पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. अब उनके मंत्री बेटे तेजप्रताप यादव के पेट्रोल पंप का लाइसेंस भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने रद्द कर दिया, जिसके बाद तेज प्रताप ने लाइसेंस रद्द किए जाने को कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर उन्हें स्टे मिल गया है. इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी. इस महीने तेज प्रताप को ग़लत तरीके से लाइसेंस लेने के आरोपों के बाद नोटिस जारी किया गया था. तेज प्रताप को पटना के बेउर जेल के पास पेट्रोल पंप आवंटित किया गया था, जिस पर बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि 2011 में पटना में पेट्रोल पंप का लाइसेंस लेने के लिए तेज प्रताप ने फ़र्ज़ी काग़जात दिखाए थे. साथ ही आरोप लगाया था कि उन्होंने तेल कंपनी के एक अधिकारी से साठ-गांठ कर ग़लत तरीके से पेट्रोल पंप का लाइसेंस लिया.
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा- पहले तेज प्रताप के पास जमीन नहीं थी. किसी और की ज़मीन को अपने नाम पर दिखा कर पेट्रोल पंप का आवंटन लिया. किसी ने इसकी शिक़ायत की है तो हमने भी ये मुद्दा उठाया. हमें खुशी है कि भारत पेट्रोलियम ने इसको रद्द करने का आदेश दिया है.
वहीं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लीगल मुद्दे पर कुछ नहीं कहेंगे. यह राजनीतिक साजिश है, लेकिन इनकी इस साजिश से हमारी पार्टी मजबूत होगी.
बता दें कि पटना के व्यस्त इलाकों में से एक बेउर जेल के पास तेज प्रताप यादव को पेट्रोल पंप आवंटित किया गया था.
मीडिया में काफी बवाल होने के बाद बीपीसीएल की तरफ से बिहार के हेल्थ मिनिस्टर तेज प्रताप को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब देने का निर्देश दिया था. इससे पहले भी तेज प्रताप यादव विवादों में रह चुके हैं। पिता लालू के लिए घर में ही सरकारी अस्पताल के 3 डॉक्टरों और नर्सों की टीम की ड्यूटी लगाने को लेकर भी काफी विवाद हुआ था.
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