मणिपुर में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों ने सरकार बनाने का दावा है। दोनों पार्टियों ने अपने पास एनपीपी का समर्थन होने की बात कही है। कांग्रेस ने राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह को नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के समर्थन वाला पत्र भी सौंपा, लेकिन उन्होंने उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। वहीं एनपीपी ने दावा किया है कि कांग्रेस ने हमारे समर्थन वाला जो पत्र राज्यपाल को सौंपा है, वह फर्जी है। एनपीपी नेता कॉनार्ड संगमा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘कांग्रेस ने हमारे समर्थन के दावे वाला जो पत्र राज्यपाल को सौंपा है, वह फर्जी है। हमें इसकी जानकारी नहीं है। इस पर हस्ताक्षर हमारे अध्यक्ष का नहीं है। इसके साथ ही यह पत्र हमारी पार्टी के ऑफिशियल लेटर हेड पर नहीं था।’
इसके साथ ही संगमा ने बताया, ‘हमारा मत स्पष्ट है कि हम लोग भाजपा नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करेंगे। हमने हमारे विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र दे दिया है।’ वहीं मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि मुझे अभी तक सीएम इबोबी सिंह का इस्तीफा नहीं मिला है। इसके साथ ही उन्होंने बताया, ‘मेरे पास भाजपा अध्यक्ष का पत्र है। उन्होंने विधायकों की परेड़ करवाई थी, जो टीवी दिखाया गई थी। भाजपा के पास 32 विधायकों का समर्थन है।’
साथ ही राज्यपाल ने कहा, ‘कांग्रेस के नेता भी एनपीपी के समर्थन का दावा करके मेरे पास पाए थे। उन्होंने एक पत्र मुझे सौंपा था, जिस पर एनपीपी के सेक्रेट्री और अध्यक्ष के हस्ताक्षर थे। लेकिन मैंने कहा कि आप एनपीपी के समर्थन का पत्र नहीं ला सकते। क्योंकि एनपीपी के अध्यक्ष ने एक घंटे पहले 4 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा है। मैंने सीएम को इस्तीफा देने के लिए। उसके बाद उन्होंने कुछ नहीं कहा और वहां से चले गए।’
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