बाटला हाउस मुठभेड़ का भगोड़ा आई एस आई एस का आतंकी बना

Publsihed: 23.May.2016, 22:23

बाटला हाउस की  मुठभेड़ फिर सुर्ख़ियो मे आने वाली है। इशरत जहां मुठभेड़ को कैसे फर्जी मुठभेड़ बताया गया था। अब उसका भी भंडाफोड़ हो चुका है। साध्वी ऋतंभरा को कैसे फंसाया गया था । उसका भी खुलासा हो चुका है । कांग्रेस राज मे आतकवाद को कैसे बढ़ावा दिया गया । धीरे धीरे भडा फूट रहा है । कांग्रेस ने उस समय बाटला हाउस मुठभेड़ को भी फर्जी कहा था। अब आई एस आई एस का एक वीडियो सामने आया है। जिसमे बाटला हाउस मुठभेड़ के दोरान बच कर भाग निकला एक आतंकी दिखाई दे रहा है। उस मुठभेड़ मे दो आतंकी भाग निक

विकल्प मे नितीश पर भरी पड़ेगी जयललिता

Publsihed: 23.May.2016, 12:52

सारे रिकार्ड तोड़ते हुये जयललिता ने तमिलनाडू मे लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ ले ली। मद्रास विश्वविध्याल्य मे हुया शपथ ग्रहण क्लासरूम जैसा ही था। शपथ ग्रहण करने वाले मंत्री पुराने  जमाने की गुरु शिष्य परंपरा की तरह जयललिता की चरण वंदना करते दिखाई दिये । केन्द्रीय राजनीति मे ऐसी चरण वंदना कभी इन्दिरा गांधी की भी नहीं हुयी। जयललिता की तरह ममता और नितीश कुमार भी लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। लेकिन जहां  तक नरेंदर मोदी के विकल्प का सवाल है जयललिता उन दोनों पर भारी पड़ सकती हैं। पहले भी 1996 मे एक  समय आया था जब जयललिता केन्द्रीय राजनीति मे सक्

संवैधानिक ब्रेकडाउन और राजनीतिक अनाडीपन

Publsihed: 10.May.2016, 09:30

उत्तराखंड विधानसभा का नतीजा उम्मीद के मुताबिक ही है. स्पीकर ने भाजपा के विधायक भीम लाल आर्य को बर्खास्त नहीं कर के भाजपा का एक वोट हरीश रावत के लिए सुरक्षित कर लिया था. इस लिए भाजपा 28 से 27 हो गई, लेकिन कांग्रेस की रेखा आर्य ने भाजपा के साथ वोट कर के भाजपा के वोट फिर 28 कर दिए. बाकी 62 में से 34 वोट हरीश रावत के पक्ष में गए.....यानि स्पीकर ने 9 कांग्रेसी विधायकों को निलंबित न किया होता तो हरीश रावत के पक्ष में 34 और उन के विपक्ष में 37 विधायक होते.

अटार्नी जनरल संवैधानिक ब्रेकडाउन समझाने में फेल

Publsihed: 06.May.2016, 09:30

नैनीताल हाईकोर्ट ने जब उत्तराखंड में राष्ट्रपति राज की अधिसूचना रद्द करते हुए विधानसभा और सरकार को बहाल कर दिया था तो सुब्रह्मणयम स्वामी ने कहा था कि अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी को इस्तीफा देना चाहिए. अब सुप्रीम कोर्ट भी उसी दिशा में आगे बढ रहा है तो अटार्नी जनरल की योग्यता पर सवाल खडा होता है. उत्तराखंड विधानसभा को केंद्रीय मंत्रीमंडल ने संवैधानिक ब्रेकडाउन का मुद्दा बना कर निलंबित और सरकार को बर्खास्त किया था. अटार्नी जनरल दोनो अदालतों में सरकार का यह पक्ष तर्कपूर्ण ढंग से नहीं रख पाए.

क्या सुप्रीमकोर्ट में संवैधानिक ब्रेकडाऊन आधार बनेगा

Publsihed: 22.Apr.2016, 09:30

सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमे उत्तराखंड के राष्ट्रपति राज की अधिसूचना को रद्द कर के 29 अप्रैल को विधानसभा में बहुमत का फैसला करने के आदेश जारी किए थे.स्टे अंतरिम है , उस पर आगे सुनवाई 27 अप्रेल को होगी. अब 9 विधायकों ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है कि जब तक उन की सदस्यता का फैसला नहीं होता उन्हे 29 अप्रेल को वोट का अधिकार दिया जाए. हाई कोर्ट ने कह दिया था कि मतविभाजन के समय विधानसभा में विधायकों की स्थिति वह रहेगी, जो 27 मार्च को थी.

हाई कोर्ट की बेजा टिप्पणियां

Publsihed: 20.Apr.2016, 09:30

जैसी कि उमींद थी नैनीताल हाइ कोर्ट की टिप्पणियाँ मर्यादाहीन हो गयी हैं। हाइ कोर्ट को राष्ट्रपति राज पर फैसला करने का हक़ है । इसलिए तो राष्ट्रपति राज को हाइ कोर्ट मे चुनोती दी गयी है। पहले भी हाइ कोर्ट राष्ट्रपति राज पर फैसले करती आई हैं। पर किसी हाइ कोर्ट को राष्ट्रपति के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी करने कि न हिम्मत हुयी, न जरूरत थी। यह कहना कि राष्ट्रपति राजा नहीं है, बहुद ही बेहूदा टिप्पणी है। जज को यह भी नहीं पता कि उसे बहुमत का नहीं सरकार की संवैधानिकता पर फैसला करना है ,क्योंकि सदन मे विनियोग बिल पास नहीं हुया था। लेकिन वह लगातार गलत टिप्पणियाँ कर रहे हैं। जैसे कल उन्होने कह दिया कि भरष्टा

बाटला हाऊस से सेंट डेनिस तक

Publsihed: 22.Nov.2015, 10:30

अमर उजाला, 22 November 2015

सितंबर २००८ में पांच बम धमाकों के बाद दिल्ïली पुलिस ने बाटला हाउस में छापा मारा तो कई घंटे की मुठभेड़ हुई। दो आतंकी मारे गए और दो भागने में कामयाब हो गए। मुठभेड़ का विशेषज्ञ मोहन चंद्र शर्मा भी मुठभेड़ में मारा गया, लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस के एक बड़े नेता ने मुठभेड़ को फर्जी करार दे दिया। सपा, बसपा जैसे करीब करीब सभी दलों ने मुठभेड़ को फर्जी बताया। पूरे देश मेें बवाल हुआ, संसद, मानवाधिकार आयोग और अंतत: अदालत ने मुठभेड़ को असली करार दिया।

नवाज क्यों अमेरिकी दिलचस्पी पैदा कर रहे?

Publsihed: 03.Nov.2015, 14:09

नया इंडिया, 03 November 2015

जम्मू-कश्मीर नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की हरकतों का भारत से कड़ा जवाब मिलने का पाकिस्तान पर गहरा असर हुआ है। तभी अक्तूबर में अमेरिका-पाक वार्ता में नवाज़ शरीफ ने इस मुद्दे पर बाराक ओबामा के सामने गहरी चिंता जाहिर की। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की यह महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही हैं कि संयुक्त राष्ट्र मे विफलता के बावजूद वे बाराक ओबामा के साथ साझा बयान मे नियंत्रण रेखा पर तनाव का उल्लेख करवाने में सफल हुए।