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Exclusive Articles written by Ajay Setia

चीनी के बाद अब पवार ने दूध मंहगा करने की ठानी

Publsihed: 21.Jan.2010, 10:08

दूध का वादा कारोबार कैसे होगा। दूध तो आज की बात आज। पर नहीं, दूध का वादा कारोबार भी होगा। दूध से बनी चीजों की मांग आज दूध से ज्यादा। जो बच्चे दूध नहीं पीते। उनको भी दूध का बना 'चीज' पसंद। इटली के 'पीजा' की डिमांड अब बड़े शहरों में तो घर-घर में। बिना 'चीज' के नहीं बनता 'पीजा'। संसद के सेंट्रल हाल में भी आजकल 'दोसा' से ज्यादा डिमांड 'पीजा' की। दूध से बने चॉकलेट भी खूब पसंद आते हैं बच्चों को। सो सूखे दूध का बिजनेस अब ताजा दूध से ज्यादा। दूध के कारोबार को अपन कुछ ऐसे समझ लें। अपने एक सांसद मित्र का बिलासपुर में पेट्रोल पंप था। जिन दिनों पेट्रोल की कीमतों पर अटकलें चलतीं। उन दिनों सांसद का फोन खूब आता। सवाल एक ही होता- 'क्या कल बढ़ जाएंगी कीमतें?' आखिर जनर्लिस्टों को एक दिन पहले तो लग ही जाती है भनक। यह अलग बात, जो कई बार पेट्रोलियम मंत्री का कहा भी गलत हो जाए।

युवा स्टेट मिनिस्टर रोए पीएम के सामने

Publsihed: 20.Jan.2010, 02:01

अपन ने कल बताया था- 'मारे-मारे फिर रहे हैं युवा स्टेट मिनिस्टर।' उसमें अपन ने पीएम की बुलाई मीटिंग का खुलासा किया। तो मंगलवार को तय वक्त पर हो गई मीटिंग। मनमोहन खुलकर सुनने के मूड में थे। सो दो घंटे का वक्त तय हुआ। पर मीटिंग खत्म हो गई एक घंटे में। वजह थी- 'उत्साही युवा मंत्रियों का पीएम की बोलती बंद कर देना।' अपन आरपीएन सिंह, प्रणीत कौर, पलानीमनिक्कम, नमोनारायण मीणा को छोड़ दें। तो बाकी सबने अपने केबिनेट मंत्रियों की खाल खींची। मनिक्कम ने तो प्रणव दा को पिता तुल्य बता दिया।  मीणा और मनिक्कम के मुखारविंद से प्रणव दा की तारीफ हुई। आरपीएन के मुंह से कमलनाथ की। शशि थरुर आए नहीं। प्रणीत कौर ने एसएम कृष्णा की तारीफ की।

मारे-मारे फिर रहे हैं युवा स्टेट मिनिस्टर

Publsihed: 19.Jan.2010, 09:56

गवर्नरों की तैनाती हो गई। मोहसिना किदवई और उर्मिलाबेन बनती-बनती रह गई। खबर उड़ाई- मोहसिना ने आखिर वक्त पर इनकार कर दिया। अपन यह मानने को तैयार नहीं। उनकी जगह पर एमओएच फारुकी का नाम अचानक नहीं आया। तीन दिन पहले छप चुका था। उर्मिलाबेन के नाम की गफलत तो मीडिया से हुई। नाम लीक हुआ था उर्मिला। उर्मिला सिंह का नाम तो किसी के ख्याल में ही नहीं आया। सबने उर्मिलाबेन समझ लिया। पिछली सरकार में मंत्री थी। पर दिग्विजय सिंह बड़ी सफाई से उर्मिला सिंह को गवर्नर बनवा ले गए। सीडब्ल्यूसी की मेंबर हैं उर्मिला। सरकारिया आयोग की सिफारिशें धरी रह गई। शिवराज पाटिल लंबे समय से कह रहे थे- 'मैंने गवर्नर बनने से इनकार कर दिया।' उनका कहा सही होता। तो कैसे बनते गवर्नर। सो इनकार कोई नहीं करता। न पहले पाटिल ने किया था। न अब मोहसिना किदवई ने किया। अपन को एक बात की बेहद खुशी।

नया फार्मूला लाएगी सरकार कम खाओ, महंगाई घटाओ

Publsihed: 16.Jan.2010, 07:39

कांग्रेस ने महंगाई पर कोर कमेटी नहीं बुलाई। पर अब जब गवर्नरों की तैनाती की बात चली। तो कोर कमेटी में चर्चा हुई। पीएम के घर हुई मीटिंग में गवर्नरों पर चर्चा संविधान का कितना मजाक।  अत्यंत गोपनीय होना चाहिए यह मामला। तब तक किसी को केबिनेट के फैसले की भनक तक न लगे। जब तक राष्ट्रपति भवन से नोटिफिकेशन न हो। पर यह चर्चा करने का आज दिन नहीं। यह अच्छी बात। जो सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन को हटाने की सुगबुगाहट। सुरक्षा सलाहकार किसी रिटायर्ड आईएफएस को ही बनाना चाहिए। वाजपेयी ने बृजेश मिश्र को बनाकर सही शुरूआत की। पहली पारी में मनमोहन ने भी जेएन दीक्षित को ठीक ही चुना। पर अपन संसदीय गलियारों की अफवाहों पर भरोसा करें। तो नारायणन सरकार की च्वाइस नहीं थी। कहीं और से आया था नाम।

आडवाणी की कामना 'बीजेपी में हो संक्रांति'

Publsihed: 15.Jan.2010, 10:26

आठ नवंबर को अपन दिल्ली में नहीं थे। उस दिन अपन 'विराट नगर' के 'बाल आश्रम' में थे। सो लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन पर बधाई देने नहीं पहुंच सके। पर अपन उस दिन पिता पर बनी प्रतिभा की डॉक्यूमेंट्री से महरूम रह गए। गुरुवार को संक्रांति थी। सो प्रतिभा आडवाणी ने अपन जैसे उन कुछ लोगों को बुलाया। जो उस दिन नहीं आ पाए थे। आडवाणी की बेटी प्रतिभा कब राजनीति में आएगी। यह सवाल अब सब को मथ रहा। शायद यह वक्त अब दूर भी नहीं। पर आडवाणी की विरासत नहीं संभालेंगी प्रतिभा। खुद की प्रतिभा होगी। तो राजनीति में जमेंगी। कांग्रेस परिवार की तरह नहीं बनेगा आडवाणी का परिवार।

रामगोपाल के 'शोलों' ने 'आग' लगा दी सपा में

Publsihed: 13.Jan.2010, 00:14

दिल्ली के एक अखबार ने 'थ्री इडिएट' को नए रंग में पेश किया। उन कुर्सियों पर रामगोपाल, मुलायम और अमर सिंह को बिठा दिया। अमर सिंह सिंगापुर से लौटेंगे। तो जरूर अखबार पर भड़केंगे। पर मंगलवार को तो उनकी रामगोपाल से तू-तू, मैं-मैं तेज हो गई। कड़कड़ाती ठंड में अमर-रामगोपाल के आग उगलते बयानों ने खूब तपिश दी। उन बयानों का जिक्र अपन करेंगे। पर पहले बात कड़कड़ाती ठंड की। हिमाचल-कश्मीर से आती बर्फीली हवाएं थमने का नाम नहीं ले रही। मंगलवार को न्यूनतम तापमान जरूर साढ़े छह से सात हुआ। पर अधिकतम तापमान 14.9 से घटकर 14.6 हो गया। राजस्थान-मध्यप्रदेश में बरसात ने रंग दिखाया। मध्यप्रदेश में तो उतनी नहीं। पर राजस्थान ने ठंड बढ़ा दी।

गली-मोहल्लों में भी आवारा ही देते हैं ऐसी गालियां

Publsihed: 12.Jan.2010, 10:09

कमर तोड़ती महंगाई। जान निकालती सर्दी। इन दोनों के बीच हरदन हल्ली डोडेगौडा देवगौड़ा का बयान। जिसने कंपकंपाती सर्दी में भी गर्मी ला दी। पहले बात महंगाईकी। अपने कृषि मंत्री शरद पवार का भी जवाब नहीं। कभी कहते हैं- चीनी और महंगी होगी। कभी कहते हैं- मैं कोई योतिषी तो नहीं। जो बता सकूं कि कीमतें कब घटेंगी। कांग्रेस को हालात से निपटने का तरीका नहीं सूझ रहा। बीजेपी और सीपीएम लंबे अर्से बाद विरोधी दलों की भूमिका में दिखने लगी। अब दोनों का इरादा दिल्ली में रैलियों का। राजीव प्रताप रूढ़ी बता रहे थे- 'मनमोहन सरकार ने अढ़तालीस लाख टन चीनी निर्यात की। निर्यात का रेट था बारह रुपए किलो। कुछ महीने पहले सरकार की जाग खुली। तो पाया- चीनी की तो किल्लत होगी। सो अब तीस रुपए किलो के हिसाब से आयात कर रही है चीनी।' यह है सरकार की नालायकी का सबूत।

रोसैया के नाक में दम कर दिया कांग्रेसियों ने

Publsihed: 09.Jan.2010, 09:41

आंध्र में सोनिया के जन्मदिन पर लगी आग बुझी नहीं। वाईएसआर चंद्रशेखर समर्थकों का नया तांडव शुरू हो गया। यों खबर नई नहीं। पर आंध्र प्रदेश के चैनल ने नई बनाकर पेश कर दी। खबर दी- 'वाईएसआर की हैलीकाप्टर दुर्घटना एक साजिश थी। साजिश के पीछे काम कर रहा था रिलायंस का हाथ।' याद है मुकेश अंबानी को केजी बेसिन में गैस मिली थी। गैस के बंटवारे में मुकेश-अनिल की लड़ाई अभी भी कोर्ट में। पेट्रोलियम मंत्रालय तो मुकेश का मददगार। पर वाईएसआर की दलील थी- 'यह रिलायंस की नहीं। आंध्र प्रदेश की संपदा। सो आंध्र को भी हक मिले।' आखिरी दिनों में मुकेश- वाईएसआर के संबंध अच्छे नहीं थे। तो दुर्घटना करवाने की साजिश कैसे हुई। यह खबर आई है रूसी वेबसाईट 'दि एक्जाइल्ड' से।

मोदी के साथ तारीफ जरा हाईकोर्ट की भी हो जाए

Publsihed: 08.Jan.2010, 09:46

बिग बी ने नरेंद्र मोदी की तारीफ के पुल बांधे। तो कांग्रेस खफा हुई। कांग्रेस तो यों भी बिग बी से खफा। वजह अपन नहीं जानते। कोई राज की बात है गहरी। वरना इटली से आई सोनिया का पहला घर गुलमोहर पार्क ही था। गुलमोहर पार्क में अमिताभ बच्चन के घर ठहरी थी सोनिया। यों घर तो हरिवंशराय बच्चन का था। पर राजीव की दोस्ती अमिताभ से थी। इंदिरा गांधी ने गुलमोहर पार्क पत्रकारों के लिए बसाया था। पर पत्रकारों की उन दिनों तनख्वाहें भी क्या थी। सो कई तो प्लाट की पहली किस्त जमा नहीं करा पाए। खाली प्लाट इंदिरा ने चहेते साहित्यकारों-कलाकारों को बांट दिए। खैर अमिताभ का राजीव के जमाने सांसद बनना। बोफोर्स घोटाले में जोड़ा जाना। संसद से इस्तीफा। फिर सोनिया परिवार से खटास। इनकम टैक्स के छापे। यह सब लंबी कहानी।

चिदंबरम बोले- सो जाओ नहीं तो भालू आ जाएगा

Publsihed: 06.Jan.2010, 09:52

तो अपन बात कल से ही शुरू करें। अपन ने लिखा था- 'कांग्रेस तो खुद बंटी हुई दिखेगी तेलंगाना मीटिंग में।' आखिर कांग्रेस ने के.एस. राव और उत्तमकुमार को भेजा था। मकसद था- दोनों अपनी-अपनी बात कह दें। पर जब मीटिंग से पहले ही जगहंसाई होने लगी। तो सोमवार की रात प्रणव दा ने दोनों को तलब किया। दोनों के हाथ में चार लाईन का बयान थमा दिया। कहा- 'मीटिंग में जाकर सिर्फ यह बयान पढ़ना है।' पता है न- प्रणव दा मामलों को सुलझाने और लटकाने के कितने माहिर। पिछली लोकसभा में पांच साल तेलंगाना कमेटी के अध्यक्ष रहे। पर कोई रिपोर्ट नहीं आई। सो प्रणव दा ने दोनों के हाथ में जो चार लाईनें थमाई। उनमें लिखा था- 'हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि वह विचार-विमर्श का ढांचा तैयार करें।' पर बाहर आकर दोनों ने वह बात कही। जो उनने अंदर कही ही न थी। उत्तम कुमार बोले- 'मैंने तय समय सीमा के भीतर तेलंगाना के गठन की मांग रखी।' के.एस. राव बोले- 'मैंने युनाइटेड आंध्र प्रदेश का पक्ष लिया।' पर जो लड़ाई कांग्रेसी नुमाइंदों में नहीं हुई। वह टीडीपी के नुमाइंदों में जमकर हुई।