सेक्यूलर देश में मुस्लिम स्टेट की अवधारणा

Publsihed: 12.Aug.2019, 14:32

इंडिया गेट से अजय सेतिया / कांग्रेस के सुधरने की कोई सम्भावना नहीं | वह सुधरना भी नहीं चाहती , अपन सोनिया गांधी को फिर से कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने पर यह नहीं लिख रहे | अलबत्ता पी.

साम्प्रदायिकता बढाने वाले 370 का जाना

Publsihed: 11.Aug.2019, 12:25

अजय सेतिया / मोदी सरकार के 370 हटाने के फैसले का विरोध करने वाला कोई भी राजनीतिक दल यह नहीं बता पा रहा है कि 370 क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए था | जो लोग पहले जन संघ और बाद में भाजपा की 370 हटाने की मांग को साम्प्रदायिक बता कर विरोध करते थे , उन का तर्क हुआ था कि यह मुस्लिम बहुल राज्य को दिए गए विशेषाधिकार का उलंघन होगा , इस लिए यह फैसला साम्प्रदायिक होगा | हालांकि मोदी सरकार का यह फैसला साम्प्रदायिकता पर चोट करने वाला और सेक्यूलरिज्म को बढावा देने वाला है , लेकिन विडम्बना यह है कि साम्प्रदायिकता का विरोध करने वाले सेक्यूलरिज्म के झंडाबरदार 370 हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं |

एबीवीपी के माध्यम से संघ की सरकार

Publsihed: 10.Aug.2019, 16:17

इंडिया गेट से अजय सेतिया / अमित शाह और ओम बिडला ने यह धारणा तोड़ दी है कि सरकार चलाने के लिए अनुभव होना जरूरी होता है | दोनों ने 68 साल के संसदीय इतिहास के रिकार्ड तोड़े हैं | अमित शाह ने सिर्फ दो हफ्तों में राज्यसभा का नक्शा बदल कर रख दिया, जहां अल्पमत में होने के कारण नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली पांच साल तक परेशान रहे थे | उन का संसदीय जीवन सिर्फ दो साल का है , पार्टी अध्यक्ष बनने के तीन साल बाद 2017 में ही वह राज्यसभा में आए थे | उन्होंने अपनी चाणक्य नीति से 1952 से लागू संविधान के विवादास्पद अनुच्छेद को एक झटके में हटा दिया , तो ओम बिडला ने भी लोकसभा के कुशल संचालन से 1952 की पहली लोक

अमित शाह होने का मतलब

Publsihed: 05.Aug.2019, 17:03

अजय सेतिया / मोदी सरकार की कमान अब अमित शाह के हाथ में आ चुकी है | आप ने देखा होगा कि नई सरकार गठित होने के बाद जब से संसद का पहला सत्र शुरू हुआ है , नरेंद्र मोदी परिदृश्य में कहीं दिखाई नहीं देते | पिछली मोदी सरकार लाख कोशिश कर के भी राज्यसभा में विपक्ष का किला भेद नहीं पाई थी | मोदी के रणनीतिकार अमित शाह के सरकार में शामिल होते ही परिस्थियां बदल गई | अब मोदी निश्चिन्त हैं क्योंकि भाजपा का एजेंडा लागू करने का मोर्चा अमित शाह ने सम्भाल लिया है | अमित शाह के सरकार की बागडोर सम्भालने का संकेत उसी दिन मिल गया था , जब उन्होंने भरी लोकसभा में जवाहर लाल नेहरु की धज्जियां उडाई थी | 

इस तरह एक झटके में खत्म हुआ 370

Publsihed: 05.Aug.2019, 14:02

मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए एक ही झटके में कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के विवादास्पद अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया | आज संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले मोदी मंत्रिमंडल ने एक ख़ास बैठक में 370 खत्म करने का प्रस्ताव पास कर के राष्ट्रपति को भेजा दिया था ,जिस में 1954 में लागू किया गया विशेष प्रावधान ( 35 ए ) भी खत्म करने की बात कही गई थी | गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा की कार्यवाही उ होते ही कश्मीर से जुड़े तीन प्रस्ताव सदन में रखे | हक्का बक्का विपक्ष बिखर गया और देखते ही देखते बहुजन समाज पार्टी , वाईएसआर कांग्रेस , अन्ना द्रमुक , बीजू जनतादल ने सरकार के समर

क्या मोदी 9 अगस्त को कश्मीर दिवस बना देंगे

Publsihed: 03.Aug.2019, 12:14

इंडियागेट से अजय सेतिया / कश्मीर के इतिहास में 9 अगस्त का दिन महत्वपूर्ण हो सकता है | अपन को इस के कुछ संकेत मिल रहे हैं | 1942 में इसी दिन मुम्बई के मेयर यूसुफ मेहराली ने मुम्बई के कांग्रेस अधिवेशन में अंग्रेजों " भारत छोडो " का नारा बुलंद किया था | समाजवादी चिंतक हुकुमदेव यादव बताते हैं कि जब डाक्टर लोहिया ज़िंदा थे , तो समाजवादी पार्टी 9 अगस्त को जगह जगह सभाएं करती थी , जिन में अनुच्छेद 370 खत्म करने की मांग की जाती थी |

राज्यपाल के प्रेम पत्रों की कीमत क्या है ?

Publsihed: 19.Jul.2019, 20:30

सवाल यह है कि क्या राज्यपाल ने अपरिपक्वता दिखाई ? जब सदन में विशवास मत रखा जा चुका था , क्या उन्हें मुख्यमंत्री के लिए विशवास मत लेने की समय सीमा रखनी चाहिए थी ? जब स्पीकर ने 15 विधायकों का इस्तीफा मंजूर नहीं किया था तो राज्यपाल कैसे कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री ने बहुमत खो दिया है ? खासकर तब जब सुप्रीमकोर्ट ने भी स्पीकर के मामले में दखल से इनकार कर दिया था | क्या राज्यपाल के प्रेम पत्रों की इसी लिए मुख्यमंत्री और स्पीकर ने धज्जियां उडाई , क्योंकि राज्यपाल कानूनी तौर  कहीं  ठीक नहीं लगते | 

राज्यपाल की घोड़ा चाल में फंसे कुमार स्वामी

Publsihed: 18.Jul.2019, 23:10

नई दिल्ली ( अजय सेतिया ) कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने आज विधानसभा कार्यवाही कल तक स्थगित कर के एच.डी कुमार स्वामी की सरकार को जीवनदान दे दिया था | पर राज्यपाल वजूभाईवाला ने रात 9 बजे बाजी पलट दी | उन ने एच.डी.कुमार स्वामी को चिठ्ठी लिख कर कहा कि वह सदन का विशवास खो चुके हैं , इस लिए शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक अपना बहुमत साबित करें | अब स्पीकर और कुमार स्वामी की मक्कारी ज्यादा नहीं चल सकती | कुमार स्वामी ज्यादा वक्त देने के लिए भी नहीं कह सकते , क्योंकि आज खुद तो विश्वासमत रखा था |