बिना शर्त माफ़ी मांगनी होगी आज़म खान को

Publsihed: 07.Dec.2016, 16:51

बुलंदशहर गैंगरेप केस में विवादित बयान देने वाले यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान के माफीनामे को नामंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 15 दिसंबर तक फिर नया माफीनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ एक पैराग्राफ में माफीनामा दाखिल करें।

यूपी के बुलंदशहर में हुई गैंगरेप की घटना को समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर आजम खान ने राजनीतिक साज़िश करार दिया था। आजम खान के इस बयान पर एतराज़ जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनसे बिना शर्त माफ़ी मांगने को कहा था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आजम खान की तरफ से आज कोर्ट में माफीनामा दाखिल किया गया. एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और मामले में कोर्ट के सलाहकार फली नरीमन ने आज़म के इस हलफनामे पर एतराज़ जताया. दोनों का कहना था कि आजम ने काफी बड़ा हलफनामा दाखिल किया है. मीडिया में अपने बयान की गलत रिपोर्टिंग की दुहाई दी है और उसके बाद लिखा है कि ‘अगर’ पीड़िता को तकलीफ हुई हो तो उन्हें पछतावा है. उन्होंने कहा कि इस तरह का हलफनामा बिना शर्त माफ़ी नहीं कहा जा सकता. कोर्ट ने भी इस बात पर सहमति जताई.

सुप्रीम कोर्ट का सख्‍त रुख

आज़म खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल ‘Aplogy’ यानी माफ़ी शब्द की बजाय ‘Remorse’ यानी खेद का इस्तेमाल करना चाहते हैं. कोर्ट ने कहा कि पहले आप हलफनामा दाखिल कीजिए फिर देखा जाएगा कि ये शब्द मान्य है या नहीं। इस मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.

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