सिंगापुर: विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि भारत एवं चीन अतीत में भी सीमा विवादों से निपट चुके हैं और इस बात का कोई कारण नहीं है कि इस बार दोनों देश इससे निपट नहीं पाएंगे |
जयशंकर ने कहा, ‘‘यह लंबी सीमा है, जैसा कि आप जानते हैं कि जमीनी स्तर पर इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. ऐसे में समय समय पर विवाद होना संभावित है |’’ उन्होंने ‘‘भारत-आसियान एवं बदलती भूराजनीति’’ विषय पर एक व्याख्यान के दौरान सिक्किम सेक्टर के डोकालाम में भारतीय एवं सैन्य बलों के बीच मुठभेड़ को लेकर प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही |
इस व्याख्यान का आयोजन ली कुआन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी एवं भारतीय उच्चायोग ने किया था | जयशंकर ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पहली बार नहीं हुआ है |
उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले भी इस प्रकार की स्थिति से निपटे हैं, इसलिए मुझे ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि ऐसी स्थिति पैदा होने पर हम इससे निपट नहीं पाएंगे|’’ भूटान, भारत एवं चीन की सीमा के निकट डोकालाम में चीनी सेना के निर्माण दल ने एक सड़क बनाने की कोशिश की थी जिसके बाद करीब तीन सप्ताह से वहां भारत एवं चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है|
भूटान इस क्षेत्र को डोकालाम के नाम से मान्यता देता है. इसका भारतीय नाम डोका ला है जबकि चीन दावा करता है कि वह उसके डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा है| भारत और चीन के बीच जम्मू कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जिसमें 220 किलोमीटर का क्षेत्र सिक्किम में पड़ता है |
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