नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में अमरनाथ यात्रियों की बस पर रात 8.20 पर आतंकी हमले की खबर है | इस हमले में छह तीर्थयात्री मारे गए हैं जबकि 10 अन्य घायल हैं , बस में 17 यात्री सवार थे | बस गुजरात की थी | सभी जख्मियों दिल्ली लाने के लिए गृह मंत्रालय विशेष विमान भेज रहा है |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अस्पताल में घायलों से फोन पर बात की | उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने बताया कि यह बस बिना पुलिस को सूचना दी रवाना हुई थी | उन्होंने बताया कि शाम पांच बजे के बाद तीर्थ यात्रियों की बस रवाना होने की इजाजत नहीं दी जाती | मुख्यमंत्री ने अनंतनाग पहुंच कर अस्पताल में जख्मियों बात की | मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकियों ने मुसलामानों का सिर शर्म से झुका दिया है | कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर इस हमले की निंदा की. उन्होंने इसे बेहद दुखदाई समाचार बताते हुए कहा कि 'इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है, पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी सहानुभूति है और घायलों के लिए मैं दुआ करता हूं. |
आतंकवादियों ने पुलिस को भी निशाना बनाया | शुरुआती जानकारी के अनुसार तीन अलग-अलग जगहों पर आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया है | सभी तीन हमलों में 25 के जख्मी होने की खबर है | गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यपाल से फोन पर बात की है | अनंतनाग से आगे बंटगू पर श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर आतंकियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर अंधाधुध फायरिंग की | दो यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 5 लोगों की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई|
बस के बारे में सुरक्षाबलों ने कहा कि वह काफिले का हिस्सा नहीं थी और न ही अमरनाथ श्राइन बोर्ड में उसका रजिस्ट्रेशन हुआ था | इस वजह ये आतंकियों का आसान निशाना बने \. सुरक्षाबलों का कहना है कि हमारे काफिले के साथ जो भी बस या ट्रक में यात्री होते हैं, उनकी सुरक्षा पुख्ता होती है. हमारी कोशिश होती है कि सुबह छह बजे बालटाल से वो निकल जाए और दोपहर 12 बजे तक जवाहर टनल को पार कर लें यानी जम्मू इलाके में दाखिल हो जाएं.
पुलिस के मुताबिक बस सोनमार्ग बालटाल से आ रही थी. तीर्थयात्री दर्शन करके वापस घर लौट रहे थे | पुलिस ने दावा किया है कि बस ड्राइवर ने नियमों का उल्लंघन किया | नियमानुसार शाम 7 बजे के बाद किसी भी यात्रा वाहन को हाईवे पर जाने की अनुमति नहीं है |
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर इस हमले की निंदा की | उन्होंने इसे बेहद दुखदाई समाचार बताते हुए कहा कि 'इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है, पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी सहानुभूति है और घायलों के लिए मैं दुआ करता हूं |'
जम्मू-कश्मीर के मंत्री नईम अख्तर ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, यह कश्मीर के इतिहास पर लगा काला धब्बा है. ऐसा पहली बार हुआ है जब यात्रियों को निशाना बनाया गया है. आतंक के खिलाफ अभियान जारी रहेगा.'
पवित्र अमरनाथ यात्रा की शुरुआत कड़ी सुरक्षा के बीच 29 जून को पहलगाम और बालटाल दोनों ही रोस्तों से हुई थी. उत्तरी कश्मीर के बालटाल कैंप के रास्ते से अमरनाथ गुफा की ओर जाने के लिए 6000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को इजाजत दी गई थी जबकि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के परंपरागत रास्ते से करीब 5000 यात्री गुफा की ओर चले थे |
इस वर्ष करीब 1.2 लाख श्रद्धालुओं ने इस यात्र के लिए पंजीकरण कराया है | 45 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के लिए सुरक्षा के इंतजाम के तहत सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम, ड्रोन का इस्तेमाल, मोबाइल बंकर वाहन और रोड ओपनिंग पार्टी की जम्मू से पहलगाम और बालटाल जाने वाले पूरे रास्ते के लिए व्यवस्था है |
आपको ये बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे को लेकर आगाह किया था | पिछले साल हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही घाटी में हालात खराब हैं | इसी साल अमरनाथ यात्रा के दौरान वानी की पहली बरसी भी पड़ी थी | खुफिया रिपोर्ट्स के बाद अमरनाथ यात्रा की जबरदस्त सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के करीब 80 हजार जवानों को यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है बावजूद आतंकी हमला करने में सफल हो गए. ये सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि अभी यात्रा खत्म नहीं हुई है |
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