मोदी की चुप्पी के हैं कूटनीतिक मतलब 

Publsihed: 08.Jul.2017, 00:28

कई बार लगता है राहुल गांधी अपन से भी सलाह ले लिया करें | कम से कम राहुल के मौजूदा सलाहाकारों से बेहतर साबित होऊंगा | अब राष्ट्रपति का उम्मीन्दवार तय करने के वक्त वह ईटली क्यों गए | मध्यप्रदेश के किसान आन्दोलन को बीच में छोड़ कर ईटली चले गए | लौटे तो ट्विटर पर पूछ रहे हैं कि मोदी चीन पर क्यों नहीं बोलते | राष्ट्रीय स्तर के किसी नेता की राजनीतिक समझ इतनी कम हो सकती है क्या | तीसरी बार एमपी बने किसी राष्ट्रीय नेता की कूटनीति समझ इतनी कम हो सकती है क्या | कांग्रेस के नेता उन्हें सोनिया गांधी का विकल्प समझ रहे हैं | राहुल गांधी खुद कांग्रेस जैसी महान पार्टी का अध्यक्ष बनने की तैयारी में नहीं हैं | अगर वह पार्टी अध्यक्ष बनाने में गंभीर होते | कांग्रेस की महान परम्पराओं को समझते और अपनाते | अपन राहुल गाधी को सलाह देने के काबिल होते | तो ऊपर बताई दो गलतियां नहीं करने देते | अपन ने शुक्रवार छपे कालम में चीन के मुद्दे पर कांग्रेस की नियत पर सवाल उठाया था | अपन ने लिखा था -" भारत के दो प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और कम्युनिष्ट सिक्किम के बार्डर पर बढे तनाव से खुश हैं | खुशी की वजह है, मोदी के घिर जाने का अंदाजा | " राहुल गांधी ने शुक्रवार के ट्विटर में अपनी बात की पुष्टि कर दी | जब सीमा पर तनाव हो तो गंभीर  राष्ट्रभक्त पार्टियां अपनी सरकार पर सवाल नहीं उठाया करती | कम्युनिष्टों की बात अलग है | उन की राष्ट्रभक्ति 1962 में भी भारत के साथ नहीं थी | वे चीन के मुद्दे पर भारत पर सवाल उठाएं ,तो किसी को हैरानी नहीं होगी | प्रधानमंत्री मोदी इस वक्त विदेश दौरे पर हैं | विदेश के दौरे पर भी वह उस वक्त चीन के राष्ट्रपति के सामने खड़े थे , जब राहुल गांधी ने ट्विट किया | चीन ने अपने सिक्किम के मुख्यमंत्री के बयान का इस्तेमाल किया | अब चीन राहुल गांधी के बयान का दुरूपयोग करेगा | भारत के किसी नेता को खुद को विदेशी ताकतों का टूल नहीं बनाने देना चाहिए | खैर अपन मतलब की बात पर आएं | तिराहे पर भारत-भूटान की सेनाओं का चीन के सामने खडा होने के कई अन्तर्राष्ट्रीय मतलब हैं | इस लिए चुप्पी साध कर कूटनीतिक चालें चलने वाले चीन की जुबान बंद नहीं हो रही | कोई दिन नहीं जाता, जब चीन की बेचैनी जाहिर न होती हो | जेटली के एक बयान ने चीन को बेचैन कर रखा है | मोदी की चुप्पी ही काफी है | कूटनीति में चुप्पी के ज्यादा गंभीर मतलब होते हैं | नरसिंह राव तो कहा करते थे कि चुप्पी से राजनीति में भी मतलब होते हैं | मोदी अभी बोले नहीं हैं | और सीमा पर तनाव के मुद्दे पर बोलना भी नहीं चाहिए | राहुल गांधी के ट्विट के बाद तो बिलकुल नहीं बोलना चाहिए | मोदी की चुप्पी का ही असर है , भले ही चीन ने सीमा पर टैंक तैनात कर दिए हों | पर हैम्बर्ग में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मोदी की तारीफ़ में कसीदे पढ़े | जर्मनी के हैम्बर्ग में जी-20 का सम्मेलन हो रहा है | जहां मोदी और शी चिनफिंग दोनों मौजूद हैं | जी-20 में - ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका मौजूद हैं | तो लगते हाथों ब्रिक्स देशों की की अनौपचारिक बैठक भी हो गई | बैठक से पहले चीन और भारत के अफसरों के चेहरे पर तनाव था | जब मोदी और शी चिनफिंग आमने-सामने आए , दोनों  के चेहरों पर मुस्कान थी | इसे कहते हैं कूटनीति | चेहरों से कोई कुछ नहीं पढ़ सकता | चुप्पी से बहुत कुछ पढ़ सकते हैं | दोनों नेताओं ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और अभिवादन किया | शी चिनफिंग ने अपने समापन भाषण में आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत संकल्प की तारीफ़ की | मोदी के 2016 में गोवा में करवाए ब्रिक्स सम्मेलन को मील का पत्थर बताया | भारत के आर्थिक-सामाजिक विकास की तारीफ़ है की और ज़्यादा कामयाबी के लिए शुभकामनाएं दीं | तो नरेंद्र मोदी ने भी चिनफिंग की अध्यक्षता में ब्रिक्स में आई तेजी की सराहना की | तारीफ़ वाली कूटनीति से इतर मतलब की बात पर आएं | अपन ने ऊपर लिखा था -" तिराहे पर भारत-भूटान की सेनाओं का चीन के सामने खडा होने के कई अन्तर्राष्ट्रीय मतलब हैं | इस लिए चुप्पी साध कर कूटनीतिक चालें चलने वाले चीन की जुबान बंद नहीं हो रही |" तो ज्यादा बोलने वाले मोदी चुप्पी की कूटनीति कर रहे हैं | पर सिक्किम सीमा पर तनाव का अन्तर्राष्ट्रीय मतलब है नई गुटबंदी | जिसमें एक तरफ अमेरिका,भारत और इजराईल खुल्लम-खुल्ला हैं, तो दूसरी तरफ चीन और पाकिस्तान है | आने वाले दिनों में दोनों खेमों में नए देश जुटेंगे | शुक्रवार को चीन ने सिक्किम सीमा के करीब  टैंक पहुंचने की खबर फैलाई | तो शुक्रवार को ही अमेरिकी वायुसेना के दो बमवर्षक दक्षिणी चीन सागर के ऊपर उड़े | चीन इस इलाके को भी अपना कहता है | जैसे तिब्बत को हड़पा और भूटान को धमका रहा है | अमेरिका वायुसेना ने इस क्षेत्र पर बमवर्षक उड़ा कर चीन के दावे को खारिज किया | चीन इसी लिए हडबडाया हुआ है | 

 

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