मोसुल। कश्मीर में आईएस के झंडे बैनर उठाने वाले मुसलमानों को शायद अब पता चले कि वे कितना बड़ी गलती कर रहे हैं, क्योंकि जिस आईएस को वे अपना रहनुमा मां रहे हैं उस आईएस ने बीती रात मोसुल की प्रसिद्ध झुकी हुई मीनार और उससे जुड़ी मस्जिद को विस्फोट कर उड़ा दिया है।
इसी मस्जिद में आईएसआईएस चीफ अबू बकर अल बगदादी 2014 में पहली बार लोगों के सामने पेश हुआ था।
आईएस के एक शीर्ष कमांडर अब्दुलमीर याराल्लाह ने पुष्टि की
आईएस के एक शीर्ष कमांडर अब्दुलमीर याराल्लाह ने एक बयान में कहा, हमारे जिहादी पुराने शहर में अंदर तक उनके ठिकानों की ओर बढ़ रही है और जब वे नूरी मस्जिद के 50 मीटर के दायरे में घुस गए तो आईएस ने नूरी मस्जिद और हदबा को उड़ा कर एक और ऐतिहासिक अपराध किया। इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने कहा कि आईएसआईएस का यह कारनामा उसकी हार को दर्शाता है। इसमें मस्जिद की मीनार पूरी तरह नष्ट हो गई है। इराक के सैन्य कमांडरों का कहना है कि सुरक्षा बलों से घिरने के बाद आतंकियों ने मस्जिद को उड़ा दिया। मोसुल आईएसआईएस का गढ़ है, जहां पर आतंकी संगठन और सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला है।
इराकी शहर मोसुल में पिछले चार दिनों भयंकर लड़ाई छिड़ी हुई है
बता दें कि इराकी शहर मोसुल में पिछले चार दिनों भयंकर लड़ाई छिड़ी हुई है। 19 जून को इराकी अधिकारियों ने मोसुल को पूरी तरह अपने कब्जे में लेने के लिए हमले की शुरआत करने के बाद पर्चा गिराकर आम लोगों को दूर में रहने की सलाह दी है और जिहादियों को आत्मसमर्पण करने या मरने की चेतावनी दी है।
संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि आईएस ने संभवतः वहाँ एक लाख लोगों को रोका हुआ है जिन्हें वो मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इस्लामिक स्टेट ने जून 2014 में मूसल पर कब्ज़ा किया था। इसके एक महीने बाद जुमे को इस्लामिक स्टेट के नेता बग़दादी पहली बार अल नूरा मस्जिद से नज़र आए।
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