राघोगढ से लेकर बुदनी तक बलि का बकरा कौन 

Publsihed: 11.Nov.2018, 23:13

( सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट ) ब्रजेष राजपूत, एबीपी न्यूज भोपाल

दृश्य एक । सीएम शिवराज सिंह का हैलीकाप्टर जैत गांव के बाहर उतरा है। कार से सीएम अपने परिवार के साथ गांव आते हैं, गांव में घुसते ही बडे पेड के नीचे बने खेरापति हनुमान और दूसरे देवताओं की पूजा करने लगते हैं। इस पूजा को खत्म कर वो भाई नरेन्द्र मास्साब के  घर के बाहर बने हनुमान मंदिर में पूजा करते हैं इसे पूरा कर वो फिर गाडी में सवार हो गांव के किनारे बह रही नर्मदा मैय्या में अभिषेक करने पहुंच जाते हैं शिवराज के साथ उनकी पत्नी और दोनों बेटे हैं। भोपाल से पहुंचे हम टीवी पत्रकारों को देख शिवराज सिंह मुस्कुराते हैं और कहते हैं अरे आप सबको इतनी दूर आना पडा। हमने भी कहा कि पांच साल में दो बार तो हम यहां आते ही हैं एक आपके नामांकन के दोरान और दूसरा मतदान के दिन। शिवराज यहां से पूजा कर फिर उडते हैं और रहटी के पास सलकनपुर माता के मंदिर पहुंच कर पूजा पाठ करते हैं। पूजा के सारे विधि विधान निपटाने के बाद वो फिर उडते हैं और आते हैं बुदनी के तहसील दफतर जहां उनको नामांकन दाखिल करना है। शिवराज का पूरा परिवार यहां भी साथ हैं। शिवराज बुदनी से पांचवी बार मैदान में हैं इसलिये नामांकन के बाद हुयी सभा में शिवराज ने अपने खास अंदाज कहा कि अब तो मैं चला प्रदेश की 229 सीटों पर प्रचार करने यहां का प्रचार आपको ही करना है और कितने वोटों से जिताओगे अबकी बार ? मंच पर खडे कार्यकर्ता चिल्लाते हैं अबकी बार एक लाख पार। तालियों से सभा गूंज उठती है। 

दृश्य दो। बुदनी में तहसील कार्यालय के बाहर कांग्रेसी कार्यकर्ता इकटठे हो रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव भोपाल से बुदनी के लिये चल पडे हैं पर्चा भरने। पार्टी ने अरूण को शिवराज सिंह को उनकी विधानसभा में घेरने के लिये अंतिम सूची में नाम का खुलासा किया। तहसील के बाहर चाय की दुकान पर बैठे रामरतन किरार मेरी माइक आर्डडी देखकर कहते हैं कि इस बार आपको बार बार बुदनी आना पडेगा। क्यों। क्योंकि कांग्रेस ने अच्छा उम्मीदवार उतारा है। चुनाव टक्कर का होगा। तो क्या सीएम को अरूण चुनौती दे पायेंगे। अरे क्यों नहीं यादव वोटर यहां बहुत हैं। यादव जी मेहनत करें तो मामा परेशान हो जायेंगे और आखिरी प्रचार के दिनों में यहीं डेरा डालेंगें। तब तक अरूण यादव अपने समर्थकों के साथ आ पहुंचते हैं बुदनी तहसील कार्यालय में। बारह बज कर अडतीस मिनिट का मुहूर्त निकलवाकर लाये हैं मगर उनके पहले दो प्रत्याशी पर्चा भर रहे हैं इसलिये इंतजार करना पड रहा है। खाली समय का उपयोग वो पत्रकारों से बातचीत में करने लगते है। यहां वहां की बातों के बाद वो सवाल आ ही जाता है कि आपको बलि का बकरा बनाकर बुदनी भेजा गया है ऐसा समझा जा रहा है। शिवराज ने भी भोपाल में कहा है कि अरूण के साथ अत्याचार हो गया। अरूण यादव सौम्य नेता है थोडा रूककर संभलकर बोलते हैं ये मेरे लिये गर्व की बात है कि बुदनी से मुझे शिवराज सिंह को हराने की जिम्मेदारी दी गयी है। बुदनी की जनता बदलाव चाहती है इस बार। 

दृश्य तीन। भोपाल के कांग्रेस दफतर में दिग्विजय सिंह पत्रकारों से घिरे हुये हैं। अजय सिहं को मिले कमरे में जाते हैं और हंस कर कहते है बताओ दस साल का मुख्यमंत्री हूं मगर भोपाल में घर नहीं हैं, एक महीने के लिये सर्किट हाउस में जगह मिलेगी नहीं इसलिये किराये के मकान में रूका हूं और पीसीसी में भी अजय सिंह के कमरे में बैठ रहा हूं ऐसा पूर्व सीएम मिलेगा कहीं मगर आप पत्रकार लिख लो कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है इस बार। दिग्विजय के ठहाकों को रोकने के लिये सामने से सवाल उछलता है आपने अरूण यादव को बलि का बकरा बनाकर बुदनी भेज दिया। हंसते हंसते सवालों का जबाव देने वाले दिग्गीराजा गंभीर हो जाते हैं कहते है सुनिये जब 2003 के विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने शिवराज को मेरे खिलाफ राघौगढ से उतारा था तो मैंने भी कहा था कि उसे बलि का बकरा बना दिया, शिवराज चुनाव तो हार गया मगर उसका भाग्य इतना प्रबल था कि वो उसी विधानसभा में तीन साल बाद सीएम बना और तेरह साल से सीएम हैं इसलिये बलि का बकरा मत कहो हो सकता है कि अरूण का भाग्य भी जाग जाये और देखो राजनीति में कुछ भी हो सकता है सामने बैठे एक पत्रकार ने फिर तीर छोडा तो क्या आप कह रहे हैं कि अरूण यादव एमपी के सीएम बनेंगे। दिग्विजय संभले और कहा नहीं भाई कौन सीएम बनेगा कौन नहीं बनेगा ये नहीं कह रहा मगर सीएम के खिलाफ लडने वाले का भाग्य जागता है ये मैं कहने की कोशिश कर रहा हूं ये कहकर दिग्गी राजा फिर ठठाकर हंस पडे।

अब देखते हैं बुदनी में भाग्य किसका जोर मारता है,,,

 

आपकी प्रतिक्रिया