उत्तराखंड में भाजपा ने कांग्रेस के सभी 10 विधायकों को टिकट न दिया होता, तो भाजपा इस बार विधानसभा चुनावों में ४२ से ज्यादा सीटें जीतती | मार्च 2016 में कांग्रेस से बगावत करने वाले 9 विधायकों के बाद रेखा आर्य और आख़िरी दिन मंत्री पद से इस्तीफा दे कर भाजपा में शामिल होने वाले यश पाल आर्य तो खुद की टिकट के साथ अपने बेटे की टिकट भी ले गए | इस के अलावा दो अन्य कांग्रेसी भी भाजपा में शामिल हो कर टिकट पाने में सफल रहे | नतीजा यह निकला कि कम से कम छह स्थानों पर भाजपा के मजबूत नेता बागी हो कर चुनाव मैदान में कूद गए , जिस का खामियाजा भाजपा को भुगतना पडा है | इस के बावजूद भाजपा अभी भी 34 से 38 सीटें जीत कर सरकार बनाने की स्थिति में है |
हमारा आकलन है कि भाजपा निम्न सीटें जीत रही है :
गढ़वाल की पक्की सीटें-21 (15-2012)
पुरोला- माल चद, यमुनोत्री - केदार रावत , गंगोत्री - गोपाल रावत , थराली -मदन लाल शाह, कर्ण प्रयाग -सुरेन्द्र नेगी, रुद्रप्रयाग -भरत चौधरी , घनसाली-शांतिलाल शाह ,नरेंद्र नगर -सुबोध उन्नियाल ,प्रताप नगर-विजय सिंह पंवार, चकरौता- मधु चौहान , धर्मपुर- चमौली ,रायपुर - रमेश काऊ , देहरादून कैंट -हरबंस कपूर , मसूरी-गणेश जोशी , हरिद्वार-मदन कौशिक , रुढकी- प्रदीप बत्रा , खानपुर-चैम्पियन ,यमकेश्वर-ऋतू खंडूरी, श्रीनगर-धन सिंह रावत ,चौबटाखाल-सतपाल महाराज , कोटद्वार-हरक सिंह रावत |
कड़ी टक्कर वाली सीटें -गढ़वाल
देव प्रयाग-विनोद कंडारी , धनौलटी -नारायण सिंह राणा , लैंस डाऊन- दिलीप सिंह रावत , विकास नगर-मुन्ना सिंह चौहान, सहसपुर-सहदेव पुंडीर, राजपुर रोड -खजान दास , डोईवाला -त्रिवेंद्र रावत , रार्नीपुर-आदेश चौहान , भगवान् पुर-सुबोध राकेश, |
कुमाऊ की पक्की सीटें -13 (16-2012)
डीडीहाट- बिशन सिंह चौफाल, पिथौरागढ़ - प्रकाश पन्त , कपकोट -बलवंत सिंह मोरियाल ,बागेश्वर-चन्दन राम दास, सलट- सुरेन्द्र जीना , सोमेश्वर-रेखा आर्य , लोहाघाट-पूर्ण सिंह फर्त्याल, लालकुआ -नवीन दुमका ,भीमताल-गोविन्द सिंह बिष्ट , कालादूंगी- बंशीधर भगत , काशीपुर-हरभजन सिंह चीमा , बाजपुर-यशपाल आर्य , गदरपुर- अरविन्द पांडे |
कड़ी टक्कर वाली सीटें-कुमाऊँ
रानीखेत-अजय भट्ट , अल्मोड़ा- रघुनाथ सिंह चौहान , चम्पावत- कैलाश गहतौडी, नैनीताल-संजीव आर्य , राम नगर-दीवान सिंह बिष्ट , जसपुर-शैलेन्द्र मोहन , रुद्रपुर-राज कुमार ठुकराल, खटीमा-पुष्कर धामी |
आपकी प्रतिक्रिया