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Published: 23.Oct.2020, 20:28

अजय सेतिया / रिया चक्रवर्ती का बचाव करने वाले कुछ न्यूज चेनलों ने पिछले दिनों खबर ब्रेक की थी कि सीबीआई इस नतीजे पर पहुंच गई है कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या नहीं की गई | एक खबर यह भी प्रसारित की गई कि सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत के मामले में जांच पूरी कर ली है | इन दोनों खबरों का खंडन करते हुए सीबीआई की तरफ से बाकायदा खंडन जारी हुआ , जिस में कहा गया था कि जांच अभी जारी है | यानी जांच पूरी नही हुई थी और जब जांच पूरी नहीं हुई तो नतीजे पर पहुंचने का सवाल भी कैसे पैदा होता है |

अपन जानते हैं कि स्रोत हमेशा पूरी तरह सही नहीं होते | कभी कभी स्रोत खबरें प्लांट भी करते हैं , कई बार खबरें प्लांट करने का भी जांच एजेंसियों को असलियत तक पहुंचने का रास्ता मिलता है | राजनीति में तो अक्सर खबरें प्लांट होती रहती हैं | पर सवाल यह है कि क्या सीबीआई से ही रिया चक्रवर्ती को क्लीन चिट दिलवाने के लिए चेनलों को खबरें लीक की गईं थीं कि उन की हत्या नहीं हुई | इस तरह की खबरें प्रतिक्रिया देखने के लिए भी प्लांट की जाती हैं | पता चलता है कि इस खबर से किस किस ने राहत की सांस ली है , फिर उस की…

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Published: 22.Oct.2020, 19:07

अजय सेतिया / नीतीश कुमार के पाँव छूने के बाद चिराग पासवान उन पर हमलावर हो गए हैं | ताबड़तोड़ तीन ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि पिछले पांच साल में सिर्फ घोटाले हुए हैं | अगर उनकी सरकार बनी तो तुरंत इसकी जांच कराएंगे और घोटाले में दोषी पाए गए लोगों को जेल भेजवाएंगे | वैसे अपना मानना है कि न नौ मन तेल होगा , न राधा नाचेगी | चिराग ने गलत समय पर गलत कदम उठा लिया | राम विलास पासवान बीमार थे और चिराग वैसे ही नादान चंपुओं से घिर गए , जैसे नादान चंपुओं से राहुल गांधी घिरे रहते हैं | इस बार टक्कर कड़ी है , क्योंकि नीतीश के खिलाफ एंटीइन्क्म्बेन्सी के कारण तेजस्वी यादव की रैलियों में उम्मींद से ज्यादा भीड़ उमड रही है | लेकिन एक बात साफ़ कही जा सकती है कि चिराग और राहुल गांधी की पार्टियां नुक्सान में रहेंगी |

भाजपा पांच सीटें छोड़ने को तैयार थी , पिछली बार लोजपा सिर्फ दो जीती थी , पांच का सौदा बुरा नहीं था | वैसे भाजपा के कई नेताओं को टिकट दे कर चिराग ने नीतीश कुमार के लिए दोहरी मुश्किलें खड़ी कर रखी हैं | पहली तो एनडीए से निकलकर जेडीयू उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े कर द…

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Published: 21.Oct.2020, 20:29

अजय सेतिया/ सवाल पैदा होता है कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोर निंदा करने के बाद 2017 में लालू यादव से गठबंधन क्यों तोडा और भाजपा के साथ मिल कर सरकार क्यों बनाई | उस समय यह बात साफ़ उभर कर आई थी कि लालू यादव के दोनों बेटे असामाजिक तत्वों को संरक्षण देने लगे थे | गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि लालू पुत्रों के संरक्षण में बालू माफ़िया और शराब माफ़िया उभर रहे थे | पुलिस पर दबाव डाला जा रहा था, क़ानून का राज कायम करने में उन्हें काफ़ी मेहनत करनी पड़ रही थी | जब लालू यादव के भ्रष्टाचार की इतनी कहानी आ गई तब उन्होंने तय किया कि बहुत हो गया और गठबंधन से पार पा लिया | साथ ही उन्होंने जोड़ा था कि जब लालू चारा घोटाले में जेल जाते तो मुख्यमंत्री के तौर पर उन से मिलने जेल जाना पड़ता और उन्हें निर्दोष भी बताना पड़ता |

लेकिन क्या इतना ही सच है | जी नहीं , नीतीश कुमार को 2019 का लोकसभा चुनाव सताने लगा था , क्योंकि भले ही 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 53 सीटें पा कर तीसरे स्थान पर रही थी , लेकिन 2010 के मुकाबले उस का वोट 8 प्रति…

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Published: 20.Oct.2020, 21:12

अजय सेतिया / अप्रेल में यह शुरुआत कांग्रेस ने की थी | जब उसने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के संस्थापक अर्नब गोस्वामी  के खिलाफ अपने शासन वाले सभी राज्यों में इस लिए ऍफ़आईआर दर्ज करवा दी थी , क्योंकि उन्होंने पालघर में दो साधुओं की हत्या के मामले की सीबीआई जांच के लिए आवाज उठाई थी | अभी भी आशंका यही है कि साधुओं की हत्या ईसाई मिशनरियों के इशारे पर हुई है | महाराष्ट्र में क्योंकि कांग्रेस सरकार में हिस्सेदार है , इसलिए कांग्रेस के इशारे पर उद्धव ठाकरे सरकार ने केन्द्रीय एजेंसी से जांच करवाने से इनकार कर दिया | अगर ऐसा हुआ तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा | फिर सोनिया गांधी तो क्या , कोई भी ईसाई मिशनरियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी जांच और कार्रवाई को नहीं रोक पाएगा |

साधुओं की ह्त्या पर रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के संस्थापक अर्नब गोस्वामी ने सोनिया गांधी से सवाल पूछा कि उन्होंने साधुओं की हत्या पर निंदा का एक शब्द तक क्यों नहीं बोला | उन का सवाल था कि अगर दो ईसाई मिशनरियों की हत्या हुई होती , तो क्या फिर वह चुप रहती | बस फिर क्या था कांग्रेस शासित राज्यों में अर्नब के…

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Published: 16.Oct.2020, 22:06

अजय सेतिया / लम्बे मुकद्दमों के दौरान 1968 में इंदिरा गांधी ने दबाव डाल कर 10 अगस्त 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच समझौता करवा दिया और श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मस्जिद बनवा दी थी | अस्सी के दशक में जब विश्व हिन्दू परिषद ने आन्दोलन शुरू किया तो उस की मांग थी कि वैसे तो तुर्कों और मुगलों ने देश के हजारों मंदिर तोड़ कर मस्जिदें बनवाई थी , लेकिन अगर मुसलमान श्री रामजन्म भूमि , श्रीकृष्ण जन्मभूमि और बाबा विश्वनाथ मंदिर पर बनी मस्जिदें अपने आप हटा लें , तो हिन्दू समाज बाकी मस्जिदों पर दावा नहीं करेगा | लेकिन मुसलमान नहीं माने तो विश्व हिन्दू परिषद ने सब से पहले श्रीरामजन्मभूमि के लिए आन्दोलन शुरू किया , जिस पर अब सुप्रीमकोर्ट का फैसला आ चुका है , खुदाई के साक्ष्यों के आधार पर साबित हो गया था कि मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाई गई थी |

श्रीकृष्ण जन्मस्थान को मुक्त करवाने के लिए मथुरा की अदालत में मुकद्दमा शुरू हो चुका है , जिसमें 1968 का समझौता रद्द कर के मस्जिद को हटाकर जमीन मंदिर को दिए जाने की मांग की गई है | मथुरा सत्र न्यायालय ने लखनऊ की रं…

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Published: 15.Oct.2020, 21:08

अजय सेतिया / कश्मीर से 370 हटाने के लिए चीन से मदद मांगने वाले फारूक अब्दुल्ला के घर पर बृहस्पतिवार को हुई बैठक में सभी क्षेत्रीय पार्टियों के अलावा भारत में चीन की समर्थक कम्युनिस्ट पार्टी भी शामिल हुई | यह अच्छा संकेत है कि लद्दाख सीमा पर चीन से तनाव के मुद्दे पर देश को हतोत्साहित करने वाले बयान देने वाली कांग्रेस ने इस बैठक में शिरकत नहीं की | अभिषेक मनु सिंघवी ने अगर सोनिया गांधी के इशारे पर इस बाबत ट्विट नहीं किया था तो उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को सही रास्ता दिखा कर सद्बुद्धि दी थी जिस का असर कांग्रेस के फारुक अब्दुल्ला की बुलाई बैठक में शामिल नहीं होने से दिखा |

दिल्ली के राजनीतिक हलकों में एक सवाल गूँज रहा है कि क्या इसी सर्दियों में चीन भारत पर हमला कर सकता है | अमेरिकी गुप्तचर एजेंसियां इस का संकेत दे चुकी हैं | भारतीय गुप्तचर एजेंसियों को भी यह अंदेशा डोकलाम विवाद के बाद से है , इस लिए मोदी सरकार ने पिछले एक साल में लद्दाख से ले कर अरुणांचल तक चीन से लगती सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर सारा जोर लगा दिया है | अनेक सडकों और छोटे से ले कर बड़े दर्जन…

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Published: 14.Oct.2020, 20:06

अजय सेतिया / रिहा होने के बाद महबूबा मुफ्ती ने 370 पर वही स्टेंड लिया है , जो फारूक अब्दुल्ला का है , महबूबा ने ट्वीट कर कहा कि पिछले साल पांच अगस्त को लिया गया केंद्र का फैसला दिनदहाड़े लूट थी | हम उसे वापस पाकर रहेंगे | इस से खुश हो कर बुधवार को फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती के घर जा कर उन से मुलाक़ात की और 370 की बहाली के लिए राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से समर्थन हासिल करने के लिए सम्पर्क करने की रणनीति बनाई | इस के अलावा आन्दोलन खड़ा करने पर भी विचार हुआ |

महबूबा की रिहाई से सिर्फ 48 घंटे पहले फारूक अब्दुल्ला ने बयान दिया था कि 370 की बहाली के लिए वे चीन से मदद लेंगे | ठीक उस के बाद चीन ने बयान दिया कि वह लद्दाख को भारत का केंद्र शासित क्षेत्र बनाने को उसी तरह मान्यता नहीं देता जैसे अरुणांचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता | एक साथ आए इन दो बयानों से ऐसा लगता है कि फारूक अब्दुल्ला के चीन से तार जुड़े हुए हो सकते हैं | भारत की कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के चीन से तार जुड़े होने की बात तो जगजाहिर है | राहुल गांधी की चीन के राजदूत से ग…

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Published: 13.Oct.2020, 20:34

अजय सेतिया / वह भारत की सोच और विचार है क्या जिसे फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार , जेएनयू के नक्सली छात्र , जेएनयू से पढ़े हुए पत्रकार ,  मानवाधिकार के नाम पर आतंकवादियों के लिए रात को अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले शहरी नक्सली और देश के कम्युनिस्ट ही ज्यादा समझते हैं | कुछ कुछ कांग्रेसी भी समझते हैं | देश का बहुमत हिन्दू उस सोच और विचार से वाकिफ ही नहीं है , आखिर क्या है वह भारत की सोच और विचार | ये सारे के सारे समझते हैं कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर के उसे भारत का अभिन्न अंग बनाना भारत की सोच और विचार के खिलाफ है | ये सारे के सारे समझते हैं कि लद्दाख को भारत का केंद्र शासित क्षेत्र बनाना भारत की सोच और भारत के विचार के खिलाफ है , इसलिए जब फारुख अब्दुल्ला चीन की मदद से कश्मीर को भारत से आज़ादी दिलाने के लिए चीन से मदद लेने की बात करते हैं , तो ये सारे के सारे फारुख अब्दुल्ला को मौन समर्थन देते हैं | चीन जब कहता है कि भारत को कोई हक नहीं कि वह लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र बनाए तो ये सब लोग चीन को मौन समर्थन देते हैं , क्या यह है भारत की सोच और विचार |

क्या चु…

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Published: 13.Oct.2020, 14:03

अजय सेतिया / हाथरस में दलित लडकी के ठाकुर से प्रेम सम्बन्धों के चलते हुई हत्या और दिल्ली में मुस्लिम लडकी से हिन्दू युवक के प्रेम के चलते लडके की हत्याओं के बीच विधायिका और न्यायपालिका की लड़ाई शुरू होने की ख़बरें आई हैं | अब ये खबरें लगातार आ रही हैं कि विपक्षी दल और मीडिया वहां वहां चुप्पी साध लेता है जहां हत्यारा और बलात्कारी मुस्लिम हो या हत्या किसी स्वर्ण हिन्दू की हुई हो | यूपी में ही इस तरह की अनेक घटनाएं हाल ही में हुई हैं | राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने न तो उन घटनाओं पर कभी ट्विट किया , न हाथरस की तरह दौरा किया | राजस्थान में दलित बहनों के बलात्कार की घटना को वहां की सरकार से मिलीभगत कर के मीडिया ने ही इस लिए दबा दिया , क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार है |

पालघर की घटना को भी उद्धव सरकार ने दबाने की कोशिश की थी, जिसमें दो साधुओं की माब लिंचिंग हुई थी , अब राजस्थान में भी साधू की माब लिंचिंग को दस लाख रूपए की खैरात दे कर दबाने की कोशिश की जा रही है | माब लिंचिंग अगर उतरप्रदेश या हरियाणा में हो और शिकार मुस्लिम हो तभी माब लिंचिंग होती है क्या , नहीं तो बाकी ज…

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Published: 09.Oct.2020, 20:25

अजय सेतिया / रामविलास पासवान के निधन से मोदी सरकार में गुणात्मक परिवर्तन आया है | अगर अपन राज्य मंत्री रामदास अठावले को छोड़ दें तो नरेंद्र मोदी की राजग सरकार में अब राजग का कोई सदस्य नहीं है | कृषि बिलों पर उपजे विवाद के कारण अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे से पहले पिछले साल महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने के लिए शिवसेना के अरविन्द सांवत ने भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था | राजग में होने और 2019 का लोकसभा चुनाव साथ लड़ने के बावजूद जनता दल खुद मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ था , और अपना दल की एक मात्र कुर्मी सांसद अनुप्रिय पटेल को नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया था , जबकि वह उन की पहली टर्म में स्वास्थ्य राज्य मंत्री थी |

राम विलास पासवान पिछले कई सालों से राजनीतिक मौसम विज्ञानी के तौर पर मशहूर हो गए थे , क्योंकि वह राजनीतिक हवा के रूख को सब से पहले भांपते थे और तुरंत पाला बदल लेते थे | वह अपने जीवन में 1984 और 2009 के आम चुनावों के अलावा 1985 में बिजनौर और 1987 में हरिद्वार के उपचुनाव भी हारे । इस तरह बिहार से बाहर दलित…

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