अजय सेतिया / यह बात अकसर सामने आती रही है कि बाल मजदूरी और बाल यौन शोषण में सरकारी अधिकारी , कर्मचारी ज्यादा शामिल रहते हैं | यहाँ तक कि चाइल्ड ट्रेफिकिंग भी सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से होती है | हाल ही में उत्तराखंड में एक सिविल जज चाइल्ड लेबर में पकड़ी गई और सरकार ने उसे बर्खास्त किया है | इस से पहले जब मैं उत्तराखंड बाल अधिकार सरंक्षण आयोग का अध्यक्ष था तो एक इंजीनियर के घर में बाल मजदूर पाया गया था | आयोग के आदेशों के बावजूद देहरादून की पुलिस ने इंजीनियर को बचाने की कोशिश की थी | जब मैंने एसएसपी को तलब किया तो पुलिस भी घुटनों पर आ गई थी | उस समय बाल मजदूरी का क़ानून इतना सख्त नहीं था , जितना मोदी सरकार ने बना दिया है | फिर भी इंजीनियर से 20 हजार रूपए जुर्माने की वसूली और बच्चे को उस के घर भिजवाने का सारा खर्चा वसूल किया गया था |
इसी तरह बाल मजदूरों के यौन शोषण के मामलों में भी सरकारी अधिकारी बड़ी मात्रा में शामिल होते हैं | पुलिस अपराधियों को बचाने और निरपराधों को गिरफ्तार करने के लिए बदनाम ऐसे ही नहीं है | छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक शादी के दौरान …
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