सैम पित्रोदा ने संभाल ली राहुल की रणनीतिक कमान 

Publsihed: 21.Sep.2017, 13:50

सैम पित्रोदा ने भारत में घर घर टेलीफोन पहुंचा दिया था | यों तो कम्प्यूटर पहले ही देश में आ चुका था | पर सैम पित्रोदा भारत में बड़े पैमाने पर कम्प्यूटर लेकर आए | इस लिए वही भारत में कम्प्यूटरीकरण के जनक माने जाते हैं | क्रेडिट भले ही राजीव गांधी को दिया जाता है | राजीव गांधी की जितनी भी सफलताएं थी , उस के पीछे पित्रोदा का दिमाग था | उन्हीं सैम पित्रोदा ने अब राहुल गांधी की कमान सम्भाल ली है | राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के वही सूत्रधार हैं | मिलिंद देवड़ा उन के सहायक की भूमिका में हैं | भारत का एक अंगरेजी न्यूज चैनल कांग्रेस का करीबी है | हालांकि मोदी सरकार आने के बाद वह चेनेल संकट में है | टेक्स चोरी और हवाला के मामलों में फंसा हुआ है | आयकर विभाग छापा मार चुका है | पर चेनल की कांग्रेस के प्रति वफादारी में कोई कमी नहीं आई | उस का एक नुमाईन्दा अमेरिका भेजा गया है | वह माईक ले कर राहुल गांधी के पीछे पीछे घूम रहे हैं | पर राहुल एक शब्द नहीं बोल रहे | जब कि राहुल के अमेरिका में दिए जा रहे भाषणों की भारत में खूब चर्चा हो रही है | भारत में उन के भाषणों को पढ़ कर लोग दांतों तले ऊंगली दबा रहे हैं | हालांकि अमेरिका में भी वह वंशवाद पर बयान देकर फंस गए थे | पर भारत में तो वह एक लाईन भी ऐसी नहीं बोलते , जो वोटर को प्रभावित करती हो | वैसे भारत का विजुअल मीडिया भी मेच्योर नहीं | वह बेमतलब की लाईन उठा कर किसी का भी बाजा बजा देता है | मतलब की बात गायब हो जाती है | पर बात भारत के मीडिया की नहीं | बात भारत के बाहर राहुल गांधी के मेच्योर भाषणों और सवाल जवाब की | जैसे बुधवार को राहुल ने प्रिंस्टन में तीन मुद्दे उठाए | वही तीन मुद्दे देश में चिंता का विषय है | जिस में मोदी सरकार कुछ नहीं कर रही | जनता इन तीनों मुद्दों पर बेहद खफा है | ये तीन मुद्दे हैं रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य | राहुल गांधी ने माना कि बढ़ती बेरोजगारी के कारण युवा कांग्रेस से खफा थे | इसलिए भारत में मोदी जीत गए | इसी वजह से ही ट्रम्प अमेरिका में जीते हैं | राहुल गांधी ने कहा है कि रोजगार के मुद्दे पर मोदी के वायदे हवा-हवाई साबित हुए हैं | बल्कि तीनों मुद्दों पर नरेंद्र मोदी की सरकार विफल हो गई है | रोजगार भारत में सबसे बड़ी चुनौती है | मोदी सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रही | रोजाना करीब 30,000 युवा जॉब मार्केट में आते हैं | पर मोदी सरकार की नीतियों के चलते सिर्फ 450 युवाओं को रोजगार मिल पा रहा है | उस की स्वरोजगार की सभी योजनाएं भी जमीन पर फेल हो गई हैं | राहुल बोले - मोदी सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर जरुरत के मुताबिक़ खर्च नहीं कर रही | राहुल गांधी ने मोदी के  "मेक इन इंडिया प्रोग्राम" की तारीफ़ की | पर साथ ही कहा कि मोदी का फोकस बड़े बिजनेस पर है | वह बड़ा सोचते है , राहुल गांधी ने कहा कांग्रेस सत्ता में आई तो "मेक इन इंडिया " का फोकस बदलेगा | प्रोग्राम को छोटे उद्योगों से जोड़ेंगे | पर अपन बात कर रहे थे राहुल गांधी के नए ट्यूटर सैम पित्रोदा की | सैम पित्रोदा कभी राजनीतिक बयान नहीं दिया करते थे | वह विकास की रणनीति बना कर देते थे | पर बुधवार को सैम अमेरिका में नए रूप में दिखे | वह राहुल के कंधे पर हाथ रख कर समझाते हैं | भारत का कोई बड़े से बड़ा कांग्रेसी भी ऐसी हिम्मत नहीं कर पाता |  वह राहुल के पिता के दोस्त थे | सैम राहुल के चाचा की तरह हैं | जैसे अमेठी में सतीश शर्मा राहुल के चालक की भूमिका में होते हैं | वैसे ही सैम उस समय राहुल के रणनीतिकार के रूप में दिखे | जब उन ने कांग्रेस के उस करीबी चेनल को अपना बाईट दे कर राहुल गांधी का पिंड छुडवाया | सैम की एक एक बात राहुल को नए रूप में पेश किए जाने का इशारा कर रहीं थी | उन ने बताया कि राहुल यहाँ लोगों से मिलना चाहते थे | मतलब साफ़ है कि मोदी ने अमेरिकियों , जापानियों , ब्रिटिशों से मिल कर अपनी छवि चमकाई है | तो अब राहुल गांधी की बारी है | सैम ने इन आरोपों की खिल्ली उडाई कि राहुल विदेशों में सरकार की आलोचना कर के देश की छवि खराब कर रहे हैं | राहुल के आलोचकों पर हमला करते हुए सैम ने कहा कि यह छोटे दिमाग की बात है | राजनीति के फॉरफ्रंट पर आने का इशारा करते हुए सैम ने कहा कि कांग्रेस की मौजूदा दशा बदलेंगे | उन्होंने दो-टूक कहा कि राहुल अब भारत में बदले हुए रूप में होंगे | वह कांग्रेस में अपने संवाद को बढ़ाएंगे | पर उन ने न तो राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर टिप्पणी की  | न ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीन्द्वार बनने पर | उन का जवाब पूरी तरह राजनीतिक था -"यह कांग्रेस पार्टी तय करेगी |" पर सैम के तेवरों से अपन पूरी तरह स्पष्ट हैं कि वह राहुल के रणनीतिकार के रूप में भारत लौट रहे हैं | 

 

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