अपनी शपथ ग्रहण के तुरंत बाद 5 जून 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्यूरोक्रेट्स के साथ मीटिंग कर के उन्हें फ्री हेंड दिया था | उस पर 22 जून 2014 को दैनिक हिन्दुस्तान में मेरा एक लेख छपा था | नरेंद्र मोदी के शासन के आख़िरी साल आज वह लेख और ज्यादा सार्थक हो गया है, क्योंकि मोदी शासन में यह छवि बनी है कि ब्यूरोक्रेसी ने राज किया | मैं अपना वह असम्पादित लेख अपने पाठकों के समक्ष रख रहा हूँ, जबकि हिन्दुस्तान में छोटा करने के चक्कर में सम्पादित लेख छपा था |