कांग्रेस तो खुद बंटी हुई दिखेगी तेलंगाना मीटिंग में
सरकार का बेहतरीन फैसला साठ साल बाद आया। अब सजायाफ्ता अफसरों के मैडल छीने जाएंगे। पहला मैडल एसपीएस राठौर का छीना गया। नई पॉलिसी का सेहरा भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के सिर बंधेगा। उनने ही मैडल छीनने की सिफारिश भेजी थी। जिस पर होम मिनिस्ट्री ने पॉलिसी बना दी। बात रुचिका मामले की चल पड़ी। तो बताते जाएं- पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नई पहल की है। आदेश दिया है- 'उन पुलिस अफसरों, आईएस अफसरों, राजनीतिज्ञों की लिस्ट दी जाए। जिन पर मुकदमे अदालतों में विचाराधीन।' कोर्ट का इरादा अब ऐसे मामले बिना दबाव के जल्द निपटाने का। हाईकोर्ट की तारीफ की जानी चाहिए। पर यह भी याद रखें- इसी हाईकोर्ट ने ही राठौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला खारिज किया था। रुचिका के संबंधी सुप्रीम कोर्ट गए। तो सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले पर मोहर लगाई।