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Exclusive Articles written by Ajay Setia

लेफ्ट ने खोला करार का पहला दरवाजा

Publsihed: 16.Nov.2007, 20:45

बहुत शोर सुनते थे पहलू में। जो चीरा तो कतरा-ए-खूं न निकला। लेफ्ट ने आईएईए से बात की हरी झंडी दी। तो अपन को गालिब याद आ गए। गालिब ने यह शे'र लेफ्ट पार्टियों के लिए तो नहीं लिखा। पर लेफ्टियों पर लागू जरूर। डेढ़ साल पहले एटमी करार पर साझा बयान जारी हुआ। तब से हल्ला कर रहे थे। वन-टू-थ्री का ड्राफ्ट जारी हुआ। तब से तो एक ही रट थी- 'करार ऑप्रेशनालाइजेशन नहीं किया जाए।' जब कपिल सिब्बल ने कहा- 'आईएईए से बात करार का ऑप्रेशनालाइजेशन नहीं।'

कलंक गुजरात राष्ट्रीय मुद्दा, पर नंदीग्राम नहीं

Publsihed: 15.Nov.2007, 20:45

संसद की तू-तू , मैं-मैं का एजेंडा तय हो गया। घमासान का मुहूर्त सोमवार का। लोकसभा विजय खंडेलवाल को श्रध्दांजलि देकर उठ गई। राज्यसभा जना कृष्णामूर्ति को। अपने अंदेशे के मुताबिक ही हुआ। छठ को नजरअंदाज कर जिद में पंद्रह से सत्र शुरू किया। पर लालूवादियों ने दबाव से छठ की छुट्टी करवा ली। अब संसद सोमवार को ही बैठेगी। लोकसभा की बीएसी में रघुवंश बाबू हावी हो गए। बीएसी तो राज्यसभा की भी हुई। पर उसमें किसी ने छठ का मुद्दा नहीं उठाया। अलबत्ता नंदीग्राम ही छाया रहा।

आज से संसद में होगी तू-तू, मैं-मैं

Publsihed: 15.Nov.2007, 06:05

मनमोहन रूस से लौट आए। गए थे, तो माथे पर फिक्र की रेखाएं थीं। लौटे तो चेहरे पर रौनक लौट आई। बुधवार को मनमोहन सिंह के चेहरे पर जितनी रौनक दिखी। अपने पड़ोसी देश के हुक्मरान मुशर्रफ के माथे पर फिक्र की उतनी लकीरें। दिन में एक बार तो मुशर्रफ के इस्तीफे तक की अफवाह उड़ी। एक इंटरव्यू में उनने कह दिया- 'जब मेरे जाने से पाक में संतुलन और स्थायित्व हो। तो मैं पद छोड़ दूंगा।'

एटमी करार पर लेफ्ट की हरी झंडी वाया रूस

Publsihed: 13.Nov.2007, 20:45

अपन ने बारह अक्टूबर को लिखा- 'तो रूस से एटमी करार तोड़ेगा लेफ्ट से गतिरोध।' आखिर एक महीने बाद वह ब्रेकिंग न्यूज साबित हुई। न उससे पहले किसी ने लिखा। न बाद में। पहली नजर में दिखता होगा। एटमी करार पर लेफ्ट के तेवर नंदीग्राम ने बदले। अपने यशवंत सिन्हा का अंदाज भी यही। पर नंदीग्राम का असर कम। चीन-रूस का ज्यादा। लेफ्टिए बीजेपी को अमेरिकापरस्त कहते-कहते थक गए। पर अमेरिका ने सारा जोर लगा लिया। आडवाणी नहीं झुके। पर देखा चीन-रूस का असर।

सीपीएम की बेस्ट बेकरी नंदीग्राम

Publsihed: 13.Nov.2007, 06:38

अपन को नहीं लगता सोनिया नंदीग्राम जाएंगी। चली गईं, तो कल की जाती आज जाएगी यूपीए सरकार। पता नहीं दासमुंशी और सिंघवी किस भुलावे में। दोनों ने सोमवार को उम्मीद बांधी- 'नंदीग्राम जा सकती हैं सोनिया।' नंदीग्राम सीपीएम की प्रयोगशाला। जहां एक साल से लोकतंत्र की धुनाई जारी। जो लोकतंत्र की हिमायत में बोले। सीपीएम उसका मुंह काला करने को उतारु। फिर भले वह गवर्नर ही क्यों न हो। गवर्नर गोपाल गांधी ने नंदीग्राम में हरकतों पर नाराजगी जताई। तो करात-वर्धन ने पीएम से शिकायत की। पीएम तो पूरी तरह लाचार।

दीवाली की राम-राम

Publsihed: 08.Nov.2007, 20:45

आज दीवाली। गुरुवार को लाल कृष्ण आडवाणी का जन्मदिन था। सो बीजेपी में एक दिन पहले ही दीवाली मन गई। अपनी वसुंधरा समेत बीजेपी के सारे सीएम बधाई देने पहुंचे। नरेंद्र मोदी ही नहीं आए। तो खटका। सीएम-इन-वेटिंग येदुरप्पा भी दिखाई दिए। पर बात दीवाली की। वह भी जमाना था। जब घी के दीए जलते। आतिशबाजी से सुगंध निकलती। लक्ष्मी की पूजा होती। मिठाईयां बंटती। चारों तरफ खुशी ही खुशी। गांधी ने ऐसे ही रामराज की कल्पना की थी।

साथ-साथ नहीं, तो आस-पास होंगे चुनाव

Publsihed: 08.Nov.2007, 06:46

भारत-पाक दोनों ही विदेशी दबाव में। दोनों पर दबाव अमेरिका का। मुशर्रफ पर दबाव बेनजीर के साथ सत्ता बांटने का। मनमोहन पर दबाव एटमी करार सिरे चढ़ाने का। अमेरिका दोनों देशों की राजनीति में दखल देने लगा। पाकिस्तान में दखल का नतीजा अपने सामने। मुशर्रफ पूरी तरह तानाशाह हो गए। आवाम में मुशर्रफ की हालत अब बिल्कुल वैसी। जैसी 1976-77 में अपने यहां इंदिरा गांधी की थी।

बेंगलुरु हो या इस्लामाबाद सवाल तो डेमोके्रसी का

Publsihed: 07.Nov.2007, 07:49

चलो, पाकिस्तान से कर्नाटक चलें। पर चलने से पहले थोड़ी सी बात पाकिस्तान की। चौथे दिन भी इमरजेंसी का विरोध जारी रहा। गिरफ्तारियां और सरकारी कहर भी जारी रहा। भारत में इमरजेंसी के समय जो भूमिका जेपी की थी। हू-ब-हू वही पाक में बर्खास्त चीफ जस्टिस इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी की। मंगलवार को उनने आवाम से विरोध की अपील की। देशभर के वकील पहले ही सड़कों पर। जहां तक राजनीतिक नेताओं की बात। तो इमरान खान, आसमां जहांगीर, जावेद हाशमी, एतजाज हसन या तो जेलों में या घरों में बंदी। बेनजीर भुट्टो का रुख शक के घेरे में। अमेरिकी राष्ट्रपति बुश का भी।

मुशर्रफ-बुश-बेनजीर खिचड़ी कितने दिन?

Publsihed: 06.Nov.2007, 08:58

पाक में अपना एक यार है अब्दुल कय्यूम। मुशर्रफ ने इमरजेंसी लगाई। तो अपन ने अल्ला बख्श का शे'र  एसएमएस किया- 'पाकिस्तान दियां मौजां ही मौजां, जिधर देखो फौजां ही फौजां।' दो दिन जवाब नहीं आया। तो अपना माथा ठनका। एसएमएस ने कय्यूम को मुसीबत में तो नहीं डाल दिया। पर नहीं, सोमवार को जवाब आया। तो अपन को दोस्त का दर्द महसूस हुआ। अब्दुल कय्यूम का जवाब है- 'तंज (फब्ती) कर रहे हैं आप भी। प्रतिद्वंदी मेरे देश की यह हालत देख खुश हैं। क्या आप भी?' महसूस हुआ, जैसे अपन ने जख्म कुरेद दिए। अपन ने इमरजेंसी का स्वाद सिर्फ एक बार चखा।

पाकिस्तान में मौजां ही मौजां जिधर देखो फौजा ही फौजा

Publsihed: 03.Nov.2007, 20:35

परवेज मुशर्रफ ने अपना रंग दिखा ही दिया। जब देखा- सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति की उम्मीदवारी ही नाजायज ठहरा देगी। तो इमरजेंसी लगाकर चीफ जस्टिस को गिरफ्तार कर लिया। चीफ जस्टिस इफ्तिकार मोहम्मद चौधरी ही थे। जिनने परवेज मुशर्रफ की नाक में दम किया। पर चौधरी ऐसा कर पाए। इसकी वजह जनता का मुशर्रफ के खिलाफ खड़ा होना था। अगले हफ्ते पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली की मियाद पूरी होगी। परवेज मुशर्रफ का राष्ट्रपति वक्फा उसके बाद पूरा होता। पर अगली एसेंबली दुबारा चुनने लायक आए या नहीं। क्या भरोसा।