अगस्ता-वेस्टलैंड सौदे का मामला धीरे-धीरे अब बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. इस सौदे के मुख्य बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल की डायरी से खुलासा हुआ है कि सौदे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारत के किसी रसूखदार राजनीतिक परिवार को घूस के तौर पर 115 करोड़ रुपए दिए गए. ये बात सामने आने के बाद केंद्र सरकार में मंत्री अनंत कुमार ने सीधे तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने मांग की है कि कांग्रेस अध्यक्ष को इस मुद्दे पर सदन में सफाई देनी चाहिए.
अनंत कुमार का कहना है कि मुख्य विपक्षी पार्टी के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है इसीलिेए वह सदन नहीं चलने देना चाहती है. राहुल गांधी को निशाने पर साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने सदन चलने के पीछे उनको मास्टर माइंड तक कह डाला.वहीं इस मुद्दे पर सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि इटली की अदालत में हुई सुनवाई में कई लोगों के नाम आ चुके हैं. यह काफी गंभीर मसला है.
गौरतलब है कि इस मामले की जांच कर रही एजेंसियों के हाथ क्रिश्चियन मिशेल के कुछ दस्तावेज और ई-मेल लग गए हैं. मिशेल को कंपनी ने दलाल के रूप में चुना था और उसी के पास यह पूरा सौदा करने की जिम्मेदारी थी.
डायरी से क्या पता चला
1- अगस्ता की मूल कंपनी फिनमैकेनिका ने 5.2 करोड़ यूरो करीब 373 करोड़ रुपये घूस देने के लिए रखे थे ताकि भारत के साथ इस सौदे को फिट किया जा सके.
2- मिशेल की डायरी में किसी परिवार का जिक्र है. जिसके बारे में लिखा गया है कि 'परिवार' चाहता है कि उसके समझौते का सम्मान हो.
3- डायरी में किसी 'एपी' का जिक्र है जिसे बीजेपी अहमद पटेल से जोड़ रही है. हालांकि इस बारे में जांच एजेंसिया अभी तक कुछ भी नहीं कह रही हैं कि एपी का क्या मतलब है.
4- डायरी में खुलासा हुआ है कि 84 लाख यूरो की राशि रक्षा मंत्रालय के 5 सीनियर अधिकारियों को घूस के तौर पर दी गई थी.
एजेंसियों के हाथ अब तक क्या लगा
1- माना जा रहा है कि जांच एजेंसियों ने उन कंपनियों की पहचान कर ली है जिनके जरिए दलाली की रकम दी गई थी.
2- 86 करोड़ रुपए दुबई, सिंगापुर और मॉरिशस की कंपनियों जरिए आए थे. ईडी ने इन कंपनियों के भारत स्थिति कार्यालयों पर छापा भी मारा है.
3- मिशेल 12 मिलियन यूरो खुद के लिए रख लिया था.
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