रोहिंग्या मुसलमानों को वोट बैंक बनाने की साजिश  

Publsihed: 18.Sep.2017, 20:47

रोहिंग्या को बसाने का कलंक नहीं लेंगे मोदी | यह अपन ने 15 सितम्बर को लिखा था | हूँ-ब-हूँ वही होता दिख रहा है | अपन ने तब उस हल्फिया बयान का जिक्र किया था | जो रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होना था | चौदह सितम्बर को हल्फिया बयान दाखिल नहीं हो पाया था | सोमवार को दाखिल किया , तो उम्मींद के मुताबिक़ ही था | अलबत्ता जो अपन ने उस दिन लिखा था उस से भी कड़े तेवरों वाला हल्फिया बयान | जो भी इन रोहिंग्या मुसलमानों की अमानवीय हरकतों को पढ़ चुका है | वह कभी इन अमानवीय लोगों के मानवाधिकारों की पैरवी नहीं करेगा | म्यांमार में बोद्धों ने बहुत सब्र किया | अब बौद्ध भिक्षु विराथु ने रोहिंग्या मुसलमानो के सामूहिक क्रूर अत्याचार के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है | उन्होंने अपने उपदेश में कहा कि  शांति के लिए आप पागल कुत्ते के साथ नहीं सो सकते | उसके बाद से ही म्यांमार से रोहिंग्या समूह को खदेड़ा जाने लगा है | रोहिंग्या मुसलमानों की प्रवृति बेहद खूंखार और मानवीय सभ्यताओं को तार-तार कर देने वाली है | बर्मा में बौद्ध बच्चियों से बलात्कारों के दोषी हैं ये | बच्चों से बलात्कार के बाद वीभत्स हत्या के दोषी हैं ये | बच्चों की हत्या के बाद उनकी अंतड़ियां निकालने की खबर सारा विश्व जानता है | इसी लिए तो बांग्लादेश मुस्लिम देश होने के बावजूद उन्हें पनाह देने को तैयार नहीं | सऊदी अरब और पाकिस्तान ने अपने यहाँ घुसने से मना कर दिया है |  पर केंद्र सरकार, भाजपा और मोदी विरोधियों ने नया मुद्दा पकड़ लिया है | वे रोहिंग्या मुसलमानों को अपना नया वोट बैंक बनाना चाहते हैं | रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में बसाने के लिए मानवाधिकार और सुप्रीमकोर्ट को उकसा रहे हैं | देश भर के मुसलमान रोहिंग्या मुसलमानों के पक्ष में आ कर खड़े हो गए हैं | सभी मुस्लिम वकील सरकार के खिलाफ कोर्ट में खड़े हैं | भारत राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता की धज्जियां उड़ गई हैं | हर राजनीतिक दल का मुस्लिम रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में बसाना चाहता है | भारतीय जनता पार्टी ने जीवीएल नरसिम्हा राव ने खुल कर कहा --" माकपा के फवाद अली , मुस्लिम मजलिस के ओवेसी , कांग्रेस के रशीद अल्वी मुस्लिम पहले हैं , भारतीय बाद में |" देश धार्मिक आधार पर दो हिस्सों में बंट गया है | असम में बांग्लादेशियों की घुसपैठ के बाद की सब से बड़ी समस्या खडी हो गई है | दो राज्य ख़ास तौर पर निशाने पर हैं | जिस से साजिश की बू आती है | पहला राज्य बंगाल है और दूसरा जम्मू कश्मीर का जम्मू हिस्सा | असम में बांग्लादेशी वोट बैंक बन चुके हैं | अब रोहिंग्या को बसा कर बंगाल को मुस्लिम बहुल बनाने की साजिश है | बंगाल और जम्मू कश्मीर की सरकारें भी रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने की साजिश में शामिल हैं | कश्मीर से कश्मीरी पंडित निकाले जा चुके हैं | कश्मीर अब सौ फीसदी मुस्लिम क्षेत्र है | जम्मू में हिन्दू बहुमत में हैं | इस लिए भाजपा विधानसभा करीब करीब सारी सीटें जीत गईं | हैरानी है कि कहाँ म्यांमार और कहाँ जम्मू | फिर भी म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान जम्मू पहुँच रहे हैं | जम्मू कश्मीर में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश है | पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन आईएस इस साजिश में शामिल हैं | मकसद बंगाल और जम्मू में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की तैयारी करना है | हालांकि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी तो रोहिंग्या मुसलमानों के मुकाबले म्यांमार का समर्थन कर रहा है | पर चीन समर्थक माकपा क्योंकि भाजपा और मोदी के खिलाफ हैं | इसलिए म्यांमार की समस्या बने रोहिंग्या मुसलमानों की समर्थक हैं | मोदी सरकार ने स्पष्ट स्टैंड ले लिया है | सुप्रीमकोर्ट को भी दो-टूक कह दिया कि वह नीतिगत फैसलों में दखल न दे | हल्फिया बयान में सुप्रीमकोर्ट के पुराने फैसलों का जिक्र है | जिन में कहा गया था कि घुसपैठियों को मानवाधिकार के नाम पर स्थाई रूप से बसने का हक़ नहीं | सरकार ने कहा है कि रोहिंग्या मुस्लिम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है | रोहिंग्या भारत में रहने वाले बौद्धों के खिलाफ हिंसा कर सकते हैं | घुसपैठ के बाद कुछ रोहिंग्या देशविरोधी और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं | जैसे हुंडी, हवाला चैनल के जरिये पैसों का लेनदेन कर रहे हैं | रोहिंग्याओं के फर्जी भारतीय पहचान संबंधी दस्तावेज़ बनाने भी शुरू हो गए | सोमवार को हैदराबाद में पकडे गए एक रोहिंग्या मुस्लिम से बंगाल का पहचान पत्र मिला | सरकार ने कोर्ट में कहा कि कई रोहिंग्या ने पैन कार्ड और वोटर कार्ड हासिल कर लिया है | आतंकवादी पृष्ठभूमि वाले रोहिंग्याओं की जम्मू, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में पहचान की गई है | सरकार ने 2012 और 2013 की सुरक्षा एजेंसी की रिपोर्ट भी सील कवर में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है | इस मामले पर अब 3 अक्टूबर को सुनवाई होगी | अपना मानना है कोर्ट को प्रशांत भूषण की पीआईएल लेनी ही नहीं चाहिए थी | विदेशियों की घुसपैठ पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन है ही नहीं | सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा कर दखल दे रहे हैं | ये दोनों संस्थाएं भारतीय नागरिकों को इन्साफ देने के लिए बनीं हैं | विदेशी नागरिकों के मामले में दखल देने के लिए नहीं | घुसपैठियों की तरफदारी के लिए तो बिलकुल नहीं बनीं | 

 

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