नई दिल्ली। आरएसएस ने केरल के सीएम का सिर काटने वाले बयान पर सफाई दी है। आरएसएस ने ट्वीट कर कहा है कि आरएसएस हिंसा को बढ़ावा देनेवाली विचारधारा का समर्थन नहीं करता है। आरएसएस इस बयान की कड़ी निंदा करता है।
आरएसएस के मालवा प्रांत के प्रचार प्रमुख डॉ प्रवीण काबरा ने एक चिट्ठी लिखते हुए कहा कि केरल में संघ के परिवारजनों की हत्या के विरोध में 1 मार्च को देश के 50 स्थानों पर विरोध सभा किया गया लेकिन उज्जैन में एक संघ के एक वक्ता कुंदन चक्रावत द्वारा जो हिंसा की बात कही गई उसमें संघ का कोई मत नहीं है। संघ हिंसा का विरोध करता है। वक्ता ने जो विचार दिया यह संघ का विचार नहीं था। संघ इस बयान की निंदा करता है। चिट्ठी में अपील की गई की इसे संघ के साथ न जोड़ा जाए।
उज्जैन में आरएसएस के महानगर प्रचार प्रमुख डॉ कुंदन चंद्रावत ने अपने बयान में यह ऐलान किया था कि जो केरल के सीएम का सिर लाएगा 1 करोड़ रूपये दिए जाएंगे।
कुंदन चंद्रावत ने यह बयान उज्जैन में तब दिया जब वह एक आरएसएस कार्यकर्ता के हत्या के विरोध में धरना दे रहे थे। हालांकि इस बयान के बाद उन्होंने कहा यह मेरा निजी बयान है इससे संघ का कोई लेना-देना नहीं है। वहीं चंद्रावत के इस बयान पर प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा उन्होंने यह बात गुस्से में कही होगी।
दरअसल केरल में आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में उज्जैन में दो दिनों का प्रदर्शन किया गया। केरल के सीपीएम और आरएसएस के बीच काफी समय से क्षगड़ा चलता आ रहा है। वहीं आरएसएस का आरोप है कि सीपीएम के सत्ता में आने के बाद से 12 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। जबकि केरल में 20 वर्षों में अबतक 250 कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है।
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