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Published: 08.Oct.2020, 19:38

अजय सेतिया / मनीषा की हत्या के आरोपी संदीप सिंह ने हाथरस पुलिस को अलीगढ़ जेल से भेजी अपनी चिट्ठी में लिखा है कि –“ मैं और मनीषा दोस्त थे और फोन पर बात करने के अलावा कभी कभी मिलते भी थे | उस के परिवार को उनकी दोस्ती पसंद नहीं थी | घटना वाले दिन, मैं उससे खेतों में मिलने गया था, जहां उसकी मां और भाई भी थे | उसने मुझसे घर जाने को कहा तो मैं वापस चला आया | और जानवरों को चारा खिलाने लगा | “ उसने आगे लिखा है, “ मुझे बाद में गांव वालों से पता चला कि उसकी मां और भाई ने हमारी दोस्ती की वजह से उसकी पिटाई की और उसे बुरी तरह घायल कर दिया है | मैंने कभी उसे मारा नहीं था, न ही उसके साथ कुछ गलत किया था | उसके परिवार ने मुझे और तीन अन्य पर आरोप लगाकर हमें जेल भिजवा दिया | हम सभी निर्दोष हैं | हमारा आग्रह है कि इसकी जांच की जाए और हमें न्याय दिलाया जाए |”

अलीगढ़ जेल के सीनियर सुपरिटेंडेंट आलोक सिंह ने यह नियमानुसार यह चिठ्ठी हाथरस के एसपी को भेजी है | अब अगला आरोप यह आएगा कि जेल का सुपरिटेंडेंट भी ठाकुर है , इस लिए उस ने चारों ठाकुर आरोपियों से यह चिठ्ठी लिखवाई है | लेकिन संदीप सिंह औ…

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Published: 07.Oct.2020, 19:58

अजय सेतिया / अदालतों की लापरवाहियां समय समय पर उजागर होती रही हैं | अयोध्या जैसे संवेदनशील मामलों का समय पर फैसला नहीं आने के कारण के अपन 1990 में कार सेवको पर गोली चलाए जाने , 1992 में बाबरी ढांचा तोड़े जाने और 1993 में बम धमाकों का देश व्यापी आतंकवाद देख चुके हैं | अब इसी तरह के दो और मामले सामने आए हैं , एक है शाहीन बाग़ के धरने का मामला , जिसे सुप्रीमकोर्ट ने हटाने का समय पर फैसला नहीं दिया था और अपन ने दिल्ली में दंगे होते देखे , जिस में 58 लोग मारे गए |

दूसरा मामला पालघर में दो साधुओं और एक कार चालक की हत्या का है , हिन्दुओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और सुप्रीमकोर्ट तारीख पर तारीख खेल रही है | बुधवार को भी सुनवाई थी , जिसे 15 नवम्बर तक के लिए टाल दिया गया है | महाराष्ट्र सरकार नहीं चाहती कि सुप्रीमकोर्ट सीबीआई या न्यायिक जांच के आदेश दे , इसलिए उस ने बड़ी तेजी से पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर के उसे अपने हलफनामे में जोड़ा है | कोर्ट अभी फैसले के मूड में नहीं दिखती अब उस ने याचिकाकर्ता के हलफनामे पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब माँगा है | अदालतों का खेल इस तरह चलता रहता…

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Published: 06.Oct.2020, 20:58

अजय सेतिया / चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी पार्टी को दोफाड़ कर लिया | उन की पार्टी लोजपा बिहार में एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ेगी , लेकिन दिल्ली में रामविलास पासवान की केन्द्रीय मंत्री की कुर्सी बचाए रखने के लिए एनडीए में रहेगी | शिवसेना और अकाली दल के मंत्रिमंडल से निकल जाने के बाद नरेंद्र मोदी खुद से पासवान को हटाने की स्थिति में नहीं हैं | पासवान का मंत्रिमंडल में बना रहना ही बिहार में एनडीए की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है | वैसे पासवान इस तरह के काम करते रहते हैं , 2005 के चुनाव में यूपीए सरकार में मंत्री होते हुए उन्होंने अकेले चुनाव लड कर यूपीए को नुक्सान पहुंचाया था |

चिराग के इस बयान ने एनडीए का खेल बिगाड़ने के लिए मीडिया को अच्छा खासा मसाला दे दिया है  कि वह केंद्र में एनडीए में ही रहेंगे , लेकिन बाद में भाजपा की सरकार बनवाएंगे | चिराग पासवान की मोदी को लिखी गई चिठ्ठी और अमित शाह से हुई मुलाक़ात ने इस धारणा को मजबूत करने में मीडिया की मदद की कि वह भाजपा की रणनीति से ही अकेले चुनाव लड रहे हैं , ताकि चुनावों में जनता दल यू को हरा…

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Published: 05.Oct.2020, 19:44

अजय सेतिया / राम विलास पासवान को राजनीतिक मौसम का थर्मामीटर और मौसम विज्ञानी कहा जाता है | इसी लिए 2005 में केंद्र में मंत्री होने के बावजूद फरवरी 2005 का बिहार विधानसभा चुनाव राजद-कांग्रेस के साथ गठबंधन में नहीं लडे | क्योंकि वह केंद्र में मंत्री थे , इस लिए राजग में शामिल हो कर चुनाव लड़ना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना होता | अपने मंत्री पद को सुरक्षित रखते हुए पासवान ने अकेले चुनाव लडा | राज्य की 243 सीटों में से 203 सीटों पर चुनाव लड़ कर लोजपा ने 29 सीटें जीत लीं थीं , जबकि कांग्रेस सिर्फ 10 सीटें जीती थी | लालू यादव की राजद ने सर्वाधिक 75 सीटें जीती थी ,लालू यादव और पासवान दोनों ही उस समय मनमोहन सरकार में मंत्री थे , पासवान अगर लालू यादव का  समर्थन कर देते तो वह मुख्यमंत्री बन जाते | पासवान अगर नीतीश कुमार का समर्थन कर देते तो वह भी मुख्यमंत्री बन सकते थे | सत्ता की चाबी उन के पास थी और उन्होंने दोनों के सामने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की शर्त रख कर सरकार ही नहीं बनने दी | राज्यपाल बूटा सिंह ने किसी को न्योता ही नहीं दे कर विधानसभा भंग कर दी थी , जिस के लिए बाद में उन…

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Published: 02.Oct.2020, 21:11

अजय सेतिया / जून 1985 की बात है | मैं लाहौल स्पीती जिले के मुख्यालय केलांग गया था | वहां से लौट कर मैंने एक खबर लिखी थी-“ लाहौल स्पीती पर चीनी नजर “ | यह खबर 14 जुलाई 1985 को पांचजन्य की लीड  स्टोरी बनी थी | जनसत्ता में उन दिनों खोज खबर नाम से हर शुक्रवार को एक पेज छपता था , यह खबर उस में भी लीड स्टोरी बनी थी | मैंने लिखा था –“ तिब्बत पर कब्जा कर लेने के बाद अब चीन ने भारतीय क्षेत्र लाहौल स्पीती पर निगाह डालना शुरू कर दिया है | तिब्बतियों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के इस सीमान्त एंव पिछड़े जिले में चीन एक गहरी साजिश रच रहा है ......सीमा पार से आए तिब्बती न केवल तस्करी कर के पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को चोपट करने में लगे हैं बल्कि चीन के लिए गहरे षड्यंत्र की भूमि भी तैयार कर रहे हैं | चीनी गुप्तर एजेंसियां इन्हें अपने षड्यंत्र में शामिल होने के लिए आर्थिक सहायता एंव अन्य प्रकार के लालच दे रही हैं | यह भी मालूम हुआ है कि चीन लाहौल वासियों में अलगाव के बीज बोने की कोशिश कर रहा है | उन्हें भारत के कथित चंगुल से निकाल कर स्वतंत्र होने के लिए उकसा रहे हैं ...... चीन का अलगा…

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Published: 01.Oct.2020, 20:56

अजय सेतिया / हाथरस में दलित युवती मनीषा से कथित बलात्कार की घटना से उत्पन आक्रोश अब राजनीतिक रूप ले चुका है | इसी राजनीति के बीच उतरप्रदेश के ही बलरामपुर में ही एक और दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या की खबर आई है , बलात्कारी शाहिद पुत्र हबीबुल्ला और साहिल पुत्र हमीदुल्ला गिरफ्तार किए गए हैं | उत्तर प्रदेश के ही आजमगढ़ से और भी वीभत्स खबर आई है , जहां 8 साल की बच्ची के साथ दानिश नाम के युवक ने बलात्कार किया, उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है | उतर प्रदेश के ही बुलन्दशहर से भी बलात्कार की खबर आई है , आरोपी रिजवान को पकड़ा गया है | उतरप्रदेश की चारों घटनाएं शर्मसार करने वाली हैं , लगता है कि किसी को क़ानून का डर नहीं | मुख्यमंत्री बनते ही मजनुओं पर डंडे चलवाने वाले योगी आदित्य नाथ की धमक ढीली पड गई लगती है |

 

इन चारों घटनाओं में से मीडिया में सिर्फ हाथरस की चर्चा है , इस के चारों आरोपी ऊंची जाति के हिन्दू हैं , और वे मुख्यमंत्री की जाति के हैं | कम से कम मीडिया को बलात्कारी की जाति धर्म देख कर रिपोर्टिंग नहीं करनी चाहिए | न ही कांग्रेस भाजपा देख कर रिप…

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Published: 30.Sep.2020, 20:01

अजय सेतिया / वामपंथियों की यह थ्योरी भी धराशाही हो गई कि संघ भाजपा ने उस ढाँचे को तोड़ने की साजिश रची थी , जिसे वे बाबरी मस्जिद कहते थे | उन के फर्जी इतिहासकारों की यह थ्योरी पिछले साल 9 नवम्बर को धराशाही हो गई थी कि न तो वह रामजन्मभूमि है और न ही वहां कोई जन्मभूमि मंदिर था | खुदाई में मिले साक्ष्यों के बाद सुप्रीमकोर्ट ने इन फर्जी वामपंथी इतिहासकारों को सुनने से भी इनकार कर दिया था | जबकि वे 1947 से ही मुसलमानों को गुमराह कर के उन के दिलो दिमाग में हिन्दुओं के खिलाफ नफरत के बीज बौ रहे थे | ऐसे दर्जनों नाम जहन में आते हैं जो अयोध्या आन्दोलन के समय से ही भाजपा , संघ , विहिप, बजरंग दल और साधू संतों के खिलाफ नफरत की मुहीम चला रहे थे | संसद में तब उन की संख्या 60 से ज्यादा थी , अब संसद से वामपंथ की विदाई हो चुकी है , केरल से एक सांसद जीता है , बंगाल और त्रिपुरा में सूपड़ा साफ़ हो गया और चार सांसद तमिलनाडू में द्रमुक से गठबंधन के कारण जीते हैं |

तब वामपंथियों का फिल्मकारों  , विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों  , इतिहासकारों , नौकरशाहों, साहित्यकारों और अखबारों के दफ्…

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Published: 29.Sep.2020, 19:40

अजय सेतिया / चीन की तरफ से भारत के लिए कोरोनावायरस से भी बड़ा खतरा मुहं बाएँ खड़ा है | दुनिया के सब से जियोपोलिटिकल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म  ट्रेट्फार ने खुलासा किया है कि चीन ने पिछले तीन सालों में भारतीय सीमा के पास एयरबेस, एयर डिफेंस पोजिशन और हेलीपोर्ट्स की संख्या में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी कर ली है | इसे देखकर ऐसा लगता है कि 25 से 29 अक्टूबर को होने वाले चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के वार्षिक सम्मेलन के बाद चीन भारतीय सीमा पर बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है |

ट्रेट्फार के वरिष्ठ ग्लोबल एनालिस्ट सिम टैक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि "सीमा पर चीनी सैन्य सुविधाओं के निर्माण की टाइमिंग यह बताती है कि भारत और चीन के बीच लद्दाख में चल रहा गतिरोध बॉर्डर पर तनाव बढ़ाने के लिए किए जा रहे चीन के प्रयासों का हिस्सा है ताकि वह सीमावर्ती क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित कर सके |" अब यह खबर आ रही है कि चीन लद्दाख को लेकर 1959 की तथाकथित एलएसी के आधार पर बात करना चाहता है , जबकि भारत ने कभी भी चीन की तरफ से 1959 में एकतरफ़ा तय की गई एलएसी को नहीं माना था |  

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Published: 28.Sep.2020, 17:31

अजय सेतिया / संसद से पारित कृषि से जुड़े तीनों विधेयकों पर इतवार के दिन राष्ट्रपति के दस्तखत हो जाने के बाद तीनों क़ानून अस्तित्व में आ गए हैं | सोमवार को तडके पंजाब से यूथ कांग्रेस के 30 वर्कर लग्जरी कारों पर इंडिया गेट पहुंचे और एक टाटा ट्रक पर लाद कर साथ लाए ट्रेक्टर  को आग लगा कर इन तीनों कानूनों पर अपना विरोध जताया | इन तीनों कानूनों में से दो को बनाने का वायदा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी किया था , अगर कांग्रेस की सरकार आती और राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते तब भी दो कानून तो बनने ही थे | वे दो वायदे थे , पहला किसानों को एपीएमसी यानी किसान मंडियों में ही अपनी उपज बेचने के बंधन से मुक्त करना और दूसरा 1955 के जमाखोरी क़ानून को रद्द कर के व्यापारियों को बेहिसाब कृषि उत्पाद खरीदने की छूट देना | कांग्रेस अब इन दोनों कानूनों का विरोध कर रही है । राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने राष्ट्रपति से मुलाक़ात कर के संसद में पारित विधेयकों पर दस्तखत नहीं करने की गुजारिश की थी |   तीनों बिल पास हो जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने…

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Published: 25.Sep.2020, 19:16

अजय सेतिया / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंतित हैं कि उन की भाजपा कार्यकर्ताओं की फ़ौज सोशल मीडिया पर विरोधियों के सामने पिछड़ रही है | कृषि सुधार बिलों को ले कर भाजपा के कार्यकर्ता विरोधियों के मुकाबले बहुत कमजोर पड़े हैं | वह भी इस के बावजूद कि उन तीन में से दो विधेयक लाने का वादा तो कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में ही किया था | भाजपा का सोशल मीडिया आईटी सेल और मीडिया विभाग बिलों के विश्लेष्ण जनता के सामने नहीं रख सके | इस लिए शुक्रवार को मोदी ने खुद देश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुयल बैठक कर के किसानों को क़ानून समझाने की गुहार लगाई , लेकिन वे तो ऐसा तब कर पाएंगे जब वे खुद क़ानून के नुक्तों को समझ लें, और खुद भी इन कानूनों को ले कर आश्वस्त हो जाएं | सच यह है कि विपक्ष ने इतने सवाल खड़े कर दिए हैं कि भाजपा के कार्यकर्ता खुद क़ानूनों के किसानों के पक्ष में होने को ले कर आश्वस्त नहीं हैं | भाजपा का शहरी कार्यकर्ता अनाज मंडियों की बर्बादी को लेकर आशंकित है , और उन्हीं पर उन के घर-परिवार का अर्थतन्त्र टिका है |

शायद अब नेतृत्व को समझ आएगा कि पार्टी मुख्यालय और प्रदेशों म…

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