India Gate Se

Exclusive Articles written by Ajay Setia

देश के टुकडे करने वालों के हाथ में राष्ट्र ध्वज 

Publsihed: 01.Mar.2017, 11:20

मंगलवार को वामपंथियों का प्रदर्शन भी हो गया | वामपंथी पत्रकार भी प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे | विजुअल मीडिया वाले वामपंथियों का बार बार एक बात पर ही जोर था | उन का कहना था कि सोमवार की तिरगा यात्रा से बड़ा प्रदर्शन है | यानि ताकत का इज़हार हो रहा है | प्रदर्शन में सभी वामपंथी छात्र संगठन मौजूद थे | एसऍफ़आई से ले कर आईसा तक | केजरीवाल से अलग हो चुके योगेन्द्र यादव के चेले चांटे भी | दिल्ली यूनिवर्सिटी में बुरी तरह पिट चुका केजरीवाल का छात्र संगठन भी | जेएनयूं,जामिया और अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के सारे वामपंथी छात्र | पर कुल मिला कर संख्या रही आठ सौ | पर वह लडकी गायब थी, जिस ने दो दिन से आसमान सर

अभिव्यक्ति की आज़ादी वाले स्लीपिंग सेल फिर उठ खड़े हुए 

Publsihed: 27.Feb.2017, 22:30

मुझे पिछले साल आईआईटी रूडकी ने बुलाया था | विषय था "चाइल्ड राइट्स" | अगर आईआईटी आख़िरी समय न्योता रद्द कर देती ,तो मैं क्या करता | क्या आईआईटी रुड़की के सामने जा कर प्रदर्शन करता | आप कहेंगे-नहीं  | क्योंकि न्योता देना उन का हक था | तो किसी भी वजह से न्योता रद्द करना भी उन का हक होगा | या मजबूरी होगी | पर 22 फरवरी को जेएनयूं की आईसा ने रामजस कालेज में जा कर प्रदर्शन किया | उन का एतराज था कि उमर खालिद को बुलाने का  न्योता वापस क्यों लिया | नक्सलवादी आईसा को तो मौक़ा चाहिए था | जो उसे रामजस कालेज के न्योते से मिल गया | आज़ादी का झंडा अब जेएनयूं से डीयू पहुँच गया है | हमें क्या चाहिए आज़ा

चुनाव निशान बना लिया "दो गधों की जोड़ी"

Publsihed: 25.Feb.2017, 16:06

अपन ने कभी नहीं सोचा था चुनाव में गधे भी खड़े हो जाते हैं | पर उत्तरप्रदेश का चुनाव तो गधों के इर्द गिर्द ही सिमट गया | जम  कर गधागिरी हो रही  | अच्छा होता अखिलेश बाबू अपनी  पांच साल की उपलब्धियों पर वोट मांगते | भाजपा अपने विकास के एजेंडे पर वोट मांगती | चुनाव की शुरुआत ऐसे ही हुई थी | पर यूपी में हमेशा से धर्म-जाति पर वोट होता आया है | जब बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगे के नाम पर मुस्लिम वोट मांगा जाएगा | जब डरा कर मुस्लिमो ध्रुविकरण होगा | तो बीजेपी भी राम मंदिर के नाम पर हिन्दू वोट को अपनी ओर क्यों नहीं खींच सकती।जब जनता को ही राम रहीम चाहिए तो नेता भी उनको वही दे रहे हैं। उपल

राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों, न्यायपालिका गिरोह का भंडा फूटा 

Publsihed: 23.Feb.2017, 19:11

नरेंद्र मोदी राजनीतिकों और नौकरशाही का गठजोड़ तोड़ने में लगे हैं | इसलिए बड़ी तादाद में आईएएस अफसरों पर छापे पड़े हैं | सीबीआई-आईडी सब पर छापे पड रहे | नोटबंदी का निशाना भी राजनीतिक और नौकरशाह थे | न्यायपालिका का भ्रष्टाचार भी सत्ता के गलियारों में चर्चित रहा | पर खुल कर कोइ बात नहीं करता | मोदी ने न्यायपालिका पर भाई-भतीजावाद का कब्जा तोड़ने की कोशिश की | पर न्यायपालिका ने उसे नाकाम बना दिया | पहले तो कांग्रेस ने मोदी का साथ दिया | पर बाद में न्यायपालिका के साथ हो गयी | नोटबंदी वाले मामले में भी कांग्रेस ने यही किया | पर अब न्यायपालिका और कांग्रेस एक साथ फंस गए हैं | खार खाए बैठे मोदी अब नहीं बख

सेक्यूलरिज्म की पत्रकारिता को सोचने का वक्त 

Publsihed: 22.Feb.2017, 20:59

सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों के चुनावों से पहले एक टिप्पणी की थी | उस टिप्पणी को स्वच्छ राजनीति की जरूरत माना गया | जो वक्त की जरूरत थी | ताकि  देश में लोकतंत्र मजबूत हो | जनता चुनावों में अपनी सरकार से पांच साल का हिसाब मांगे | जनता से वसूले गए टैक्स के खर्चे का हिसाब मांगे | हिसाब-किताब ही वोट का आधार बने | धर्म और जाति के नाम पर न कोई वोट मांगे | न कोई इन मुद्दों पर वोट दे |  चुनाव असली मुद्दों से भटकें नहीं | पर उत्तरप्रदेश के चुनाव में यह होना ही था | जो अब पूरे जोर शोर से शुरू हो चुका | साम्प्रदायिकता चुनाव पर हावी हो गयी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना हो रही है | उन

सुब्रह्मणयम स्वामी के सब्र का प्याला भर गया है शायद 

Publsihed: 21.Feb.2017, 06:10

सुब्रमण्यम स्वामी ने चप्पी तोड़ दी | भाजपा के फायर ब्रांड नेता हैं स्वामी  | राजनाथ सिंह जब भाजपा के अध्यक्ष थे | तब स्वामी की भाजपा में एंट्री हुई थी | वह जनसंघ के नेता हुआ करते थे | आपातस्थिति के हीरो थे सुब्रमण्यम स्वामी  |  जब  इंदिरा गांधी की पुलिस देश के चप्पे चप्पे में स्वामी को ढूंढ रही थी | वह अचानक अमेरिका में प्रकट हुए और राजनीतिक शरण मांग ली थी | फिर स्वामी अचानक एक दिन संसद में पहुँच गए थे | उन्हें देख कर कांग्रेसी सांसद बेंचों में छुप गए थे | संसद में हाजिरी लगा कर वह फिर गायब हो गए थे | पुलिस ने उन की छवि भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी की बना रखी थी |  जब व

पाकिस्तान में हिन्दू मेरिज एक्ट 

Publsihed: 18.Feb.2017, 22:49

हिन्दुस्तान में आज़ादी के वक्त मुस्लिम आठ फीसदी थे | अब 15 फीसदी हो चुके हैं | बंटवारे के बाद पाकिस्तान में 24 फीसदी हिन्दू रह गए थे | बाकी भारत आ गए थे | पर इन 24 फीसदी में से 22.05 फीसदी आज के बांग्ला देश में थे | करीब 1.6 फीसदी आज के पाकिस्तान में रह गए थे | अब आज के बांग्लादेश में 22.05 से घट कर 9.5 रह गए  | मौजूदा पाकिस्तान में हिन्दुओं की आबादी घट कर 1.2 फीसदी रह गयी | इस वक्त पाकिस्तान में कुल मिलाकर 25 लाख हिन्दू होंगे | पाकिस्तान की वोटर लिस्ट में 14.9 लाख हिन्दू वोटर हैं | इन में से 13.9 लाख सिर्फ सिंध में हैं | यानि पंजाब, बलूचिस्तान और बाकी के पाकिस्तान में सिर्फ एक लाख हिन्

आतंकियों के समर्थकों के समर्थक कांग्रेसी 

Publsihed: 17.Feb.2017, 21:22

सेना प्रमुख के एक बयान ने खलबली मचा दी है | उनने कहा  कि आतंकियों की मदद करने वाले आतंकी ही माने जाएंगे | उन्हें आतंकियों का समर्थक माना जाएगा | या आतंकियों के जमीनी कार्यकर्ता माना जाएगा | आपरेशन के दौरान आर्मी पर पत्थराव करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे | आज वे बच सकते हैं | पर कल पकडे जाएंगे | जनरल बिपिन रावत का बयान राजनीतिबाजों को बुरी तरह चुभा हुआ है | कभी कांग्रेस के गुलामनबी आज़ाद का बयान |  कभी दिग्विजय सिंह का बयान | तो कभी जनता दल के के.सी.त्यागी का बयान | वामपंथियों के बयान तो आने ही थे | उन के जमूरे ने तो  जेएनयूं  में नारे लगवाए थे - "भारत तेरे  टुकडे होंगें

यूपी का गठबंंधन बढा रहा कांग्रेस की बेचैनी

Publsihed: 24.Jan.2017, 20:24

उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन दोनों के फायदे में । अपन को यूपी का एक सपा नेता बता रहा था । भले ही कांग्रेस का यूपी में कोई ढांचा नहीं बचा । पर हर विधानसभा हल्के में कांग्रेस के पांच से दस हजार वोट पक्के । जो तिकोने मुकाबले में हरेक के लिए महत्वपूर्ण । वे पांच दस हजार वोट सपा को पंद्रह बीस सीटें ज्यादा दिला देंगे । कांग्रेस की सीटें भी दस-बारह बढ सकती । सो अखिलेश और राहुल ने सोच समझ कर फैसला किया । वैसे भूमिका ज्यादा प्रियंका और डिंपल की । काफी सोच समझ कर अखिलेश ने दांव खेला । पर यूपी के गठबंधन से उत्तराखंड में कांग्रेस की नींद हराम हो गई । एक तो धस्माना जैसे पुराने सपा नेताओं को कांग

जब मरीना बीच जेएनयू सा बन गया

Publsihed: 24.Jan.2017, 04:02

अपन को पहले से आशंका थी कि जलिकट्टू भारत विरोधी हो जाएगा । तमिलनाडू में अलगाव की आग हिंदी के मुद्दे पर भी फैली थी । सो जब नौजवान चैन्नई, मदुरै, तिरूचि में सडकों पर आए । अपन को आशंका हो गई थी । यह आशंका पन्नीरसेल्वम को भी रही होगी । तभी तो वह भाग कर दिल्ली आए । जरूर पन्नीरसेल्वम ने मोदी को बताया होगा । तभी मोदी फौरन हल निकालने को तैयार हुए । वरना तो सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आग भडकने देते । सुप्रीमकोर्ट की कई बातें तो बेहद अजीब । माना, समाज को बुराईयां छोडनी चाहिए । माना सांड पर बेरहमी होती है । सांड तो बेचारा डर कर भाग रहा होता है । उस बेचारे को क्या पता सल्लीकुट्टी है क्या । इस का जिक्र अपन न