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Published: 17.Nov.2020, 20:04

अजय सेतिया / यह बात अकसर सामने आती रही है कि बाल मजदूरी और बाल यौन शोषण में सरकारी अधिकारी , कर्मचारी ज्यादा शामिल रहते हैं | यहाँ तक कि चाइल्ड ट्रेफिकिंग भी सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से होती है | हाल ही में उत्तराखंड में एक सिविल जज चाइल्ड लेबर में पकड़ी गई और सरकार ने उसे बर्खास्त किया है | इस से पहले जब मैं उत्तराखंड बाल अधिकार सरंक्षण आयोग का अध्यक्ष था तो एक इंजीनियर के घर में बाल मजदूर पाया गया था | आयोग के आदेशों के बावजूद देहरादून की पुलिस ने इंजीनियर को बचाने की कोशिश की थी | जब मैंने एसएसपी को तलब किया तो पुलिस भी घुटनों पर आ गई थी | उस समय बाल मजदूरी का क़ानून इतना सख्त नहीं था , जितना मोदी सरकार ने बना दिया है | फिर भी इंजीनियर से 20 हजार रूपए जुर्माने की वसूली और बच्चे को उस के घर भिजवाने का सारा खर्चा वसूल किया गया था |

इसी तरह बाल मजदूरों के यौन शोषण के मामलों में भी सरकारी अधिकारी बड़ी मात्रा में शामिल होते हैं | पुलिस अपराधियों को बचाने और निरपराधों को गिरफ्तार करने के लिए बदनाम ऐसे ही नहीं है | छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक शादी के दौरान …

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Published: 16.Nov.2020, 19:29

अजय सेतिया / दीपावली की राम राम | भाजपा ने इस बार हफ्ता भर दीपावली मनाई | चौदह नवम्बर को दीपावली थी और दस नम्बर को बिहार विधानसभा के साथ देश की कई विधानसभाओं के 39 उपचुनावों के नतीजे आए थे | जिन में से 30 भाजपा जीती थी | डोनाल्ड ट्रम्प की तरह तेजस्वी यादव भी अपनी हार नहीं मान रहे थे | पर 16 नवम्बर को नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण हो गया तो दस नवम्बर से शुरू हुई दीपावली ने भी जश्न का हफ्ता पूरा कर लिया |

कांग्रेस को अब समझ आया होगा कि भगवान राम के अस्तित्व को नकारने का क्या मतलब होता है | सोनिया गांधी और उन के बच्चे खुद को हिन्दू कहते नहीं थकते | गुजरात का चुनाव जीतने के लिए राहुल गांधी मंदिर मंदिर भटके थे | पर किसी दीपावली के बाद सोनिया के घर में लक्ष्मी और गणेश की पूजा की खबर नहीं आई | राजद के बड़े नेता शिवानन्द तिवारी ने तो यह कह कर पूरे परिवार की पोल ही खोल दी कि जब बिहार में चुनाव हो रहे थे ( और देश भगवान राम की अयोध्या वापसी पर दीपावली की तैयारी कर रहा था ) तो राहुल गांधी शिमला में अपनी बहन कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के घर पिकनिक मना रहे थे | कांग्रेस के पिकनिकि…

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Published: 12.Nov.2020, 22:43

अजय सेतिया / उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद मुलायम सिंह की मिमिक्री करते हुए सोनिया गांधी के नाम जारी एक आडियो में मुलायम सिंह ने कहा था –“ तुमारे लौंडे ने म्हारे लौंडे की बैंड बजा दी “ | उत्तर प्रदेश में ग्रामीण भाषा में लडके को लौंडा कह  कर बुलाते हैं | अब कोई मिमिक्री करने वाला लालू यादव की मिमिक्री करते हुए वही बात दोहरा सकता है | राहुल गांधी ने 2017 में जैसी बैंड मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव की बजाई थी , वैसे ही अब बिहार में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव की बजा दी है | राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठतम नेता शिवा नन्द तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस ने तेजस्वी की लुटिया डुबो दी | कांग्रेस कम से कम 70 सीटें लेने पर अड़ गई थी , उस ने महा गठबंधन तोड़ने की धमकी दे दी थी | अगर वह अपनी औकात के मुताबिक़ 50 सीटों पर लडती तो महा गठबंधन की सरकार बन गई होती | यही बात सीपीएम के वरिष्ठ नेता सीता राम येचुरी ने कही है , उन्होंने कहा कि अगर 70 में से 35 सीटें वामपंथियों को लड़ने को मिल जाती तो भी सरकार बन गई होती | तेजस्वी खुद कुछ नहीं बोल रहे ,लेकिन गुस्सा तो उन के भीतर भी होगा…

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Published: 11.Nov.2020, 21:50

अजय सेतिया / अपन ने हाईकोर्ट के उन दो जजों एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक का नाम जाहिर करते हुए लिखा था कि क्या अर्नब गोस्वामी के मामले में उद्धव सरकार और मुम्बई पुलिस मराठी बनाम गैर मराठी हो गई है | दोनों जज मराठी थे और उन्होंने अर्नब को जमानत देने से इनकार करते हुए सैशन कोर्ट को भी यह कहते हुए चार दिन लटकाने के संकेत दे दिए थे कि वह चार दिन में जमानत का फैसला करें | बुद्धवार को अर्नब को जमानत देते हुए जब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट पर सख्त टिप्पणी की तो अपनी बात सही साबित हो गई कि हाईकोर्ट ने भेदभावपूर्ण फैसला किया था |

 

सुप्रीमकोर्ट ने न सिर्फ अर्नब गोस्वामी को जमानत दी बल्कि कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश भी दिए | शाम चार बज कर बीस मिनट पर यह खबर आई और रात 8.27 पर भारत माता की जय और बंदे मातरम के नारे लगाते हुए अर्नब गोस्वामी जेल से बाहर निकल आए | उन पत्रकारों को जरुर मिर्ची लगी होगी , जिन के चेहरे भारत तेरे टुकड़े होंगे और लाल सलाम के नारे सुन कर खिल जाते हैं , लेकिन भारत माता की जय के नारे को व्यक्तिगत पसंद बता कर खारिज कर…

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Published: 11.Nov.2020, 08:48

अजय सेतिया / बिहार का चुनाव करीब करीब बराबरी पर छूटा है |  एनडीए सरकार बनवाने का श्रेय चुनाव से ठीक पहले महा गठबंधन छोड़ कर आए  जीतन राम माझी और मुकेश साहनी को जाता है | उन की चार चार सीटों के बदौलत ही सरकार बनेगी | विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भाजपा की पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत हुई है | यह सम्भावित ही था | अपन पहले ही लिख चुके थे कि भाजपा की सीटें बढ़ेंगी , जदयू की सीटें घटेंगी और अंतत: महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद भाजपा बिहार में भी अपने गठबंधन के सहयोगी के बड़े भाई की भूमिका में आ जाएगी | नीतीश कुमार यह तो नहीं कह सकते कि वह भाजपा की वजह से हारे , आखिर 15 साल में एंटी इनकम्बेंसी बनती ही है | भाजपा ने साझा सरकार की एंटी इनकम्बेंसी को खुद पर चिपकने नही दिया , यह भाजपा की सब से बड़ी चुनावी कारागिरी थी | नीतीश कुमार ने पिछले पन्द्रह सालों विकास के कई महत्वपूर्ण काम किए | उन्होंने केंद्र सरकार की मदद से बिजली सडक पानी की स्थितियां सुधारी , लेकिन रोजगार सृजन के लिए कोई कदम नहीं उठाया |

तेजस्वी यादव ने रोजगार को ही सब से बड़ा मुद्दा बना कर युवाओं को प्रभाव…

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Published: 09.Nov.2020, 22:30

अजय सेतिया / क्या अर्नब गोस्वामी के मामले में महाराष्ट्र में मराठी बनाम गैर मराठी हो गया है | शायद अपन ने इस एंगल से पहले सोचा नहीं | बात पालघर से शुरू करें तो मरने वाले दोनों साधू गैर मराठी थे , जबकि सारे हत्यारे मराठी थे , जिन की न सिर्फ तुरंत जमानत हो गई , बल्कि मराठी गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पालघर के अपराधियों का यह कहते हुए बचाव किया कि भीड़ ने बच्चा उठाने वाले साधू समझ कर उनकी हत्या की | सुशांत सिंह राजपूत भी गैर मराठी थे, जिन की मौत को उद्धव ठाकरे की मराठी सरकार और मराठी पुलिस ने जानबूझ कर उतनी गंभीरता से नहीं लिया और गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बिना किसी जांच ही आत्महत्या कह दिया | सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के पीछे ड्रग माफिया का हाथ होने की आवाज उठाने वाली कंगना रनौत भी गैर मराठी थी , शिव सेना के मराठी सांसद के इशारे पर मुम्बई महानगर पालिका ने उन के स्टूडियो के हिस्से को अदालत खुलने से पहले तडके ही गिरा दिया |

पूरा एक हफ्ता बर्बाद करने के बाद सोमवार को महाराष्ट्र हाईकोर्ट के दो मराठी जजों ने अर्नब गोस्वामी को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि वह सेशन…

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Published: 29.Oct.2020, 09:34

 

अजय सेतिया / यह अपेक्षित ही था , कोई अनहोनी नहीं हुई | हालांकि गलवान घाटी की घटना पर चर्चा टू प्लस टू वार्ता के एजेंडे पर नहीं थी | द्विपक्षीयवार्ता में तीसरे देश की चर्चा होती भी नहीं है | पर इस वार्ता में चीन की चर्चा होनी ही थी | वह हुई भी और फिर अमेरिकी विदेश मंत्रीमाइक पॉम्पिओ ने अपने बयान में गलवान घाटी के तनाव का जिक्र भी कर दिया | तो चीन को जलन होना स्वाभाविक था | अपने कुछचीन समर्थक वामपंथी और मोदी विरोधी स्वयंभू बुद्धिजीवि भारत अमेरिका के बढ़ते दोस्ताना सम्बन्धों से परेशान…

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Published: 27.Oct.2020, 21:08

अजय सेतिया / मध्यप्रदेश , राजस्थान, यूपी और हरियाणा में हाल ही में बलात्कार और हत्याओं की घटनाओं मेंइजाफा हुआ है | अपन सच लिखेंगे तो आरोप लगेगा कि अपन हिन्दू मुस्लिम करते हैं | यह पत्रकारिता के सिद्धांतों के खिलाफ है , सेक्यूलर पत्रकारिता नहीं है | हैरान कर देने वाली बात यह है कि खुद को सेक्यूलर बता कर सच लिखने वालों को साम्प्रदायिक ठहराने वाला मीडिया आरोपी के धर्म और जाति के आधार पर खबर का महत्व तय करता है | आरोपी अगर ऊंची जात का हिन्दू और बलात्कार की शिकार दलित हो तो मामले को तूल दिया जाता है | आरोपी अगर मुस्लिम और बलात्कार की शिकार हिन्दू हो तो आरोपी का नाम नहीं छापा या बताया जाता |

खैर ऐसा केस अपनी नजर में तो कोई नहीं आया जहां बलात्कार की शिकार मुस्लिम लडकी हो और आरोपी कोई हिन्दू हो | अगर ऐसा कोई केस सामने आता तो इन तथाकथित सेक्यूलर पत्रकारों का असली चेहरा भी सामने आ जाता | हाँ ऐसे केस तो अनेक सामने आए हैं जहां मुस्लिम लडकी से प्रेम करने वाले हिन्दू लडके को दिन दहाड़े पीट पीट कर मार दिया जाता है | हाल ही में ऐसी एक घटना दिल्ली में हुई थी | खुद को सेक्यूलर कहने वाल…

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Published: 27.Oct.2020, 09:07

अजय सेतिया / अपने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर की अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और विदेश मंत्री माइक पोंपियो के बीच आज अहम बैठक होने जा रही है | इस बैठक को इसी लिए टू प्लस टू का नाम दिया गया है , क्योंकि दोनों तरफ से दो-दो मंत्री हिस्सा ले रहे हैं | इस से पहले कि अपन चीन के संदर्भ में बैठक के महत्व को समझें, पहले समझ लेते हैं टू प्लस टू बैठक होती क्या है | वार्ता के इस स्वरूप की शुरुआत जापान ने की थी | बाद में दुनिया भर के कई देशों ने बातचीत के इस तरीके को अपनाया | आम तौर पर इस तरह की वार्ताओं का लक्ष्य दो देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए उच्च स्तरीय राजनयिक और राजनीतिक बातचीत को सुविधाजनक बनाना होता है | 

भारत और अमेरिका की बात करें तो दोनों देशों के बीच पहली बार टू प्लस टू वार्ता का एलान नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री के नाते पहली अमेरिका यात्रा के समय 2017 में किया गया था | नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप पहली मुलाक़ा…

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Published: 24.Oct.2020, 15:59

अजय सेतिया / न्यायपालिका और कार्यपालिका के बाद अब विधायिका ने भी मीडिया-प्रेस को लोकतंत्र का चौथा खम्भा मानने से इनकार करना शुरू कर दिया है | संविधान में भले ही प्रेस की आज़ादी के लिए किसी ख़ास प्रावधान का जिक्र नहीं किया गया , हालांकि किया जाना चाहिए था क्योंकि आज़ादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी, राजा राम मोहन राय , बाल गंगाधर तिलक , गेंदा लाल दीक्षित , सुरेन्द्र नाथ बेनर्जी आदि अनेकों अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जनजागृति के लिए प्रेस का इस्तेमाल किया था | ब्रिटिश राज ने इन सभी स्वतन्त्रता सेनानियों के अखबारों पर समय समय पर प्रतिबंध लगा कर प्रेस की स्वतन्त्रता को नकारा था | इस लिए जरूरी था कि संविधान सभा प्रेस की आज़ादी को भी मूल भूत अधिकारों में शामिल करती , लेकिन भारत का संविधान मूलत ब्रिटिश संविधान और कानूनों की नकल है , इसलिए ब्रिटिश राज की तरह भारत में भी प्रेस की आज़ादी की गारंटी के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया | जवाहर लाल नेहरु जैसे लोग ब्रिटिश राज की शैली में ही शाषण करना चाहते थे , इसलिए प्रेस की आज़ादी के लिए विशेष प्रावधान नहीं किए गए…

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