्मत जगे। तो अपन बरसात की उम्मीद लगाएं। पर बेंगलुरु की खबर खराब मिली। मानसून ने अबके बेंगलुरु के भी पसीने छुटा दिए। सोमवार को भोपाल-इंदौर में झमाझम हुई। शिवराज सिंह चौहान का रुद्राभिषेक कामयाब रहा। प्री मानसून ने ही बल्ले-बल्ले कर दी। सोमवार को तो जयपुर के आसपास भी छींटे पड़ गए। भोपाल-इंदौर-जयपुर की खबरों से अपन को दिल्ली की किस्मत खराब लगी। अस्थमा वालों के लिए दिल्ली के ये दिन बहुत खराब। ऊपर से शीला दीक्षित का बिजली मैनेजमेंट चरमरा गया।