अब झारखंड का नैतिक दबाव होगा कांग्रेस पर
तो चुनावी बुखार चढ़ने लगा। भले ही शरद पवार पूरी तैयारी कर रहे हों। पर गठबंधन टूटना नहीं। जनार्दन द्विवेदी बता रहे थे- 'बात जारी, गठबंधन होगा।' पवार की अकेले तैयारी का कारण भी बताते जाएं। उनके कान में किसी ने डाल दिया- 'कांग्रेस बात में उलझाकर रखेगी। आखिर में गठबंधन नहीं करेगी।' सो उनकी तैयारी दोनों तरह की। पवार का आंख-कान खोलकर चलना जायज। पर कांग्रेस दिग्गी-सत्यव्रत के कहने पर फैसला नहीं करेगी। अपन को कांग्रेस का एक जनरल सेक्रेट्री बता रहा था- 'महाराष्ट्र कोई यूपी-बिहार नहीं। जो अकेले लड़ लें। यूपी-बिहार में खोने को क्या था। महाराष्ट्र में तो खोने को सत्ता है। यों भी कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना-बीजेपी में टक्कर मुकाबले की। वोट बैंक में कोई ज्यादा फर्क नहीं दोनों गठबंधनों में।'