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Exclusive Articles written by Ajay Setia

कांग्रेस की गुजरात में गिनती रोकने की कोशिश नाकाम 

Publsihed: 16.Dec.2017, 09:24

अजय सेतिया / उधर गुजरात के चुनाव निपटे | इधर संसद का शीत कालीन सत्र शुरू हो गया | यों तो सोमवार को गुजरात के नतीजे आने के बाद सत्र का रुख तय होगा | पर एक्जिट पोलों के नतीजों से कांग्रेसियों के मुहं उतरे हुए थे | कोई एक्जिट पोल कांग्रेस की हालत सुधरी हुई नहीं बता रहा | भाजपा को हराना तो दूर की बात | हाँ कांग्रेसियों ने रिजल्ट से पहले अपने नेता राहुल गांधी का स्वागत जरुर किया | वह तो बनता ही है | कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सासंदों को उन के पहले दर्शन थे | इंदिरा गांधी के जमाने से कांग्रेस में ढोल-बाजों की परम्परा रही है |  कांग्रेस दफ्तर में शनिवार को ढोल-बाजे बजेंगे |

यूपी के लड़कों के बाद गुजरात के लडके भी पिटेंगे

Publsihed: 14.Dec.2017, 20:56

अजय सेतिया / गुजरात में कांग्रेस 80 सीटें ले गई | तो वह कांग्रेस की जीत होगी | यह अपन शुरू से कहते रहे है | अब गुजरात के चुनाव निपट गए हैं तो अपन आज इसे फिर दोहराते हैं | जो लोग कांग्रेस की जीत की उम्मींदे लगाए हैं | उन्हें अपनी शुभकामनाएं | अपन को ऐसी कोई उम्मींद नहीं लगती | कांग्रेस 2012 की जीती हुई 61 भी बचा ले, तो वह भी कांग्रेस की हार नहीं | 2012 में भाजपा ने 115 सीट जीती थीं  |  कांग्रेस को 61 सीटों पर जीत मिली थी | जब देश को कांग्रेस मुक्त करने की हवा चल रही हो | ऐसे में राहुल गुजरात में यथास्थिति भी बनाए रखें, तो कम नहीं | टूडे चाणक्य तो अपने एक्जिट पोल मे

मोदी ने क्या खोया, राहुल ने क्या पाया 

Publsihed: 12.Dec.2017, 21:36

अजय सेतिया / चलो गुजरात का शोर शराबा शांत हुआ | प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली लौट आए | पूरे चुनाव में राहुल गांधी से कोई बड़ी भूल नहीं हुई | गुजरात ने राहुल से पप्पू का लेबल हटा दिया | राहुल गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान ही कांग्रेस अध्यक्ष बन गए | गुजरात ने कांग्रेस को अल्पसंख्यकवाद के भंवरजाल से निकालने की शुरुआत कर दी  |  यह श्रेय भी राहुल गांधी को जाएगा | अध्यक्ष बनते ही उन ने कांग्रेस को नी दिशा दिखा दी | जो उन की मां की अल्पसंख्यकवाद की दिशा के एकदम उल्ट है | चुनाव के आख़िरी दिन प्रेस कांफ्रेंस कर के राहुल ने खुद को नेता भी साबित

क्या मनमोहन ने भारत की पाक नीति के खिलाफ काम किया

Publsihed: 11.Dec.2017, 20:58

 अजय सेतिया / गुजरात विधानसभा चुनाव से अब विकास कहीं गुम हो गया है | सभी पार्टियां और उनके नेताओं के बयानों में विकास गायब है | गुजरात चुनाव में कश्मीर से लेकर पाकिस्तान तक चर्चा में है | पर गुजरात के अहम मुद्दों पर कोई बात नहीं कर रहा | कांग्रेस बीजेपी दोनों ने शुरुआत विकास के मुद्दे पर की थी | अब चुनाव का मुद्दा कश्मीर, अफजल गुरु के बाद पाकिस्तान पर आ गया है | रिपब्लिक न्यूज चेनेल ने मोदी को पाकिस्तान का मुद्दा सौप दिया | हुआ यह था कि मणिशंकर अय्यर ने जब नरेंद्र मोदी को नीच आदमी कहा | उस से ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद मुहम्मद कसूरी दिल्ली

मोदी ने अपने अपमान को बना लिया गुजरात्त का अपमान 

Publsihed: 08.Dec.2017, 21:26

अजय सेतिया / सोशल मीडिया में राहुल के समर्थक भी अजीब हैं | मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री को नीच कहा  | तो राहुल गांधी ने तो मणिशंकर अय्यर को निलम्बित करवा दिया | गुजरात के चुनाव न होते | उस चुनाव में मोदी को नीच कहा गया भारी न पड़ता | तो अय्यर कभी निलम्बित नहीं होते | वह तब निलम्बित नहीं हुए थे जब उन ने मोदी का सत्ता पलट करने के लिए पाकिस्तान की मदद माँगी थी | वह तो राष्ट्रद्रोह था | पर सोनिया गांधी ने तब उन्हें निलम्बित नहीं किया | मोदी ने शुक्रवार को याद दिलाया कि मणिशंकर ने उन्हें हटवाने के लिए पाकिस्तान को सुपारी दी थी | मणिशंकर अय्यर को तब भी निलम्बित नहीं किया गया

फ्रीलांसर कांग्रेसियों की "नीचता" का शिकार राहुल 

Publsihed: 07.Dec.2017, 22:01

अजय सेतिया / सत्ता से बाहर होने के बाद बूढ़े कांग्रेसियों का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है | इस की शुरुआत खुद सोनिया गांधी ने की थी | जब उन ने नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा | कांग्रेस को उस का खामियाजा भुगतना पड़ा | पर सोनिया गांधी ने आज तक माफी नहीं माँगी | इस से कांग्रेसी छुटभैयों के होंसले बुलंद होते गए | कभी दिग्विजय सिंह अपनी मर्यादा तोड़ देते हैं | कभी कपिल सिब्बल और कभी मणिशंकर अय्यर | मोदी लम्बी लम्बी हांकते होंगे | जिस लिए वामपंथी बुद्धिजीवियों ने उन्हें फेंकू कहना शुरू किया | राहुल गांधी से बोलने में लाख गलतियाँ होती होंगी | वह राजनीति के पप्पू साबित होते होंगे | पप्

कपिल सिब्बल को देनी पडी राममंदिर पर सफाई 

Publsihed: 06.Dec.2017, 23:52

अजय सेतिया / अपना बुधवार को शीर्षक था राहुल के रास्ते की अडचन हैं नेहरूवादी | जिसमें अपन ने अयोध्या मुद्दे पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकीलों का जिक्र किया था | कपिल सिब्बल सुन्नी वक्फ बोर्ड के याचिकाकर्ताओ में से एक के वकील हैं | सिब्बल के साथ दो और कांग्रेसी सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील थे | राजीव धवन और दुष्यंत दवे | " तीनों का तर्क था कि मोदी सरकार कोर्ट के कंधे पर बन्दूक रख कर मंदिर बनाना चाहती है | मोदी ने रामजन्मभूमि मंदिर बनवाने का वादा किया था | वह कोर्ट से फैसला करवा कर मंदिर बनवाना चाहती है | इन तीनों ने दलील दी कि 15 जुलाई 2019 तक सुनवाई स्थगित की जाए | यानी लोकसभा चुन

राहुल की पीठ में छुरा घोंप रहे नेहरूवादी 

Publsihed: 05.Dec.2017, 22:45

अजय सेतिया / आज बाबरी ढांचा टूटने की 25वीं साल गिरह है | रामभक्तों ने 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी ढांचा तोड़ दिया था | तब से तीन केस अदालत में चल रहे हैं | एक बाबरी ढांचा तोड़ने वालों के खिलाफ | एक ढांचा तोड़ने की साजिश रचने का केस | तीसरा केस विवादास्पद जमीन के टाईटल का | टाईटल का केस अंतिम दौर से गुजर रहा है | इलाहाबाद हाई कोर्ट 30 सितम्बर 2010 को फैसला सुनाया था |  फैसले से पहले विवादास्पद जमीन की खुदाई करवाई गई थी | खुदाई करने वाली टीम में आधे मुस्लिम और आधे हिन्दू थे | खुदाई में मंदिर के अवशेष मिले थे | हाईकोर्ट के फैसले में मंदिर के अवशेषों का जिक्र है | तीनों जजों ने म

यह नेहरु परिवार की कांग्रेस है, आज़ादी के आन्दोलन वाली नहीं

Publsihed: 04.Dec.2017, 22:49

 अजय सेतिया / कांग्रेस को अपन दो हिस्सों में बाँट कर देखें | तो कांग्रेस को समझना आसान होगा | आज़ादी के पहले की कांग्रेस और आज़ादी के बाद की कांग्रेस | कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में 28  दिसंबर 1885 में हुई थी |  इसके संस्थापक  ए ओ ह्यूम थे | जो ब्रिटिश आईसीएस अफसर थे | जब 1857 का पहला विद्रोह हुआ | तो वह इटावा में कलेक्टर थे | तब उन्होंने विद्रोह के खिलाफ 30 मई 1857 को "राजभक्त" जमीदारों की रक्षक सेना बनाई थी | इस सेना का मकसद इटावा में विद्रोह को कुचलना था | इस की सफलता ही कांग्रेस के गठन का आधार बना | कांग्रेस स्थापना के वक्त  ए ओ ह्यूम ने कुल

मायावती ने यूपी के लड़कों को पछाड़ दिया 

Publsihed: 01.Dec.2017, 22:30

अजय सेतिया / उत्तर प्रदेश के स्थानीय चुनावों में भाजपा ने फिर परचम फहरा दिया | कांग्रेस, सपा,बसपा बड़ी उम्मींद लगा कर बैठे थे | इस राजनीतिक दलों से ज्यादा उम्मींद तो स्वयम्भू  बुद्धिजीवी लगा कर बैठे थे | इन में कई सक्रिय पत्रकार भी थे | राजनीतिक दलों को तो अपनी हालत पता होती है | सो उन को ज्यादा सदमा नहीं लगता | बेगानी शादी के दुल्ल्हे ज्यादा परेशान होते हैं | जब से फेसबुक और ट्विटर का सोशल मीडिया आया है | तब से निष्पक्षता का आवरण औढे बैठे मिडिया मुगलों की पोल खुल गई | वे अपनी फर्जी रिपोर्टों से वोटरों को प्रभावित करते रहते थे | अब हवा का रुख सोशल मीडिया से बेहतर मिल जा