लेफ्ट ने खोला करार का पहला दरवाजा
बहुत शोर सुनते थे पहलू में। जो चीरा तो कतरा-ए-खूं न निकला। लेफ्ट ने आईएईए से बात की हरी झंडी दी। तो अपन को गालिब याद आ गए। गालिब ने यह शे'र लेफ्ट पार्टियों के लिए तो नहीं लिखा। पर लेफ्टियों पर लागू जरूर। डेढ़ साल पहले एटमी करार पर साझा बयान जारी हुआ। तब से हल्ला कर रहे थे। वन-टू-थ्री का ड्राफ्ट जारी हुआ। तब से तो एक ही रट थी- 'करार ऑप्रेशनालाइजेशन नहीं किया जाए।' जब कपिल सिब्बल ने कहा- 'आईएईए से बात करार का ऑप्रेशनालाइजेशन नहीं।'