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नीच अंदर नीच जात, नानक तिन के संग

Publsihed: 25.May.2009, 20:39

आस्ट्रिया की राजधानी वीएना में गुरु रविदास के अनुयाइयों पर सिखों के हमले ने सिख समुदाय में जातिवाद को सतह पर ला दिया है। वीएना की इस घटना के बाद पंजाब में शुरू हुए दंगों से सिखों में व्याप्त जातिवाद का जहर सबके सामने आ गया है।
गुरु नानक देव जाति प्रथा के बेहद खिलाफ थे। उनके जमाने में जातिवाद शिखर पर था। ऊंची जाति के लोग दलितों को छू लेने पर खुद को अपवित्र मानकर गंगाजल से नहाते थे। दलित की छाया को अपवित्र मानते थे ऊंची जाति के लोग, खासकर ब्राह्मण। ऐसे वक्त में गुरुनानक देव ने भाई लालो को अपना परम सहयोगी चुना था, जो दलित था। गुरुनानक देव ने कहा था- 'नीच अंदर नीच जात, नानक तिन के संग, साथ वढ्डयां, सेऊ क्या रीसै।'

बसपा-भाजपा-लेफ्ट में गिनती के लिए तार जुड़े

Publsihed: 21.Jul.2008, 21:54

दोनों खेमों ने किया बहुमत का दावा, असल में दोनों 268-268 पर

नई दिल्ली, 21 जुलाई। बसपा प्रमुख मायावती के खास सिपहसालार सतीश मिश्र ने आज वामपंथी और भाजपा नेताओं से मुलाकात कर स्थिति का आकलन किया। बाद में इस संवाददाता से बातचीत करते हुए सतीश मिश्र ने इन अफवाहों को मनघढ़ंत बताया कि भाजपा सरकार गिराने में गंभीर नहीं है। मायावती के प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट होने से भाजपा में खलबली को भी बसपा नेता ने कांग्रेस और मीडिया की उड़ाई हुई अफवाह बताकर खारिज किया।

सत्ता संतुलन अब बागियों के हाथ में

Publsihed: 20.Jul.2008, 20:40

नई दिल्ली, 20 जुलाई। सत्ता संतुलन अब देवगौड़ा, अजित सिंह और शिबू सोरेन के हाथ से निकलकर बागियों और पूर्वोत्तर के सांसदों के हाथ में आ गया है। बगावत अब सभी पार्टियों में शुरू हो गई। कांग्रेस के कुलदीप विश्नोई और अरविंद शर्मा के विपक्षी खेमे में जाने के बाद अब भाजपा और जनता दल के दो-दो सांसद टूटकर यूपीए में चले गए हैं। भाजपा के गुजरात से सोमाभाई पटेल और उत्तर प्रदेश से बृजभूषण सरन सिंह टूटे हैं, तो जद यू के रामस्वरूप प्रसाद और कोया ने यूपीए को वोट का ऐलान किया है।

पल-पल बदलता मनमोहन का चेहरा

Publsihed: 19.Jul.2008, 22:04

नई दिल्ली, 19 जुलाई। मनमोहन सिंह का चेहरा पल-पल बदल रहा है। शिबू सोरेन और अजित सिंह खेमों से आई खबर चेहरे पर संतोष का भाव ला देती है, तो मुलायम के खेमे में मची भगदड़ मनमोहन के चेहरे की रौनक घटा देती है। शनिवार शाम होते-होते दोनों ओर 268-268 सांसद साफ दिखाई दे रहे थे, अब सबकी निगाह बाकी बचे छह सांसदों पर टिकी है। लेकिन कर्नाटक, गुजरात और बिहार के कांग्रेसी सांसदों में भाजपा की सेंध और सपा खेमे में मायावती की सेंध ने यूपीए में भगदड़ मचा रखी है।